ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या मामला चौथी गिरफ्तारी, निक्की भाटी की दर्दनाक मौत ने हिला दिया समाज
ग्रेटर नोएडा में दहेज प्रथा की क्रूरता का एक भयावह उदाहरण सामने आया है। 26 वर्षीय निक्की भाटी की मौत 21 अगस्त को उसके ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगने से हो गई थी। इस मामले में अब तक चार गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं। ताज़ा जानकारी के अनुसार, पुलिस ने पीड़िता के ससुर सतवीर भाटी को गिरफ्तार कर लिया है।
अब तक की गिरफ्तारियाँ
इस मामले में सबसे पहले निक्की के पति विपिन भाटी, सास दयावती भाटी, और देवर रोहित भाटी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस जांच में सामने आया है कि निक्की को लंबे समय से दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था।
शादी और प्रताड़ना की कहानी
निक्की की शादी साल 2016 में ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में हुई थी। हैरानी की बात यह है कि निक्की और उसकी बहन कंचन, एक ही परिवार के दो भाइयों से ब्याही गई थीं। परिवार का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष ने निक्की पर 36 लाख रुपये नकद और एक लग्जरी कार लाने का दबाव बनाया।सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हुए, जिनमें निक्की को बेरहमी से पीटा जा रहा है और उसके बाल खींचे जा रहे हैं। इन वीडियोज़ ने समाज को झकझोर दिया है और दहेज प्रथा की भयावह सच्चाई को उजागर किया है।
विवाद की शुरुआत और दर्दनाक अंत
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विवाद की शुरुआत निक्की द्वारा इंस्टाग्राम पर रील पोस्ट करने और अपना ब्यूटी पार्लर दोबारा खोलने की इच्छा जताने से हुई थी। पूछताछ में निक्की के पति विपिन ने चौंकाने वाला बयान दिया कि उसे अपनी पत्नी की मौत का कोई पछतावा नहीं है।21 अगस्त की घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि निक्की पर तरल पदार्थ डाला गया और फिर आग लगा दी गई। बुरी तरह झुलसने के बाद निक्की सीढ़ियों से नीचे गिर पड़ी थी।
समाज में आक्रोश और पुलिस जांच
यह मामला पूरे क्षेत्र में आक्रोश और सदमे का कारण बना हुआ है। पुलिस अब घटना की गहन जांच कर रही है और इलेक्ट्रॉनिक सबूत, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन डेटा की मदद से आरोपियों की भूमिका स्पष्ट करने की कोशिश कर रही है।
परिवार की लड़ाई और समाज पर सवाल
निक्की के परिवार ने स्पष्ट किया है कि इस दर्दनाक घटना के बाद वे अपने परिवार के न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। यह मामला घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा के खतरों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की एक कड़ी दस्तक है, जो समाज में जागरूकता और कानूनी कार्रवाई की जरूरत को उजागर करता है।