Bihar Assembly Election: इन दिनों बिहार चुनाव जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह बनी है दुलारचंद यादव की हत्या, जिसके बाद मोकामा विधानसभा क्षेत्र अचानक राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बन गया है।
इस हत्याएंवारदात को अंजाम 30 अक्टूबर की शाम करीब 3:30 बजे मोकामा में दिया गया था. सूत्रों के मुताबित इस वारदात के पीछे का हाथ अनंत सिंह का बताया जा रहा है सन 1990 से लेकर बिहार विधानसभा सीट पर अनंत सिंह के परिवार का ही राज रहा है है।और मोकामा में अनंत सिंह को "छोटे सरकार" के नाम से भी जाना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक दुलारचंद यादव की हत्या से एक दिन पहले बुधवार देव शाम को गया जिले के टिकरी विधानसभा क्षेत्र से हिंदुस्तानी आता मोर्चा के प्रत्याशी अनिल कुमार पर भी चुनाव प्रचार के दौरान हमला हुआ था.इस चुनावी सरगर्मी के बीच सिवान जिले में दरौंदा थाना क्षेत्र में अनिरुद्ध कुमार नाम के एएसआई की हत्या कर दी गई थी.
बिहार में इस चुनावी दौरान में हो रही हिंसा और घटनाएं बीते अतीत की हिंसा को याद दिलाती है.इन हिंसाओं और घटनाओं ने इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचा रखी है.खासतौर पर दुलारचंद यादव की हत्या को लेकर। दुलारचंद बिहार की राजनीति के दो प्रमुख नेता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे थे और दुलारचंद यादव की हत्या जिस मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई है, वह बिहार की हॉट सीटों में से एक है.
क्या है पूरा मामला
गंगा के दक्षिणी छोर पर बसे जिले के 14 विधानसभा क्षेत्र में से एक मोकामा विधानसभा सीट है इस सीट से हमेशा अनंत सिंह जीतते आ रहे हैं. पटना की सड़कों पर बग्गी दौड़ाने वाले बाहुबली अनंत सिंह के इंटरव्यू और मिम्स सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहे हैं JDU ने उन्हें मोकामा से उम्मीदवार बनाया है तो आरजेडी ने बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है जन स्वराज ने इस सीट से पियूष प्रियदर्शी को अपना उम्मीदवार बनाया है. दुलारचंद यादव जनस्वराज के पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे 30 अक्टूबर की दोपहर करीब 3:00 बजे तारतार गांव और बसावनचक नाम की जगह के बीच जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह के काफिले और पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन के बीच झड़प हुई. पटना के एसपी कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है की करीब 3:30 बजे भदौर थाना अध्यक्ष को सूचना मिली की आनंद सिंह के काफिले पर हमला हुआ है आनंद सिंह के काफिले के पास पहुंचने पर यह सूचना मिली कि जन स्वराज के समर्थनों ने उन पर हमला कर दिया है इसी दौरान घोषपरी थाना अध्यक्ष को भी सूचना मिली कि तारतार गांव के पास दो पक्षों में मारपीट हुई है पुलिस जब पहुंची वहां दो तीन चार चक्का वाहनों का शीशा टूटा हुआ था और एक व्यक्ति का शव वहा गाड़ी में था और इस व्यक्ति की पहचान दुलारचंद यादव के तौर पर की गई अभी पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरे खोज रही है एफएसएल टीम घटनास्थल की जांच कर रही है.मृतक की मौत संदिग्ध है पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और सीसीटीवी कैमरा फुटेज इन सब को एकत्रित कर विश्लेषण के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएगा इस मामले में घोसवारी थाने में अनंत सिंह सहित पांच पर एफआईआर दर्ज हुई है
घोसवरी थाने में दर्ज एफ़आईआर में लिखा है कि रास्ते में आनंद सिंह मिले और दुलारचंद यादव को गाली देने लगे थे दुलारचंद यादव के पोते ने कहा है की दादा ने गाली देने से मना किया जिस पर राजवीर सिंह और कर्मवीर सिंह ने दादा को गाड़ी से बाहर खींच लिया दादा के गाड़ी बाहर आते ही अनंत सिंह ने पिस्तौल निकाली और दादा के बाए पैर की एड़ी में मार दी, एड़ी में गोली लगने से दादा जमीन पर गिर गए उसके बाद छोटन सिंह ने लोहे की रॉड से दादा को मारा और थार गाड़ी से उन्हें कुचल दिया इस घटना पर दुलारचंद यादव के पोते रवि रंजन ने मीडिया से कहा की अरुण सिंह को 24 घंटे में गिरफ्तार किया जाए और हमारे घर वालों को सुरक्षा दी जाए हमारे दादा दुलारचंद यादव को पांव में गोली मारकर उन पर गाड़ी चढ़ाकर मारा गया है. वह तो सिर्फ हंगामा शांत करने गए थे लेकिन इन लोगों ने उन्हें मार दिया


