राजधानी दिल्ली में रफ्तार का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ताज़ा घटना में एक कार अनियंत्रित होकर फ्लाईओवर की रेलिंग तोड़ते हुए सीधे नीचे रेलवे ट्रैक पर जा गिरी। यह हादसा देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं। हादसे के चलते कुछ समय के लिए रेलवे सेवाएं भी ठप हो गईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक तेज रफ्तार जानलेवा साबित होती रहेगी।
हादसे की पूरी तस्वीर, देखते ही लोगों की सांसें थम गईं
घटना शनिवार देर रात की बताई जा रही है, जब दिल्ली के व्यस्त फ्लाईओवर से गुजर रही एक कार अचानक तेज रफ्तार में बेकाबू हो गई। चश्मदीदों का कहना है कि चालक ने जैसे ही कार पर नियंत्रण खोया, वह लहराती हुई फ्लाईओवर की रेलिंग से टकराई और रेलिंग तोड़ते हुए नीचे गिर गई। कार सीधा रेलवे ट्रैक पर जा गिरी। तेज आवाज सुनकर वहां मौजूद लोग घबरा गए और मौके पर अफरातफरी मच गई।
रेलवे ट्रैक पर रुक गई ट्रेनें, यात्रियों की जान सांसत में
कार के ट्रैक पर गिरते ही रेलवे अधिकारियों को तुरंत अलर्ट किया गया। सुरक्षा कारणों से सभी ट्रेनों की रफ्तार रोक दी गई। कई गाड़ियां अलग-अलग स्टेशनों पर खड़ी रहीं जिससे यात्रियों को भारी दिक्कत उठानी पड़ी। लोग ट्रेन के अंदर बैठे-बैठे चिंतित रहे कि आखिर ऐसा क्या हुआ है। बाद में जब जानकारी मिली कि फ्लाईओवर से गिरी कार रेलवे लाइन को बाधित कर रही है, तब ज्यादातर लोग हैरान रह गए।
पुलिस और दमकल की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं
घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस और दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया और कार को रेलवे लाइन से हटाने की कोशिशें तेज कर दी गईं। गनीमत यह रही कि हादसे के समय किसी ट्रेन की सीधी टक्कर नहीं हुई। अगर ऐसा हो जाता तो यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि सभी यात्रियों और आसपास मौजूद लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद ही रेलवे सेवाओं को दोबारा शुरू किया गया।
चालक की हालत और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
जानकारी के अनुसार कार चालक गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि फ्लाईओवर पर अक्सर वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं और कई बार लोग लापरवाही भरी ड्राइविंग करते हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को इस फ्लाईओवर पर अधिक तेज रफ्तार कार चलाने वालों के खिलाफ सख्ती करनी चाहिए ताकि इस तरह के हादसे दोबारा न हों।
तेज रफ्तार और लापरवाही भरी ड्राइविंग बढ़ा रही है खतरे
दिल्ली में हादसों की बढ़ती संख्या एक चिंताजनक संकेत है। हर साल सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। अधिकतर मामलों में वजह केवल एक ही निकलकर आती है – तेज रफ्तार। चालक मानो सड़क पर नियमों को भूल जाते हैं, हेलमेट और सीट बेल्ट की परवाह नहीं करते और मोबाइल फोन के इस्तेमाल जैसी गलतियां भी करते हैं। यही कारण है कि समय-समय पर तेज रफ्तार कार भयानक हादसों का कारण बन जाती है।
हादसे से रेलवे सेवा पर पड़ा असर और जांच शुरू
इस हादसे के तुरंत बाद रेलवे की ओर से एक जांच कमेटी गठित की गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि रेलिंग इतने आसानी से कैसे टूट गई। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए फ्लाईओवर पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय अपनाने होंगे। कुछ घंटों की मशक्कत के बाद रेलवे लाइन से कार हटाई गई, तब जाकर ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो सका।
स्थानीय स्तर पर गुस्सा और सवाल
लोगों का सवाल है कि आखिर क्यों बार-बार इसी तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं। आसपास के लोग बताते हैं कि इस फ्लाईओवर पर रात के समय तेज रफ्तार गाड़ियां आम बात हैं। प्रशासन ने कई बार गति सीमा के संकेत लगाए, लेकिन लोग अक्सर उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अब लोग यह मांग कर रहे हैं कि सीसीटीवी कैमरों और चालान जैसी सख्त कार्यवाही की जाए, ताकि चालकों पर लगाम लग सके।
दिल्ली में सड़क सुरक्षा की बड़ी चुनौती
दिल्ली भारत की सबसे व्यस्त सड़कों वाले शहरों में गिनी जाती है। यहां हर रोज लाखों वाहन चलते हैं और इसके साथ ही खतरे भी बढ़ते हैं। ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों की मानसिकता बदलनी होगी। सिर्फ पुलिस का चालान करना पर्याप्त नहीं, बल्कि लोगों को खुद समझना होगा कि तेज रफ्तार कार ज़िंदगी की दुश्मन भी बन सकती है।
भविष्य के लिए क्या कदम उठाने होंगे
इस हादसे के बाद सवाल उठता है कि समाधान क्या है। क्या प्रशासन हर जगह स्पीड कैमरा लगाएगा, क्या फ्लाईओवर की रेलिंग मजबूत की जाएगी, या फिर लोगों में जागरूकता आएगी? दिल्ली जैसे बड़े शहर में ट्रैफिक नियम सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि सड़क पर नज़र आने चाहिए। अगर हम अब नहीं चेते तो हो सकता है अगली बार का हादसा और बड़ा और घातक हो।