इजरायली मंत्री का गुस्सा फूटा, बोले हमारी बेइज्जती हुई – धरती से हमास का नाम मिटा देंगे
इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। इजरायली दक्षिणपंथी मंत्री इतमार बेन ग्वीर ने गुस्से में कहा कि हमास की हरकत ने इजरायल की बेइज्जती की है और अब वह धरती से उसका निशान तक मिटा देंगे। यह विवाद तब और बढ़ गया जब हमास ने एक इजरायली बंधक के शव की जगह एक फिलिस्तीनी व्यक्ति का शव भेज दिया। इस कदम ने पूरे इजरायल में गुस्सा फैला दिया है।
इजरायली सेना प्रमुख इयाल जमीर का सख्त बयान
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने साफ कहा है कि सभी बंधकों को वापस लाए बिना इजरायली सेना शांत नहीं बैठेगी। उनका यह बयान देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। इयाल जमीर ने कहा कि यह केवल एक युद्ध नहीं, बल्कि देश की गरिमा का सवाल है। उन्होंने सेना को आदेश दिया है कि जब तक हर बंधक सुरक्षित घर नहीं लौट आता, तब तक अभियान जारी रहेगा।
हमास की हरकत से भड़के नेता और जनता
हमास द्वारा इजरायली बंधक के शव के स्थान पर फिलिस्तीनी व्यक्ति का शव भेजना पूरे देश में आक्रोश का कारण बन गया है। सोशल मीडिया पर इस घटना पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कई नागरिकों ने इसे युद्ध के नियमों की खुली अवहेलना बताया। इजरायली मीडिया में भी यह खबर मुख्य सुर्खियों में है। मंत्री इतमार बेन ग्वीर ने खुलकर कहा कि हमास अब किसी दया के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करेंगे कि गाज़ा में हमास के खिलाफ और कठोर कार्रवाई की जाए।
इजरायल का सैन्य अभियान और रणनीति
इजरायली सेना फिलहाल गाज़ा पट्टी में हमास के ठिकानों पर लगातार सैन्य कार्रवाई कर रही है। IDF ने बताया कि पिछले 48 घंटे में कई हमास ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह किया गया है। इयाल जमीर ने सेना के सभी यूनिटों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हर ऑपरेशन में नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाए, लेकिन हमास के आतंकियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
इजरायली जनता का गुस्सा और दर्द
इस पूरे घटनाक्रम ने इजरायली जनता को गुस्से से भर दिया है। कई परिवार अब भी अपने अपनों के लौटने की उम्मीद में दिन‑रात प्रार्थना कर रहे हैं। बंधक परिवारों ने सरकार से अपील की है कि वह हमास के साथ किसी भी समझौते पर विचार न करे। उनका कहना है कि अब केवल सख्त कदम ही शांति ला सकते हैं।
दक्षिणपंथी मंत्री इतमार बेन ग्वीर का बयान
दक्षिणपंथी मंत्री इतमार बेन ग्वीर ने कहा कि इजरायल ने काफी समय तक धैर्य रखा, लेकिन अब हमास की हर करतूत का जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारी बेइज्जती हुई है, अब हमास को धरती से मिटा देंगे।" उनके इस बयान के बाद पूरे देश में समर्थन और विरोध दोनों देखने को मिले हैं। कुछ लोगों ने कहा कि उनका बयान सही है, तो कुछ ने इसे भावनाओं में दिया गया बयान बताया।
फिलहाल की स्थिति और आगे क्या?
इजरायल और हमास के बीच संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा। सीमा पर गोलीबारी और मिसाइल हमले जारी हैं। इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने हमास के कई प्रमुख ठिकानों को खत्म कर दिया है। वहीं हमास ने भी कई जवाबी हमले किए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने इस संघर्ष को रोकने की अपील की है, लेकिन अभी तक स्थायी समाधान नहीं मिल पाया है।
बंधकों की वापसी को लेकर उम्मीदें कायम
इयाल जमीर और उनकी टीम लगातार बंधकों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास कर रही है। सेना ने घर‑घर तलाशी अभियान चलाया है और सुरागों पर काम कर रही है। इजरायली प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि यह मामला उनकी प्राथमिकता में है। सरकार का मानना है कि हर बंधक को वापस लाना राष्ट्रीय सम्मान का हिस्सा है।
नतीजा – बढ़ता तनाव और कठिन रास्ता
हालात अभी शांत नहीं हैं, बल्कि और बिगड़ रहे हैं। इजरायल और हमास दोनों ही अपने‑अपने रुख पर अड़े हुए हैं। IDF चीफ इयाल जमीर का बयान बताता है कि आने वाले दिनों में सैन्य कार्रवाई और तेज हो सकती है। वहीं इतमार बेन ग्वीर का गुस्सा राजनीतिक माहौल को भी गर्म कर रहा है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या इजरायल अपने सभी बंधकों को वापस लाने में सफल हो पाता है या संघर्ष और बढ़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी तेज हुई
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने इस घटना पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है। हालांकि इजरायली सरकार ने साफ कहा है कि जब तक हमास अपने सभी बंधकों को नहीं छोड़ता, तब तक कोई भी बातचीत संभव नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र और ज्यादा अस्थिर हो सकता है।
अंतिम बातें
इजरायल और हमास का यह संघर्ष अब व्यक्तिगत भावनाओं तक पहुंच गया है। मंत्री इतमार बेन ग्वीर और सेना प्रमुख इयाल जमीर दोनों ने स्पष्ट कर दिया है कि अब यह सम्मान की लड़ाई है। इजरायल का लक्ष्य है कि वह हर बंधक को वापस लाए और हमास की ताकत को हमेशा के लिए खत्म करे। इस घटना ने पूरे विश्व को यह समझाया है कि युद्ध केवल हथियारों से नहीं, भावनाओं से भी लड़ा जाता है।