इज़रायल और हमास के बीच चली आ रही लड़ाई एक बार फिर भयंकर रूप लेती दिखाई दे रही है। गाजा में इज़रायली सेना ने हाल ही में बड़ा हमला किया, जिसमें कम से कम 32 लोगों की मौत की खबर आई। सुबह से ही गाजा के अलग-अलग इलाकों में बमबारी की आवाजें गूंजती रहीं। आम लोग डर के साए में अपने ठिकानों में छिपे हुए हैं। भारत समेत पूरी दुनिया की नजर इस लड़ाई पर टिकी है, क्योंकि इसमें मासूम लोगों का जीवन खतरे में है।
हमास के हमले से शुरू हुआ तनाव
यह संघर्ष शुरुआत से ही काफी गंभीर रहा है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के उग्रवादियों ने इज़रायल पर अचानक हमला किया था। उस हमले में करीब 1,200 लोगों की जान चली गई और 251 नागरिक बंधक बना लिए गए थे। इसके बाद इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई में गाजा पर जोरदार हमला शुरू किया। युद्ध के दौरान गाजा के नागरिकों की स्थिति बेहद खराब हो गई है।
इज़रायली सेना का ताजा हमला और उसके असर
इस बार इज़रायली सेना ने गाजा शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके में हवाई हमला किया। अस्पतालों के बाहर और बाजारों में मलबे और टूटे घरों के दृश्य आम हो गए हैं। कई घायल बच्चे और बूढ़े अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। गाजा में बिजली, पानी और खाने-पीने की चीजों की भारी कमी है। बमबारी के कारण आम जीवन बिलकुल ठप हो गया है।
बंधकों की हालत और संख्या में बदलाव
हमास ने इज़रायल के हमले में करीब 251 लोगों को बंधक बना लिया था। अब तक खबर है कि 48 बंधक गाजा में मौजूद हैं। इनमें से करीब 20 के जिंदा होने की उम्मीद है, लेकिन उनके परिजन उनके हालात को लेकर बहुत परेशान हैं। इज़रायल सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि बंधकों को सुरक्षित वापस लाया जाए।
गाजा के लोगों की बढ़ती परेशानियां
गाजा में रह रहे लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आए दिन होने वाली बमबारी के कारण इलाके में दहशत का माहौल है। बच्चे स्कूली पढ़ाई छोड़कर अपने परिवार के साथ सुरक्षित ठिकानों में छुपे हुए हैं। अस्पतालों में इलाज के लिए जगह कम पड़ गई है। कई इलाकों में खाने-पीने की चीजें भी कम हो गई हैं। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग अपना घर छोड़कर दूसरे इलाकों में शरण ले रहे हैं।
इज़रायल युद्ध क्यों नहीं रोक पा रहा?
इज़रायल और हमास के बीच पुराना राजनीतिक विवाद है जिसकी वजह से समाधान निकलना मुश्किल है। इज़रायल का कहना है कि जब तक बंधक वापस नहीं मिलते और हमास का आतंक खत्म नहीं होता, तब तक कार्रवाई जारी रहेगी। दूसरी ओर, हमास के नेता भी समझौते के लिए तैयार नहीं दिख रहे। आम नागरिकों की दिक्कतें इसी लड़ाई की भेंट चढ़ रही हैं।
दुनिया भर में इस युद्ध को लेकर चिंता
इस महायुद्ध को लेकर दुनिया भर के देश परेशान हैं। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहता है कि गाजा और इज़रायल में रहने वाले लोग फिर से सुरक्षित माहौल में अपना जीवन जी सकें। भारत भी इस मामले की निगरानी कर रहा है। मानवाधिकार संगठनों द्वारा युद्ध में मारे गए आम नागरिकों की गिनती और उनके अधिकारों की रक्षा की मांग की जा रही है।
गाजा में बच्चों पर युद्ध का असर
गाजा के छोटे बच्चों की हालत भी बेहद खराब है। घर बमबारी में टूट चुके हैं, स्कूल बंद हैं और खेलने का माहौल भी नहीं बचा। बच्चे दिन भर डर के साए में रहते हैं। कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है और उनकी देखभाल करना भी मुश्किल हो रही है। इज़रायली हमला गाजा के मासूम बच्चों की ज़िंदगी पर भी बुरा असर डाल रहा है।
गाजा और इज़रायल की जनता चाहती है शांति
गाजा और इज़रायल की आम जनता अब शांति चाहती है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही युद्ध समाप्त होगा और वे पहले की तरह सामान्य जीवन जी सकेंगे। लोगों को अब सिर्फ शांति और सुरक्षा चाहिए। उम्मीद की जा रही है कि दोनों सरकारें जल्द कोई ऐसा रास्ता निकालें, जिससे और जानें न जाएं और सभी बंधक सुरक्षित लौट आएं।
अभी राहत की उम्मीद दूर
गाजा में इज़रायल का बड़ा हमला गहरी चिंता की वजह बन गया है। आम लोगों की मौत और बंधकों की स्थिति को लेकर हर कोई परेशान है। अभी तक समाधान का कोई ठोस रास्ता नहीं निकला है। जब तक इज़रायल-हमास के बीच कोई समझौता नहीं होता, तब तक गाजा और इज़रायल की जनता की मुश्किलें बनी रहेंगी।