दिवाली का त्योहार सिर्फ रोशनी और रंगों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें स्वादिष्ट व्यंजन और पारंपरिक मिठाइयाँ भी खास महत्व रखती हैं। नमकीन स्नैक्स, मिठाइयाँ और मुख्य भोजन परिवार और मेहमानों की खुशियों को बढ़ाते हैं। मोतीचूर लड्डू, गुलाब जामुन, काजू कतली, बेसन लड्डू, रसगुल्ला और मोहनथाल जैसी मिठाइयाँ न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि प्रत्येक का इतिहास और सांस्कृतिक महत्व दिवाली के उत्सव को और भी यादगार बनाता है।
✨
दिवाली की थाली: स्वाद और परंपरा का संगम
खबर का सार AI ने दिया · News Team ने रिव्यु किया
दिवाली रोशनी के साथ-साथ स्वादिष्ट पारंपरिक और आधुनिक व्यंजनों का त्योहार है।
त्योहार में शक्करपारे, मठरी जैसे नमकीन स्नैक्स और गुजिया, बेसन लड्डू जैसी मिठाइयाँ खास होती हैं।
मुख्य भोजन में दाल मखनी, छोले पूरी और पनीर के व्यंजन शामिल होते हैं।
दिवाली भारतीय त्यौहारों में सबसे खास माना जाता है, जिसमें रोशनी के साथ-साथ स्वादिष्ट व्यंजनों का भी अपना एक अलग महत्व होता है। दिवाली के दिन घरों में तरह-तरह के पारंपरिक और आधुनिक व्यंजन बनाए जाते हैं जो पूरे परिवार और मेहमानों के लिए खास होते हैं।
दिवाली के व्यंजनों की शुरुआत नमकीन स्नैक्स से होती है। इन नमकीनों में शक्करपारे, मठरी, नमकपारे, और चिवड़ा शामिल हैं, जो जोरदार मसालों और घी की खुशबू से भरपूर होते हैं। बच्चों और बड़ों को ये कुरकुरे नाश्ते बेहद पसंद आते हैं और ये सुबह की चाय या किसी भी वक्त के लिए उपयुक्त होते हैं।
दिवाली की मिठाइयों का कहना ही क्या, ये त्यौहार के मुख्य आकर्षण होते हैं। गुजिया, जो मीठी और भरवां होती है, हर घर की पहली पसंद रहती है। इसके अलावा काजू कतली, बेसन के लड्डू, बर्फी, रसगुल्ले और गुलाब जामुन जैसे पारंपरिक मिठाई भी दिवाली की शोभा बढ़ाते हैं। इन मिठाइयों की मिठास और खुशबू त्योहार की फीलिंग्स को दोगुना कर देती है।
मुख्य भोजन में आमतौर पर दाल मखनी, छोले पूरी, पनीर आधारित व्यंजन, जैसे पनीर दो प्याज़ा और वेजिटेबल करी बनाए जाते हैं। इन व्यंजनों के साथ जीरा चावल, रोटी या नान परोसा जाता है, जो दिवाली के खाने को संतुलित और स्वादिष्ट बनाते हैं।
बच्चों के लिए दिवाली में हल्के और सरल व्यंजन तैयार करने की सलाह दी जाती है। आलू टिक्की, हरा भरा कबाब, और हल्के मसालों वाले स्नैक्स बच्चों में लोकप्रिय होते हैं। मिठाइयों में भी कम मीठे विकल्प या बेसन के लड्डू जैसे पोषक हल्के विकल्प बनाए जा सकते हैं।
दिवाली पर खाने के व्यंजन न केवल स्वाद में खास होते हैं, बल्कि ये पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करते हैं और परंपराओं को बनाए रखने में मदद करते हैं। हर व्यंजन के पीछे एक कहानी, एक परंपरा और एक याद होती है, जो दिवाली को और भी खास बना देती है।
इस प्रकार, दिवाली का खाना सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि एक त्योहार की खुशियों, प्यार और सांस्कृतिक विरासत का संगम है। इसे घर में बनाकर और साझा करके हम अपने परिवार में खुशियाँ और मिठास फैलाते हैं।
