Delhi NCR : के आसमान में रहस्यमयी चमकते गोले, एक्सपर्ट ने बताया असली सच

दिल्ली-NCR की रात अचानक रहस्यमयी नजारों से भर गई जब लोगों ने आसमान में गोल आकार के चमकदार उजाले को देखा। कुछ सेकंड तक चली इस तेज रोशनी ने राहगीरों और घरों की खिड़कियों पर खड़े लोगों को चौंका दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इसे UFO, टूटता तारा या कुछ और मान रहे हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स ने साफ किया है कि इसका सच बिल्कुल अलग है और डरने की कोई बात नहीं है।

Delhi NCR : के आसमान में रहस्यमयी चमकते गोले, एक्सपर्ट ने बताया असली सच

दिल्ली-NCR में शुक्रवार रात का नजारा कुछ ऐसा था जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। रात करीब नौ बजे अचानक आसमान में रहस्यमयी चमकते गोले दिखाई देने लगे। लोगों ने बताया कि यह चमकदार फ्लैश केवल कुछ सेकंड तक ही रहा लेकिन इतनी तेज थी कि सड़कों की बत्तियां और घरों की रोशनी एक पल के लिए फीकी लगने लगी। जैसे ही लोगों ने आसमान की ओर देखा, कई जगह से इसका वीडियो रिकॉर्ड किया गया और अब सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हो रहा है।

 

लोगों ने इसे टूटता तारा या उल्का पिंड समझा, लेकिन हुआ कुछ और

ऐसे नजारे अक्सर लोग टूटते तारे या उल्का पिंड से जोड़ते हैं। बहुत से लोगों ने कैमरे निकाल लिए और रिकॉर्डिंग करने लगे। कुछ ने कहा कि आसमान में जैसे आग का गोला चमका और आंखों पर एक पल के लिए तेज चमक पड़ी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना आम टूटते तारे जैसी नहीं थी। टूटते तारे या उल्का पिंड आमतौर पर पतली रेखा या चिंगारी की तरह दिखाई देते हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग था और आकार में गोले जैसे कई उजाले दिखे।

 

सोशल मीडिया पर छाए वायरल वीडियो और लोगों की प्रतिक्रियाएं

जैसे ही ये रहस्यमयी चमकते गोले दिखाई दिए, ट्विटर और फेसबुक पर वीडियो क्लिप्स की बाढ़ आ गई। किसी ने लिखा, "ऐसा लगा जैसे आसमान फट गया हो", तो किसी ने कहा, "यह तो UFO यानी किसी एलियन स्पेसक्राफ्ट जैसा दिख रहा था।" कई लोगों ने मजाक में लिखा कि यह दुनिया खत्म होने का संकेत है। वहीं बच्चों और युवाओं में इसको लेकर खासा रोमांच देखने को मिला, क्योंकि ऐसी घटना दिल्ली-NCR जैसे रोशनी से जगमगाते शहरों में शायद ही कभी देखने को मिलती है।

विशेषज्ञों ने बताया क्या हो सकता है यह चमकदार नजारा

दिल्ली यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर अजय सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। उनके मुताबिक, यह किसी उपग्रह या रॉकेट का हिस्सा हो सकता है, जो ऊपरी वायुमंडल में प्रवेश करते ही चमक उठा हो। उन्होंने कहा, "यह साफ दिख रहा है कि यह उल्का पिंड नहीं था, क्योंकि उसका पैटर्न बिल्कुल अलग होता है। यहां हमें गोलाकार और एक से अधिक चमकीले बिंदु दिखाई दिए। यह स्पेस डेब्रिस (Space Debris) यानी अंतरिक्ष का कचरा भी हो सकता है।"

स्पेस डेब्रिस क्या होता है और क्यों बन रहा है चिंता का कारण

स्पेस डेब्रिस दरअसल वे टुकड़े होते हैं जो पुराने उपग्रहों, रॉकेट लॉन्च या अंतरिक्ष में छोड़ी गई मानव निर्मित मशीनों से टूटकर धरती के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं। जब ये पृथ्वी की ओर गिरते हैं तो हवाओं से रगड़ खाते हुए इतनी तेज गर्मी पैदा करते हैं कि आग की तरह चमक उठते हैं। इन्हें देखकर अक्सर लोग टूटता तारा समझ बैठते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बीते कुछ सालों में अंतरिक्ष में ऐसे कचरे की मात्रा तेजी से बढ़ी है और यह भविष्य में चिंता का कारण बन सकता है।

