आजकल इंटरनेट पर एक नया शब्द लगातार सुनाई दे रहा है – फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड। पहली बार जब लोग यह नाम सुनते हैं, तो उन्हें लगता है कि शायद इसका मतलब हवाई जहाज में बिना कपड़ों के यात्रा करना है। लेकिन असल में इस ट्रेंड का इस तरह से कोई मतलब नहीं है। सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। यह ट्रेंड यात्रियों के पैसे बचाने और हवाई सफर को सस्ता बनाने से जुड़ा है। चलिए जानते हैं कि आखिर यह ट्रेंड क्या है और लोग इसकी चर्चा क्यों कर रहे हैं।
फ्लाइंग नैकेड का असली मतलब और क्यों हो रहा है वायरल
‘फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड’ का असली मतलब है हवाई सफर के दौरान सिर्फ ज़रूरी सामान के साथ यात्रा करना। जब यात्री केवल बेहद कम सामान लेकर उड़ान भरते हैं, तब वे एयरलाइंस की महंगी लगेज फीस से बच जाते हैं। कई बार यह फीस टिकट से भी ज्यादा महंगी पड़ जाती है। इस वजह से लोग इंटरनेट पर एक-दूसरे को सुझाव दे रहे हैं कि हवाई यात्रा को ‘फ्लाइंग नैकेड’ तरीके से करें। यानी बस आवश्यक कपड़े, एक छोटा बैग और हल्का सामान लेकर ही उड़ान भरें। इस सरल से विचार ने सोशल मीडिया पर पकड़ बना ली है और देखते ही देखते फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड चर्चा का हिस्सा बन गया।
कैसे शुरू हुआ फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड और किस तरह लोग अपना रहे हैं यह तरीका
बीते कुछ सालों में हवाई यात्रा लगातार महंगी होती गई है। एयरलाइंस कंपनियां टिकट के साथ-साथ हर छोटे-बड़े सामान पर अलग-अलग चार्ज लेने लगीं। यात्री जब बैग या अतिरिक्त लगेज ले जाते हैं तो उन्हें तय सीमा से ज्यादा होने पर भारी शुल्क देना पड़ता है। खासकर लो-कॉस्ट एयरलाइंस इस मामले में बेहद सख्त होती हैं। ऐसे में यात्रियों ने खुद ही एक रास्ता खोज निकाला। उन्होंने तय किया कि वे केवल जरूरत का सामान ही साथ रखेंगे ताकि अतिरिक्त चार्ज न देना पड़े।
धीरे-धीरे यह आदत एक ट्रेंड में बदल गई और लोग इसे इंटरनेट पर मजाकिया नाम देकर साझा करने लगे। यही नाम आगे चलकर ‘फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड’ बन गया। अब सोशल मीडिया पर लोग हल्के बैग के साथ अपनी तस्वीरें और हवाई सफर के अनुभव साझा कर रहे हैं। कई यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर भी इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं ताकि दूसरों को दिखा सकें कि कम सामान लेकर यात्रा करना कितना फायदेमंद हो सकता है।
पैसे बचाने का सबसे आसान तरीका कैसे बना फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड
आज के समय में हर कोई सफर सस्ता करना चाहता है। हवाई टिकट का दाम वैसे ही बढ़ गया है, ऊपर से अगर बैग का वजन ज्यादा हो जाए तो जेब पर और बोझ पड़ जाता है। ऐसे हालात में फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड कई यात्रियों के लिए राहत का उपाय बन गया है। जो लोग नौकरी या काम के लिए बार-बार फ्लाइट पकड़ते हैं, उनके लिए यह तरीका और भी कारगर है क्योंकि इलैक्ट्रॉनिक गैजेट, एक जोड़ी कपड़े और जरूरी कागजों से ज्यादा उन्हें किसी अतिरिक्त चीज़ की जरूरत नहीं होती।
यही कारण है कि अब यह ट्रेंड सिर्फ मनोरंजन या मजाक भर नहीं रह गया, बल्कि वास्तव में पैसे बचाने का नया तरीका माना जा रहा है। कई लोग तो यहां तक कहते हैं कि बिना भारी सामान के यात्रा करने से उन्हें सफर काफी हल्का और आरामदायक भी महसूस होता है।
