दिल्ली-मैनपुरी हाईवे पर रविवार की सुबह करीब 4 बजे एक एसी कोच बस में अचानक आग लगने से यात्रियों के होश उड़ गए। बस चलते समय इंजन के पास से धुआं उठना शुरू हुआ और कुछ ही पलों में आग की लपटें फैल गईं। यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, हर कोई डर के मारे चीखते-चिल्लाते हुए बाहर निकलने लगा। इस दौरान बस के ड्राइवर ने हिम्मत दिखाते हुए तुरंत बस को रोक लिया और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बड़ी तबाही टल गई, लेकिन कई यात्रियों का सामान जलकर राख हो गया। यह हादसा सबको यह सोचने पर मजबूर कर गया कि क्या सुरक्षा इंतजामों में कहीं कमी रह गई थी, और क्या ऐसे हालात में बसों की जाँच और सुरक्षा पर्याप्त है?
आग का कारण शॉर्ट सर्किट, चालक की सतर्कता से बड़ा हादसा टला
पुलिस और दमकल विभाग की शुरुआती जांच में पता चला कि बस में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था। इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी के कारण अचानक आग लगी। ड्राइवर की सतर्कता की वजह से करीब 53 यात्रियों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। क्या आप सोच सकते हैं कि बिना चालक की जागरूकता के क्या होता? फिरोजाबाद के थाना मटसेना इलाके के पास यह हादसा हुआ, जहां प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव का काम संभाल रही है। एक बार फिर यह साबित हुआ कि ड्राइवर की समझदारी और तेजी से निर्णय लेना कितना ज़रूरी होता है।
यात्री बोले- बेटा बच गया वरना बड़ी तबाही होती, बस में चीख-पुकार का माहौल
आग लगने के वक्त बस में मौजूद यात्रियों का कहना था कि वह सबदम घबराए हुए थे। कुछ बोले कि भगवान का बड़ा करम है, वरना यह कोई बड़ा हादसा हो सकता था। कुछ ने बताया कि आग इतनी तेज थी कि चीख-पुकार में पूरा इलाका गूंज उठा। समझ नहीं आ रहा था क्या करना चाहिए। कई यात्रियों के बाल झुलस गए जबकि उनके सामान राख में तब्दील हो गए। एक यात्री ने कहा, "हमने बस के बाहर निकलते वक्त देखा कि धुंआ और आग फैल रही थी, लेकिन ड्राइवर ने विघ्न डालते ही बस रोक दी और सबको बाहर निकाला।"
क्या सुरक्षा इंतजाम और नियमित जांच में कमी है? बस कंपनी से जवाब मांगा जाएगा
यहां सवाल उठता है कि क्या बस में नियमित रूप से विद्युत ब्लॉक्स, वायरिंग और इंजन की जाँच हो रही थी? क्या यात्रियों की सुरक्षा के लिए बचाव के पर्याप्त उपाय थे? यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी है कि बसों की तकनीकी जाँच नियमित रूप से हो। बस कंपनी को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। प्रशासन भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर सकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
सड़क सुरक्षा: दुर्घटना से बचने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
हर रोज़ सड़कों पर कई हजार बसें चलती हैं। उनका संचालन और रख-रखाव कितना पुख्ता होना चाहिए? आम यात्रियों की जान सर्वोपरि है। क्या बसों में इमरजेंसी निकास के रास्ते स्पष्ट और सुरक्षित हैं? क्या चालक और परिचालक को अग्नि सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जाता है? ऐसे कई सवाल हैं जो सरकार और परिवहन विभाग को सोचना चाहिए। क्या यह हादसा हमें चेतावनी नहीं देता कि बड़े हादसे होने से पहले सतर्कता जरूरी है? यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहतर तकनीकी निगरानी, नियमित निरीक्षण और चालक कर्मचारियों को सुरक्षा प्रशिक्षण देना अनिवार्य होना चाहिए।
फिरोजाबाद बस अग्निकांड और यात्रियों की प्रतिक्रिया के बाद प्रशासन की कार्रवाई
फिलहाल, फिरोजाबाद के सदर तहसील के उपजिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि बस आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालकर मदद दी गई। उनके अनुसार इस घटना से जो भी नुकसान हुआ, उसका मूल्यांकन किया जा रहा है और जिम्मेदारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यात्री भी प्रशासन की राहत कार्य की सराहना कर रहे हैं।
क्या अगली बार ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है? आपकी क्या राय है?
बसों में आग लगने की घटनाएं कभी भी कोई नया विषय नहीं हैं, लेकिन हर बार इन्हें टालने के लिए कौन से ठोस कदम उठाए गए, यह बड़ा सवाल है। क्या बसों में अग्नि सुरक्षा के उपाय पूरी तरह से अपनाए जा रहे हैं? क्या चेतावनी संकेतों पर सही जांच होती है? और सबसे अहम ये कि यदि कोई आपदा आती है, तो यात्रियों की जान बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं? इस लेख के जरिए पाठकों से भी यह सवाल पूछा जा सकता है कि वे अपने सफर के दौरान किन किन बातों का ध्यान रखते हैं ताकि वे सुरक्षित रह सकें।












