देशभर में आज से गाड़ियां खरीदना अब और आसान हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण में किए गए जीएसटी स्ट्रक्चर बदलाव का असर अब जमीन पर देखने को मिल रहा है। इस नई टैक्स व्यवस्था के चलते अब गाड़ियों की कीमत काफी कम हो गई है। दोपहिया और चारपहिया गाड़ियों की दरें घटने से आम आदमी का सालों पुराना सपना आखिरकार साकार होने की ओर है।
नई जीएसटी दरों का असर गाड़ियों की कीमत पर साफ नजर आने लगा है
अब देशभर में कई कंपनियों ने अपने नए दाम घोषित कर दिए हैं। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिला है, जो लंबे समय से बाइक या कार लेने का मन बना रहे थे लेकिन महंगे दामों के कारण रुक रहे थे। नई टैक्स दरों के बाद अब एक साधारण बाइक सिर्फ 55 हजार रुपये में मिल रही है, जबकि एक बेसिक मॉडल की कार सिर्फ 3.50 लाख रुपये में खरीदी जा सकती है।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई नई जान और कंपनियों की उम्मीदें बढ़ीं
पिछले कुछ वर्षों से ऑटोमोबाइल उद्योग मंदी से जूझ रहा था। कोरोना महामारी और महंगाई ने इस सेक्टर को काफी नुकसान पहुंचाया था। लोग नई गाड़ियां लेने से बच रहे थे। लेकिन इस नई जीएसटी कटौती के बाद उम्मीद है कि बाजार में फिर से रौनक लौटेगी। कंपनियों का कहना है कि बिक्री में लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है।
सरकार का कहना- आम आदमी की जेब में ज्यादा बचत होगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि यह बदलाव देश के मध्यम वर्ग और युवाओं को ध्यान में रखकर किया गया है। अब किसी भी युवा को बाइक खरीदने में पहले जैसी परेशानी नहीं होगी। ग्रामीण इलाकों में भी लोग आसानी से गाड़ियां खरीद पाएंगे। इससे न सिर्फ रोजगार के मौके बनेंगे बल्कि उद्योगों को भी गति मिलेगी। सरकार मानती है कि इस फैसले से सीधे तौर पर लोगों की जेब में ज्यादा रूपया बचेगा और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा।
55 हजार में बाइक और 3.50 लाख में कार का सपना अब हो रहा है पूरा
आज के समय में हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उसके पास अपनी गाड़ी हो। लेकिन बढ़ती महंगाई इस रास्ते में रोड़ा बनी हुई थी। अब जब बाइक 55 हजार में और कार 3.50 लाख में मिलने लगी है तो हर कोई इसे लेने की योजना बना सकता है। खासकर छात्र, नौकरीपेशा लोग और छोटे व्यापारी इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकेंगे।
शोरूम और बाजारों में बढ़ी ग्राहकों की भीड़ से बनी नई तस्वीर
आज सुबह से ही शोरूम और डीलरशिप पर ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रही है। लोग न सिर्फ देख रहे हैं बल्कि एडवांस बुकिंग भी कर रहे हैं। कंपनियों ने भी ग्राहकों के बढ़ते उत्साह को देखते हुए अतिरिक्त ऑफर्स और फाइनेंस सुविधा का एलान किया है। कई बैंकों ने भी आसान किश्तों में गाड़ी खरीदने की स्कीम शुरू कर दी हैं। इससे आम आदमी को और भी ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं।
ग्रामीण भारत और छोटे शहरों पर बड़ा असर
भारत में गाड़ियों का सबसे बड़ा बाजार छोटे शहर और ग्रामीण इलाकों में है। यहां लोग मोटरसाइकिल और एंट्री लेवल कारों को ज्यादा पसंद करते हैं। नई कीमतों से ग्रामीण इलाकों में गाड़ियों की बिक्री कई गुना बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। किसान वर्ग और छोटे व्यापारी भी अब आसानी से अपनी गाड़ी ले सकेंगे। यह बदलाव ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देने वाला साबित होगा।
विशेषज्ञों की राय- रोजगार और उद्योग को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस जीएसटी कटौती से सिर्फ गाड़ियों की बिक्री ही नहीं बल्कि रोजगार में भी इजाफा होगा। जब कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी तो उन्हें फैक्ट्री और सर्विस सेक्टर में और लोगों की जरूरत होगी। इसके अलावा पेट्रोल पंप, रिपेयर शॉप और एक्सेसरी मार्केट भी इससे फायदा कमाएंगे। यह पूरे देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम योगदान देगा।
नई नीति से युवाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा
युवाओं के लिए गाड़ी सिर्फ जरूरत ही नहीं बल्कि आत्मसम्मान का हिस्सा भी है। पहले जब दाम ज्यादा होते थे तो युवा अक्सर निराश हो जाते थे। लेकिन अब वे आत्मविश्वास के साथ अपनी पसंद की गाड़ी खरीद सकेंगे। इससे उनकी पढ़ाई, नौकरी और यात्रा में भी आसानी होगी। यह बदलाव युवा पीढ़ी को नई दिशा देगा और देश की प्रगति को गति देगा।
आने वाले वर्षों में गाड़ियों की बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि की उम्मीद
सरकार का यह कदम आने वाले सालों में गाड़ियों की बिक्री का नया रिकॉर्ड कायम कर सकता है। पहले जहां हर साल लगभग 30 लाख कारें बिकती थीं, अब इस संख्या के 40 से 50 लाख तक पहुंचने की संभावना है। दोपहिया वाहनों में तो यह बढ़ोतरी और भी बड़ी हो सकती है। कंपनियां पहले ही उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में जुट गई हैं।