दिल्ली-NCR में एक नया कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसे लोग आमतौर पर गले लगने का कारोबार कह रहे हैं। इस कारोबार में युवाओं को किसी से दोस्ती करने का झांसा देकर उनसे संपर्क बनाकर उनसे पैसे वसूलने की कोशिश की जाती है। लेकिन इस दोस्ती के पीछे का सच अक्सर कुछ और ही होता है। यह कारोबार धीरे-धीरे लोगों के बीच में फैल रहा है और अब यह केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गया है।
कैसे होता है ये कारोबार?
इस कारोबार में लड़के या लड़कियां किसी को दोस्त बनाने का दावा करते हैं। वे बहुत मीठे-मीठे शब्दों में अपनी बात रखते हैं, जिससे सामने वाला व्यक्ति आसानी से विश्वास कर लेता है। शुरुआत में वे सिर्फ दोस्ती की बात करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनसे ज्यादा व्यक्तिगत बातें करके उनका भरोसा जीतते हैं। इसके बाद, वे 'हैप्पी एंडिंग' वाली बातें करने लगते हैं, जो कि उनकी असली मंशा को जाहिर करती हैं।
दोस्ती के नाम पर क्या किया जाता है?
यहां दोस्ती का झांसा देकर लोगों से मिलने का वादा किया जाता है। कई बार यह पता चलता है कि ये दोस्त असल में पैसे कमाने के लिए या किसी अन्य गलत मकसद से जुड़े होते हैं। वे न सिर्फ मिलते हैं, बल्कि 'हैप्पी एंडिंग' के लिए मनाना शुरू कर देते हैं। यह एक तरह से जबरदस्ती या झूठे वादों के द्वारा पैसे वसूलने की रणनीति होती है।
क्यों बढ़ रहा है यह झांसा?
दिल्ली-NCR में युवाओं की संख्या काफी अधिक है और कई लोग अकेलेपन या दोस्ती की तलाश में होते हैं। इन कमजोरियों का फायदा उठाकर इस तरह के लोग लोगों को फंसाते हैं। खासकर कॉलेज जाने वाले और नौकरी करने वाले युवा इस झांसे में आसानी से आ जाते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से इस कारोबार को फैलाना और आसान हो गया है। इससे यह कारोबार अब और तेजी से बढ़ रहा है।
इस कारोबार का फैलाव क्यों खतरनाक है?
जब दोस्ती और गले लगाने जैसी मासूमियत के पीछे छुपा किया गया मकसद सामने आता है तो कई लोगों का भरोसा टूटता है। यह घटना मानसिक और भावनात्मक चोट भी पहुंचा सकती है। युवाओं के बीच यह गलत संदेश फैलता है कि दोस्ती और भावनाएं केवल पैसे की दौड़ हैं, जो समाज के लिए सही नहीं है। साथ ही, इस तरह की घटनाएं महिलाओं और पुरुषों दोनों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं।
रोजाना कितनी घटना सामने आती हैं?
हालांकि इस मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन तक कम ही शिकायतें पहुंचती हैं, फिर भी इसी सप्ताह कुछ केस पुलिस के पास रिपोर्ट हुए हैं जिसमें पीड़ितों ने बताया है कि उन्हें इस तरह के झांसे में फंसाया गया। यह दर्शाता है कि यह कारोबार कई इलाकों में गुप्त तरीके से चल रहा है और धीरे-धीरे सामने आ रहा है।
इस समस्या से बचने के उपाय क्या हैं?
सबसे जरूरी है कि लोग इस तरह के झांसे के प्रति सतर्क रहें। किसी भी नए दोस्त या परिचित पर तुरंत भरोसा करना गलत हो सकता है। अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सावधानी से साझा करें। सोशल मीडिया पर ज्यादा खुले तौर पर दोस्त बनने से बचें। यदि कोई दोस्ती जल्दी-जल्दी गहरी करने की बात करे, तो सावधानी बरतें। साथ ही, परिवार और दोस्तों से इस बारे में बातें करें और उनसे सलाह लें।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस कारोबार पर काबू पाने के लिए विशेष टीमों का गठन शुरू किया है। वे लोग जो इस तरह के झांसे में फंसाते हैं, उनकी पहचान करने और कानूनी कार्रवाई करने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि लोग इस बारे में सचेत रहें और अपनी सुरक्षा पर ध्यान दें।
समाज के लिए जरूरी संदेश
इस तरह के कारोबार से बचना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जब तक हम अपने आसपास के लोगों के प्रति सावधान नहीं होंगे, तब तक ऐसे लोग लगातार सक्रिय रहेंगे। दोस्ती और भावनाओं का सम्मान करें और धोखे से बचें। अपने आसपास के लोगों को भी इस मुद्दे से अवगत कराएं ताकि वे सुरक्षित रहें। यही समय है जब हम अपनी युवाओं को सचेत करें और उन्हें छोड़ दें ऐसे झांसे से, जो उनकी सुरक्षा और सम्मान को खतरे में डालते हैं।
दिल्ली-NCR में गले लगने का यह कारोबार एक नयी चुनौती बनकर उभर रहा है। यह केवल एक झांसे का मामला नहीं बल्कि युवाओं के लिए मानसिक और सामाजिक खतरा भी बनता जा रहा है। इसलिए, इस विषय में सभी को जागरूक होकर इस तरह के कारोबार से खुद और अपने परिचितों को सुरक्षित रखने की जरूरत है। सही जानकारी और संवेदनशीलता से ही इस समस्या का समाधान हो सकता है।
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Gaurav Jha
मैं गौरव झा, GCShorts.com पर संपादकीय दिशा, SEO और प्लेटफ़ॉर्म के तकनीकी संचालन का नेतृत्व करता हूँ। मेरा फोकस तेज़, मोबाइल-फर्स्ट अनुभव, स्पष्ट सूचना संरचना और मज़बूत स्ट्रक्चर्ड डेटा पर है, ताकि पाठकों तक भरोसेमंद खबरें शीघ्र और साफ़ तरीके से पहुँचें। पाठकों और समुदाय से मिलने वाले सुझाव/फ़ीडबैक मेरे लिए अहम हैं उन्हीं के आधार पर कवरेज, UX और परफ़ॉर्मेंस में लगातार सुधार करता रहता हूँ।