गुरुग्राम में न्यू कॉलोनी थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित एक होटल में चल रहे अवैध देह व्यापार का पर्दाफाश हुआ। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक एनजीओ ने पुलिस को इस अवैध धंधे की सूचना दी। जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली, टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए होटल पर छापा मारा और मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
थाने से थोड़ी दूरी पर चल रहा था धंधा
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस होटल में यह अवैध धंधा चल रहा था, वह न्यू कॉलोनी थाना से करीब 200 मीटर की दूरी पर ही स्थित है। थाने के बिल्कुल नजदीक यह गतिविधि लंबे समय से चल रही थी, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। जब तक एनजीओ ने पुलिस को इसकी सटीक और पुख्ता जानकारी नहीं दी, तब तक यह धंधा बेखटके चलता रहा। यह स्थिति पुलिस की सतर्कता पर भी सवाल खड़े करती है।
एनजीओ की सक्रियता से खुला राज
एनजीओ की टीम ने इलाके में हो रही संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखी हुई थी। लगातार निगरानी के बाद जब उन्हें यकीन हो गया कि होटल में अवैध तरीके से देह व्यापार का काम चल रहा है, तो उन्होंने सारी जानकारी पुलिस तक पहुंचाई। इसके बाद पुलिस ने भी सूचना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत योजना बनाई और एक टीम को मौके पर भेजा।
पुलिस की रेड और गिरफ्तारी
सूचना की पुष्टि करने के बाद पुलिस ने होटल पर अचानक दबिश दी। परिसर में प्रवेश करते ही टीम को कई अहम सबूत मिले, जिनसे इस बात की पुष्टि हुई कि यहां देह व्यापार का अवैध कारोबार चल रहा है। होटल के कर्मचारियों से पूछताछ की गई और इसके बाद मैनेजर सहित तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों से अब पुलिस गहन पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।
कानून के शिकंजे में आरोपी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों पर अनैतिक देह व्यापार (प्रिवेंशन) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब इनसे पूछताछ की जा रही है ताकि अवैध धंधे के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके। शुरुआती जांच में पुलिस को ऐसे संकेत मिले हैं कि इलाके में कुछ और लोग भी इस अवैध कारोबार से जुड़े हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों की चिंता
इस घटना ने स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि थाने से महज कुछ सौ मीटर की दूरी पर इस तरह का धंधा चलना बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर पुलिस की गश्त और सतर्कता व्यवस्था के बावजूद इतने लंबे समय तक इस अपराध को कैसे अंजाम दिया गया।
होटल प्रशासन पर सवाल
होटल प्रबंधन और कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या होटल प्रशासन को इस अवैध धंधे की जानकारी थी और अगर थी तो इसे रोकने के बजाय सहमति क्यों दी गई। शुरुआती जानकारी के अनुसार, होटल प्रबंधन भी सीधे तौर पर इस मामले में शामिल हो सकता है, क्योंकि बिना उनकी जानकारी के इस तरह का काम संभव नहीं माना जा रहा।
एनजीओ की भूमिका सराहनीय
यह मामला इस बात को दर्शाता है कि समाज में सक्रियता दिखाने वाले संगठनों की कितनी अहम भूमिका होती है। अगर एनजीओ ने समय रहते यह जानकारी पुलिस तक न पहुंचाई होती, तो यह अवैध गतिविधि और भी लंबे समय तक जारी रह सकती थी। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और जागरूक लोग भी एनजीओ के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसे कदम समाज को अपराध मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि मामले की जांच जारी है और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इलाके के अन्य होटलों और गेस्ट हाउस की भी जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और इस तरह की गतिविधियां तो नहीं चल रही हैं।
समाज और प्रशासन को चेतावनी
यह घटना एक चेतावनी है कि अवैध गतिविधियां हमेशा समाज के सामने छिपकर चलती रहती हैं। चाहे वो थाने से कुछ कदमों की दूरी पर ही क्यों न हों। इस मामले ने जिम्मेदार एजेंसियों और समाज दोनों को सतर्क कर दिया है कि मिलकर ही ऐसे अपराधों को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
फिलहाल पुलिस ने होटल पर सील लगा दी है और सभी सबूत अपने कब्जे में ले लिए हैं। आगे की जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस पूरे रैकेट में और कितने लोग शामिल थे और इसे कब से संचालित किया जा रहा था।