दिवाली पर मिठाइयों का विशेष महत्व होता है। मिठाइयाँ न सिर्फ त्योहार की मिठास बढ़ाती हैं, बल्कि हर मिठाई के पीछे एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कहानी छिपी होती है। यहाँ 6 लोकप्रिय दिवाली मिठाइयों और उनकी संक्षिप्त इतिहास का वर्णन है:
1. मोतीचूर लड्डू: मोतीचूर लड्डू अपने छोटी-छोटी बूंदी के कणों से बनता है, जो शक्कर के सिरप में डूबे होते हैं। यह मिठाई खास तौर पर उत्तर भारत में प्रिय है। राजसी भोजों में इसका स्थान सदियों से बना हुआ है और यह शादियों तथा त्योहारों की शान बढ़ाता है।
फाइल फोटो : मोतीचूर लड्डू बनाने की आसान विधि
2. गुलाब जामुन: यह देश भर में सबसे लोकप्रिय मिठाइयों में से एक है। दूध के खोए से बनाये जाने वाले गहरे भूरे रंग के ये दूध के गोले गुलाबी-गुलाब जल वाले सिरप में डूबे होते हैं। इसका इतिहास Mughal काल तक जाता है, जहाँ इसे सम्राटों के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता था।
फाइल फोटो : गुलाब जामुन
3. काजू कतली: काजू कतली भारत के समृद्ध मिठाई भंडारों में एक प्रमुख स्थान रखती है। काजू और चीनी से बनी यह पतली और चमकीली बर्फी दिवाली के उपहारों का पसंदीदा हिस्सा होती है। इसका इतिहास प्राचीन है, माना जाता है कि यह राजसी मिठाई रही है।
फाइल फोटो : काजू कतली
4. बेसन लड्डू: बेसन यानी चने के आटे से बने ये लड्डू हर त्योहार पर घरों में पाए जाते हैं। यह मिठाई राजस्थान और उत्तर भारत में खास लोकप्रिय है, जहां इसे पारंपरिक औषधीय गुणों के साथ जोड़ा जाता है।
फाइल फोटो : बेसन लड्डू
5. रसगुल्ला: बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई रसगुल्ला, जो छेना और शक्कर के सिरप से बनती है, अपने नरम, फूले हुए और रसदार स्वरूप के लिए दुनियाभर में जानी जाती है। यह मिठाई पहली बार बंगाली सांस्कृतिक उत्सवों में लोकप्रिय हुई।
फाइल फोटो : रसगुल्ला
6. मोहनथाल: यह गुजरात और राजस्थान की पारंपरिक मिठाई है, जो भुने हुए बेसन, घी और मेवों से बनती है। इसका स्वाद मलाईदार और सूखा होता है, और इसका इतिहास कई सौ वर्षों पुराना है, जिससे यह त्योहारों की खास मिठास बनती है।
फाइल फोटो : मोहनथाल
इन मिठाइयों का सेवन न केवल दिवाली की खुशी को बढ़ाता है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत से भी जोड़ता है। हर मिठाई में बनावट, स्वाद, और इतिहास का दुर्लभ संगम होता है, जो दिवाली को और भी यादगार बना देता है। इन मिठाइयों को अपने त्योहार के भोजन मेन्यू में जरूर शामिल करें और परिवार एवं मित्रों के साथ इस मिठास को बांटें।
रागिनी शर्मा खाने-पीने की शौकीन और स्वाद की खोज में हमेशा नई रेसिपी आज़माने वाली एक भावनात्मक लेखिका हैं। देसी घरों की पुरानी खुशबू से लेकर मॉडर्न किचन की नई तकनीकों तक, उन्हें हर स्वाद में एक कहानी मिलती है। उनके लेखों में सिर्फ पकवान नहीं, बल्कि घर की रसोई की वो गर्माहट झलकती है जो परिवार को जोड़ती है।