 

लोगों में फैली दहशत और रातभर चली चर्चा

दिल्ली-एनसीआर में इस घटना के बाद लोगों ने रातभर सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए। कुछ कॉल सेंटर के कर्मचारी जो उस समय नाइट शिफ्ट में काम कर रहे थे, उन्होंने लिखा कि ऑफिस की खिड़की से अचानक ऐसी चमक आई कि लगा जैसे भूकंप आ गया हो। वहीं कई परिवार बच्चों के साथ छत पर निकल आए और उत्सुकता से पूछने लगे कि आखिर यह क्या है। हालांकि विशेषज्ञों ने तुरंत स्पष्टीकरण देकर हालात को सामान्य कर दिया, लेकिन इसने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर हम रोजमर्रा की जिंदगी में कितने रहस्यमयी नजारों से अंजान रहते हैं।

 

क्या यह घटना फिर से देखने को मिलेगी?

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी घटनाएं अचानक होती हैं और इन्हें पहले से भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है। जब भी कोई बड़ा उपग्रह या स्पेस डेब्रिस वायुमंडल में प्रवेश करता है तो कुछ सेकंड का चमकदार नजारा सामने आ ही जाता है। दिल्ली जैसे बड़े शहर में जहां रोशनी बहुत ज्यादा रहती है, वहां ऐसी चीजें कम दिखाई देती हैं। लेकिन चूंकि यह इस बार काफी तेज थी, इसलिए हर किसी की नजर आसानी से उस पर चली गई।

 

नासा और इसरो जैसी एजेंसियां लगातार कर रही हैं निगरानी

अंतरिक्ष की किसी भी गतिविधि पर NASA और ISRO जैसी एजेंसियां नजर रखती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार शायद किसी पुराने उपग्रह का हिस्सा पृथ्वी की कक्षा में भटकते हुए वायुमंडल में घुस गया। जब यह टुकड़ा हवा से टकराया तो रगड़ की वजह से आग की लपटें उठीं और लोगों को चमकते गोले नजर आने लगे। हालांकि ऐसी गतिविधियां खतरनाक नहीं होतीं क्योंकि वायुमंडल में घुसते ही अधिकांश टुकड़े जलकर खत्म हो जाते हैं।

 

लोगों के मन में उठ रहे सवालों का जवाब

इस घटना के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या इससे कोई खतरा है? क्या यह धरती से टकराकर नुकसान पहुंचा सकता है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी कोई संभावना नहीं है। स्पेस डेब्रिस वायुमंडल में पहुंचते ही जल जाता है और धरती तक मुश्किल से ही छोटे-छोटे टुकड़े पहुंच पाते हैं। यह नजारा सिर्फ कुछ घूमते और जलते अवशेषों का ही था।

 

रहस्यमयी घटनाओं से जुड़ी जिज्ञासा और भविष्य की सीख

दिल्ली-NCR जैसी जगह पर जब इस तरह का नजारा दिखता है तो लोग इसे रहस्यमयी घटना के रूप में देखते हैं। यह हमारी जिज्ञासा को भी बढ़ाता है और हमें यह सिखाता है कि अंतरिक्ष और तकनीक के बीच अभी भी बहुत कुछ ऐसा है जो हमें जानना बाकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में अगर स्पेस डेब्रिस की संख्या ऐसे ही बढ़ती रही तो वैज्ञानिकों को बड़े स्तर पर समाधान ढूंढना होगा। लेकिन फिलहाल दिल्ली की यह घटना लोगों के लिए बस एक यादगार और रोमांचक अनुभव बन गई है।

इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आसमान हमारे लिए अब भी रहस्यों से भरा हुआ है। लोग इसे देखकर भले ही डर गए हों या उत्साहित हो गए हों, पर एक बात साफ है कि ऐसी घटनाएं हमें प्राकृतिक शक्तियों और अंतरिक्ष की ताकत का एहसास कराती हैं।