क्या फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड हर किसी के लिए सही है या इसमें भी दिक्कतें हैं
हालांकि फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड सुनने और देखने में तो मजेदार लगता है, लेकिन यह हर किसी के लिए आसान नहीं है। परिवार के साथ यात्रा कर रहे लोग अक्सर बहुत सारा सामान लेकर चलते हैं। बच्चों का सामान, दवा, खिलौने और जरूरी चीजें भी पैक करनी पड़ती हैं। ऐसे में कम सामान लेकर उड़ान भरना मुश्किल हो जाता है।
इसी तरह, कोई लंबी छुट्टी या विदेश यात्रा कर रहा व्यक्ति भी महज एक छोटा बैग लेकर नहीं जा सकता। वहाँ अलग-अलग मौसम और कई परिस्थितियों के लिए उसे कपड़े और जरूरी सामान चाहिए होता है। इसलिए यह ट्रेंड हर बार लाभकारी हो, यह कहना सही नहीं होगा। लेकिन यह निश्चित है कि छोटे-छोटे सफरों और कम दिन की यात्राओं में इस तरीके को अपनाया जा सकता है।
फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड पर एयरलाइंस कंपनियों का नजरिया और भविष्य में बदलाव की संभावना
अब सवाल उठता है कि एयरलाइंस कंपनियां इस ट्रेंड को कैसे देख रही हैं। असल में एयरलाइंस को यात्रियों से सामान पर अतिरिक्त शुल्क लेकर ही काफी कमाई होती है। अगर बड़ी संख्या में लोग सिर्फ हल्के बैग लेकर उड़ान भरेंगे तो कंपनियों को इस हिस्से से होने वाला फायदा घट सकता है।
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि एयरलाइंस भविष्य में ऐसे यात्रियों को लुभाने के लिए अलग योजनाएं भी पेश कर सकती हैं। हो सकता है कि जो लोग बिना अतिरिक्त बैग लाते हैं, उन्हें खास छूट या बेहतर सीट मिले। हालांकि यह सब अभी केवल संभावनाएं हैं, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड लंबे समय तक चर्चा में रहने वाला है।
हल्के सामान के साथ उड़ान भरने के फायदे और मानसिक सुकून
कम सामान के साथ सफर करने से न सिर्फ पैसे बचते हैं, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। एयरपोर्ट पर बैग तौलने का झंझट नहीं होता। चेक-इन और सुरक्षा जांच जल्दी हो जाती है और यात्रियों को सामान खो जाने की चिंता भी नहीं रहती। कई लोग कहते हैं कि इस तरह का सफर उन्हें बेहद आज़ाद और सुकूनभरा अनुभव देता है।
इसी भावना ने इस ट्रेंड को और मजबूत किया है। यही वजह है कि लोग कहते हैं, अगर आप हल्के होकर उड़ेंगे तो सफर का मज़ा और भी बढ़ जाएगा। शायद इसी सोच को ध्यान में रखकर इसे ‘फ्लाइंग नैकेड’ जैसा नाम दिया गया है।
क्यों यह ट्रेंड बना लोगों का नया पसंदीदा तरीका
अंत में, कहा जा सकता है कि फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड सिर्फ इंटरनेट का कोई मजाक नहीं रह गया, बल्कि यात्रियों की असली समस्या का एक व्यवहारिक समाधान बनकर उभरा है। महंगे टिकट और बढ़ते लगेज शुल्क से परेशान लोगों को इसमें राहत दिख रही है। हालांकि यह ट्रेंड सबके लिए नहीं है और लंबी यात्राओं में इसे अपनाना कठिन है, लेकिन छोटी या ऑफिस की यात्रा के लिए यह बेहद कारगर विकल्प है।
भविष्य में इस ट्रेंड के और भी चर्चित होने की संभावना है क्योंकि हवाई सफर लगातार महंगा हो रहा है। यदि हमें समझना हो कि क्यों आजकल इतना शोर है, तो इसका सीधा जवाब यही है कि लोग अब हल्के होकर उड़ान भरना चाहते हैं। और यही असल मायने हैं ‘फ्लाइंग नैकेड ट्रेंड’ के।