गांव में एक साधारण परिवार में बेटी की शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। घर में चारों ओर खुशियों की रौनक थी, रिश्तेदार आ चुके थे। जैसे-जैसे बारात नजदीक आई तो परिवार वालों के चेहरे पर उत्साह दिखने लगा। लोग द्वारचार की रस्म के इंतजार में थे, लेकिन अचानक दूल्हे पक्ष ने दहेज की नई मांग सामने रख दी।
दूल्हा द्वारचार से पहले दहेज मांगने पर अड़ गया, बाराती भी उसमें शामिल हो गए
जब द्वारचार की रस्म शुरू होने वाली थी, दूल्हे ने अपने परिवार के साथ मिलकर पैसे और गहनों की एक तय रकम की मांग कर दी। लड़की के घरवालों ने पहले ही तय दहेज दे दिया था, लेकिन दूल्हे के चाचा और पिता ने और पैसे मांगे। पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया, लड़की के पिता ने समझाने की कोशिश की, लेकिन बाराती अपनी जिद पर अड़े रहे।
लड़की और उसके परिवार ने इज्जत के साथ शादी तोड़ने का लिया फैसला
दहेज की मांग इतनी बढ़ गई कि लड़की और उसकी मां बहुत दुखी हो गईं। लड़की को समझाया कि यदि शादी इसी तरह हुई तो जीवन में हमेशा कड़वाहट रहेगी। लड़की ने अपने माता-पिता का समर्थन किया और दूल्हे को शादी से इंकार कर दिया। इस साहसिक फैसले के बाद बाराती हैरान रह गए।
ये #बाराबंकी की मोहिनी हैं...शादी जिससे फिक्स हुई वो लड़का पसंद नहीं था.. बारात दरवाजे पर आ गई. लेकिन मंडप में मांग प्रेमी ने भरी..इनका कहना है दुल्हा दहेज में डेढ़ लाख रूपये मांग रहा था..शादी से मना किया.. सामने प्रेमी था उसने मौका देखा और मांग भर दी pic.twitter.com/m5VMIse7FJ
— RupendraVyadav/रुपेन्द्र🇮🇳 (@RupendraVyadav) September 26, 2025
दीदी के देवर ने किया एक अनोखा फैसला, समाज में मिसाल बनी यह शादी
जिस समय परिवार परेशान था, लड़की की बड़ी बहन के देवर, जो शादी में आए थे, आगे बढ़े। उन्होंने सबके सामने शादी की इच्छा जाहिर की और लड़की के माता-पिता से अनुमति मांगी। परिवार और रिश्तेदारों ने चर्चा के बाद उनकी ईमानदारी, समझदारी और साहसिक फैसले की तारीफ की। माता-पिता ने खुशी-खुशी रिश्ता तय कर दिया।
रिश्तेदारों और गांववालों ने दिखाई समर्थन, सबके सामने भर दी मांग
अगले ही पल दीदी के देवर ने लड़की की मांग भरी। पूरा माहौल खुशियों से भर गया, बाराती और दूल्हा पक्ष बेइज्जत होकर लौट गए। गांव के लोगों ने इस फैसले को सराहा और कहा कि दहेज की दर्दनाक परंपरा को खत्म करने का यह असली तरीका है। मांग भरने के बाद दोनों की शादीसंपन्न हुई।
शादी की रस्में बनीं यादगार, दहेज के विरोध में मिली समाज को नई सीख
शादी के बाद लड़की और उसके नए पति ने परिवार को भरोसा दिलाया कि वे साथ मिलकर जीवन जीएंगे। दहेज की वजह से टूटी शादी को पीड़ा तो हुई लेकिन नया रिश्ता सम्मान और समझदारी के साथ बना। गांव के लोगों ने भी इस शादी को बेहद खास बताया और बताया कि ऐसे उदाहरण पूरे समाज को बदल सकते हैं।
दहेज परंपरा से जुड़ी कड़वी सच्चाई, पर समाज को नई राह दिखाता है यह फैसला
भारत में आज भी कई जगह दहेज की मांग से बेटियों का घर उजड़ जाता है। यह घटना साबित करती है कि अगर परिवार और खुद लड़की मजबूत हों तो हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। दीदी के देवर का साहस और परिवार का समर्थन समाज के लिए मिसाल है। ऐसे घटनाओं से लड़कियों को हौसला मिलता है कि वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं।
समाज के लिए संदेश – सम्मान की शादी हमेशा दहेज से ऊपर होती है
इस शादी का सबसे बड़ा संदेश यही है कि इज्जत और समझदारी से जीवन के फैसले लिए जाएं। दहेज के सामने समर्पण मत करें, मजबूत बनें। दीदी के देवर ने जिस तरह परिवार की इज्जत बचाई, और लड़की की मांग भरी, वह समाज के लिए प्रेरणा है। हर किसी को ऐसे अन्याय के सामने डटकर खड़ा रहना चाहिए।