लखनऊ से आई यह घटना दिल दहला देने वाली है। एक स्कूली छात्र ने मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलते-खेलते अपने पिता के बैंक खाते से 13 लाख रुपये उड़ा दिए। यह रकम पिता ने अपनी जमीन बेचकर जमा की थी। जब बच्चा लगातार पैसे खर्च करता रहा तो आखिरकार परिवार पर इतना बड़ा बोझ आ गया कि वह दबाव झेल नहीं पाया और उसने अपनी जिंदगी खत्म कर ली। यह हादसा हर उस परिवार के लिए चेतावनी है जो बच्चों को मोबाइल देते तो हैं, लेकिन उनकी गतिविधियों पर ध्यान नहीं रखते।
कैसे बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं ऑनलाइन गेम
ऑनलाइन गेम बच्चों को रंग-बिरंगी दुनिया में खींच लेते हैं। हर लेवल पर मिलने वाले इनाम, दोस्तों के बीच प्रतिस्पर्धा और नए-नए फीचर बच्चों को बार-बार खेलने के लिए मजबूर करते हैं। फ्री फायर गेम जैसे खेलों में बंदूकें, ड्रेस और स्किन खरीदने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं। शुरुआत में ये छोटे-छोटे खर्च लगते हैं, लेकिन धीरे-धीरे रकम बड़ी होती जाती है। लखनऊ का यह मामला दिखाता है कि यह लत कितनी खतरनाक हो सकती है।
फ्री फायर गेम में पैसे खर्च करने की चाल
फ्री फायर जैसे गेम बच्चों को खास आइटम और स्किन देकर लुभाते हैं। बच्चा सोचता है कि अगर उसके पास महंगे हथियार या कपड़े होंगे तो वह दोस्तों को प्रभावित कर पाएगा। इसी सोच में वे बार-बार पैसे खर्च कर देते हैं। असली समस्या तब होती है जब बैंक खाता या कार्ड मोबाइल से जुड़ा हो और बच्चा बिना समझे रकम खर्च करता रहे।
माता-पिता कैसे बचा सकते हैं अपने पैसे
माता-पिता को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि उनका बैंक खाता या कार्ड सीधे मोबाइल गेम से जुड़ा न हो। सभी पेमेंट ऐप्स में पासवर्ड या पिन ज़रूर लगाएं। गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर दोनों पर यह सुविधा है कि हर खरीदारी से पहले पासवर्ड या फिंगरप्रिंट डालना जरूरी हो। अगर यह सेटिंग एक्टिव रहेगी तो बच्चा बिना पूछे पैसे खर्च नहीं कर पाएगा।
मोबाइल में कौन-सी सेटिंग करनी चाहिए तुरंत
अगर आप बच्चों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो अपने फोन में कुछ सेटिंग्स तुरंत लागू करें। सबसे पहले पेमेंट पासवर्ड ऑन करें। इसके अलावा बच्चों को फोन देते समय गेस्ट प्रोफाइल या किड्स मोड का इस्तेमाल करें। इसमें बैंकिंग ऐप्स या पेमेंट डिटेल्स न डालें। साथ ही फोन की सेटिंग में जाकर ‘इन-ऐप पर्चेस’ बंद कर दें। इससे बच्चे खेल तो पाएंगे, लेकिन पैसों तक उनकी पहुंच नहीं होगी।
क्यों जरूरी है बच्चों को मोबाइल गेम की लत से दूर रखना
पैसों से बड़ा नुकसान बच्चों की सेहत और पढ़ाई पर होता है। लगातार गेम खेलने से उनकी नींद खराब होती है, पढ़ाई पर ध्यान नहीं जाता और मानसिक दबाव बढ़ता है। धीरे-धीरे बच्चा असली जिंदगी से कटने लगता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के साथ वक्त बिताएं, उन्हें खेलकूद और पढ़ाई में व्यस्त रखें। यह देखना जरूरी है कि बच्चा सिर्फ मोबाइल में ही न डूबा रहे।
लखनऊ की घटना से मिली सीख
लखनऊ का यह मामला सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है, यह समाज के लिए एक बड़ा सबक है। बच्चों को स्मार्टफोन देना मजबूरी बन चुका है, लेकिन उन्हें पूरी आज़ादी देना खतरनाक हो सकता है। माता-पिता को समय रहते सतर्क होना होगा। अगर यह परिवार अपने बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखता, तो शायद लाखों रुपये और एक मासूम जान दोनों बच सकते थे।
सरकार और समाज की जिम्मेदारी
यह समस्या केवल घरों तक सीमित नहीं है। मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्री लगातार फैल रही है और बच्चों पर इसका असर साफ दिख रहा है। सरकार को चाहिए कि ऐसे गेम्स पर सख्त निगरानी रखे। कंपनियों को भी यह देखना होगा कि बच्चे आसानी से पैसे खर्च न कर पाएं। स्कूलों और समाज को भी बच्चों को डिजिटल लत से बाहर निकालने के लिए आगे आना होगा।