उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर अचानक महिलाओं ने हमला कर दिया। इस दौरान महिलाओं ने दो दरोगा की वर्दी फाड़ दी और जमकर हंगामा किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ और कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाली इन महिलाओं की हिम्मत कहां से आई।
दबिश देने पहुंची पुलिस पर अचानक हमला
हापुड़ जिले में पुलिस टीम एक मामले की जांच और आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश देने गई थी। पुलिस ने सोचा था कि यह काम सामान्य तरीके से हो जाएगा। लेकिन जैसे ही टीम वहां पहुंची, घर के अंदर मौजूद महिलाओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ गया और महिलाओं ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दौरान धक्का-मुक्की और मारपीट की स्थिति बन गई।
चीखती-चिल्लाती महिलाओं ने फाड़ दी दरोगा की वर्दी ...
— NDTV India (@ndtvindia) September 29, 2025
यूपी के हापुड़ में दबिश देने पहुंची पुलिस पर अटैक का वीडियो सामने आया. दरअसल, सोशल मीडिया पर अवैध हथियार के साथ आसिफ नाम के शख्स का वीडियो वायरल हुआ था. इसी सिलसिले में पुलिस आसिफ के घर पहुंची थी, लेकिन आसिफ से पूछताछ के दौरान… pic.twitter.com/YxU92kkgLt
महिलाओं ने दरोगा की वर्दी फाड़ डाली
हमले के दौरान दो दरोगाओं की वर्दी महिलाओं ने फाड़ दी। वर्दी फटना सिर्फ कपड़े का फटना नहीं है, बल्कि यह पुलिस की गरिमा और कानून-व्यवस्था पर सीधा हमला माना जाता है। मौके पर मौजूद सिपाही भी इस घटना से सकते में आ गए। पुलिस को खुद को बचाने के लिए पीछे हटना पड़ा और पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
वीडियो सामने आने के बाद मचा हंगामा
घटना का वीडियो जब सामने आया तो लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ लोग कह रहे हैं कि पुलिस को पहले शांति से बात करनी चाहिए थी, जबकि कई लोगों का कहना है कि महिलाओं का इस तरह हमला करना कानून के खिलाफ है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि महिलाएं चीख-चिल्ला रही हैं और पुलिसकर्मियों को धक्का दे रही हैं।
पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया
मामले की गंभीरता को देखते हुए हापुड़ के पुलिस अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू कर दी। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से महिलाओं ने पुलिस पर हमला किया और दरोगा की वर्दी फाड़ दी, यह कानून के खिलाफ है। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसमें शामिल महिलाओं की पहचान की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में तनाव का माहौल
घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। लोगों के बीच चर्चा हो रही है कि महिलाएं आखिर इस हद तक क्यों भड़क गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस जब दबिश देने आई थी, तो महिलाओं को लगा कि उनके परिवार के लोगों को बिना वजह परेशान किया जा रहा है। इसी शक के चलते उन्होंने गुस्से में आकर यह कदम उठाया। हालांकि कई लोग इसे गलत ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि इस तरह पुलिस पर हमला करना किसी भी हालत में सही नहीं ठहराया जा सकता।
कानून की मर्यादा और समाज की जिम्मेदारी
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि अगर पुलिस पर ही लोग हमला करने लगें तो कानून-व्यवस्था कैसे बनी रहेगी। पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए काम करती है, लेकिन अगर उसे ही निशाना बनाया जाएगा तो अपराधियों के हौसले और बुलंद होंगे। समाज को समझना होगा कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत और कानूनी तरीके से हो सकता है, न कि हमला करके।
महिलाओं के गुस्से की असली वजह
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी की तलाश में टीम दबिश देने गई थी। परिवार को यह लगा कि पुलिस बिना वजह उनके घर पर दबाव बना रही है। इस डर और गुस्से की वजह से महिलाओं ने आपा खो दिया। हालांकि यह भी सच है कि गुस्से में कानून को हाथ में लेना हमेशा गलत नतीजे देता है। सहारनपुर और आसपास के कई मामलों में पहले भी देखा गया है कि ऐसे घटनाक्रम से स्थिति और बिगड़ जाती है।
सोशल मीडिया पर बहस
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस मामले पर बहस कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि पुलिस को कार्रवाई करते समय और संवेदनशील होना चाहिए, जबकि कई लोग यह भी कह रहे हैं कि महिलाओं का यह कदम सीधे-सीधे अपराध है। बहस चाहे जो हो, लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने पुलिस और जनता के बीच भरोसे पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हापुड़ की यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर पुलिस और जनता के बीच इतनी दूरी क्यों बन रही है। पुलिस पर हमला करना गंभीर अपराध है और इसे किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता। अगर जनता को कोई शिकायत है तो उसे कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। वहीं पुलिस को भी कार्रवाई करते समय धैर्य और संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि जब तक दोनों पक्ष समझदारी से काम नहीं करेंगे, तब तक ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहेंगी।