आज पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती मना रहा है। यह दिन हमारे लिए बेहद खास है क्योंकि आज ही के दिन 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। इस मौके पर देश भर में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
राजघाट पर प्रधानमंत्री की उपस्थिति
आज सुबह-सुबह दिल्ली के राजघाट पर एक विशेष माहौल देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह सात बजकर तीस मिनट पर शुरू हुई सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शामिल हुए। उन्होंने बापू की समाधि पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री जी कुछ देर तक मौन रहकर बापू को याद करते रहे।
राजघाट पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सफेद खादी का कुर्ता पहना हुआ था। वे बापू की समाधि के सामने खड़े होकर दो मिनट तक मौन रहे। इसके बाद उन्होंने समाधि पर गेंदे के फूलों की माला चढ़ाई। यह देखकर वहां मौजूद सभी लोगों के मन में बापू की यादें ताजा हो गईं।
सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन
इस साल गांधी जयंती पर राजघाट में होने वाली प्रार्थना सभा काफी भव्य रूप में आयोजित की गई। सभा में अलग-अलग धर्मों के प्रतिनिधि शामिल हुए। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के लोगों ने मिलकर प्रार्थना की। यह बापू के सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत को दर्शाता है।
प्रार्थना सभा में रघुपति राघव राजाराम का भजन गाया गया। यह गाना बापू को बहुत पसंद था। सभा के दौरान पूरा माहौल शांत और पवित्र था। वहां मौजूद हर व्यक्ति के चेहरे पर बापू के प्रति सम्मान साफ दिख रहा था।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to #MahatmaGandhi at Raj Ghat, on his birth anniversary today.
— ANI (@ANI) October 2, 2025
(Source: DD) pic.twitter.com/GxP3rxNN6f
बापू के आदर्शों की आज भी प्रासंगिकता
महात्मा गांधी के विचार आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने उनके जमाने में थे। उनका अहिंसा का सिद्धांत आज की दुनिया के लिए और भी जरूरी है। जब चारों तरफ हिंसा और नफरत का माहौल दिख रहा है, तब बापू की शिक्षाएं हमें सही रास्ता दिखाती हैं।
गांधी जी हमेशा कहते थे कि सत्य और अहिंसा से कोई भी लड़ाई जीती जा सकती है। उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था, लेकिन बिना हथियार उठाए। यह दुनिया का सबसे बड़ा उदाहरण है कि प्रेम और सत्य की शक्ति कितनी महान है।
स्वच्छता अभियान और गांधी जी के सपने
आज के दिन स्वच्छ भारत अभियान की भी याद आती है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अभियान की शुरुआत गांधी जयंती के दिन ही की थी। बापू का सपना था कि भारत एक साफ-सुथरा देश बने। आज जब हम देखते हैं कि लोग सफाई को लेकर जागरूक हो रहे हैं, तो लगता है कि बापू का सपना पूरा हो रहा है।
गांधी जी कहते थे कि स्वच्छता ईश्वर की पूजा के बराबर है। वे अपनी आश्रम में सभी काम खुद करते थे। सफाई का काम भी वे खुद अपने हाथों से करते थे। यह सिखाता है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
आज के युवाओं के लिए महात्मा गांधी का जीवन एक प्रेरणा है। उन्होंने दिखाया कि मजबूत इरादे और सच्चे मन से कोई भी मुश्किल काम किया जा सकता है। वे एक साधारण आदमी थे, लेकिन उनके विचारों ने पूरी दुनिया को हिला दिया था।
गांधी जी की सादगी भी हमें बहुत कुछ सिखाती है। वे कम से कम चीजों में खुश रहते थे। आज जब लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में परेशान हैं, तब बापू का सादा जीवन और उच्च विचार वाला सिद्धांत बहुत काम आता है।
देश की एकता में गांधी जी का योगदान
राष्ट्रपिता गांधी ने हमेशा देश की एकता पर जोर दिया था। वे कहते थे कि हम सब एक ही देश के बच्चे हैं। जाति, धर्म या भाषा की वजह से हमें बंटना नहीं चाहिए। आज जब कभी-कभी समाज में बंटवारे की बात होती है, तब बापू की यह सीख हमें एक साथ रखती है।
गांधी जी का मानना था कि भारत तभी आगे बढ़ सकता है जब यहां रहने वाले सभी लोग मिलजुलकर काम करें। उनका यह विचार आज भी उतना ही सच है। देश की तरक्की के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा।