Hyundai ने अपनी नई लक्ज़री सेडान G90 के शानदार रेंडर पेश किए हैं। जानिए क्या यह कार Mercedes और BMW जैसी प्रीमियम सेडान को टक्कर दे पाएगी या फिर सिर्फ डिज़ाइन तक सीमित रह जाएगी।
Hyundai का नाम सुनते ही आमतौर पर दिमाग में Creta, Venue या i20 जैसी practical कारें आती हैं। पर अब कंपनी ने कुछ ऐसा दिखाया है जिसने luxury segment वालों के दिलों में भी हलचल मचा दी है — **Hyundai G90**। हां, वही flagship sedan जिसके renderings हाल ही में सामने आए हैं। और सच बताऊं, पहली नजर में ये Hyundai कम, किसी European luxury brand की कार ज्यादा लगती है। लेकिन क्या ये दिखावे से आगे कुछ दे पाएगी? यही सवाल अब सबके मन में है।
G90 के design में Hyundai ने साफ तौर पर premium DNA डाला है। वो लंबा bonnet, bold grille, और dual-line LED lights – सब कुछ इतना polished लगता है कि अगर grille हटा दो, तो कई लोग इसे Bentley समझ बैठेंगे। और शायद Hyundai ने यही चाहा भी है।
मैंने इसकी official renderings देखी थीं, और honestly, लगा जैसे कंपनी ने luxury को subtle नहीं, showcase किया है। यानी दिखाना चाहती है कि “देखो, अब हम भी luxury बना सकते हैं।” लेकिन design ke साथ एक सवाल आता है – क्या Indian roads और users ऐसी ‘over-finished’ sedan के लिए तैयार हैं? क्योंकि यहां लोग अभी भी SUV को status symbol मानते हैं।
इंटीरियर – royal comfort या digital overload?
Hyundai G90 का cabin देखो तो ऐसा लगे जैसे किसी five-star suite में बैठे हो। Dual screen setup, real wood finish, ambient lighting और massage seats तक। Hyundai अब Mercedes या BMW को सीधी टक्कर देने के मूड में है।
पर मेरे हिसाब से Hyundai थोड़ा risk ले रही है – luxury के नाम पर tech overload कर देना हमेशा काम नहीं करता। मुझे याद है, एक बार मैंने एक high-end German sedan चलाई थी, और इतनी touchscreen थी कि driving से ज्यादा finger gymnastics करनी पड़ी। G90 में भी वही risk है – comfort के नाम पर digital distraction न बन जाए।
इंजन और Drive Experience – ताकत में दम या बस आंकड़ों की चमक?
Company ने कहा है कि G90 में powerful turbo petrol इंजन होगा, साथ में all-wheel drive का option। सुनने में सब शानदार है। पर सच कहूं, Hyundai की sporty tuning हमेशा थोड़ा cautious रही है। मतलब acceleration smooth है, पर aggressive नहीं। Luxury buyers को refinement चाहिए, thrill नहीं – शायद Hyundai ने यही balance रखा है।
एक पुराना किस्सा याद आता है – जब मैंने Genesis G80 (जो G90 का छोटा भाई कहा जा सकता है) चलाया था, तो एक बात साफ लगी थी: Hyundai ने luxury feel सीखी है, लेकिन ‘luxury soul’ अभी भी missing थी। शायद G90 वो कमी पूरी कर सके।
ब्रांड की चुनौती – Luxury बनाना आसान, बेच पाना मुश्किल
Luxury सिर्फ feature या design से नहीं बनती, वो brand story से बनती है। Rolls-Royce हो या Mercedes, उनके पीछे एक विरासत है। Hyundai के पास वो legacy नहीं है। और यही सबसे बड़ी दीवार है।
भारत जैसे बाजार में लोग 1 करोड़ खर्च करते वक्त logo भी सोचते हैं। Hyundai का logo अब भी ‘mass brand’ से जुड़ा है। तो सवाल यही है – क्या लोग इसे “luxury Hyundai” कहकर खरीदेंगे, या बस “Hyundai ki mehengi car” कहकर निकल जाएंगे?
मेरी राय – Hyundai ने हिम्मत तो दिखाई है, पर रास्ता लंबा है
Seedhi baat, Hyundai G90 सिर्फ एक car नहीं, brand statement है। कंपनी दिखाना चाहती है कि वो अब सिर्फ affordable mobility तक सीमित नहीं है। Design शानदार है, interiors royal हैं, features top-class हैं। लेकिन trust बनाना वक्त लेगा।
अगर आप किसी luxury buyer से पूछेंगे तो वो कहेगा – “Hyundai? Arre, wo तो Creta वाली company है।” और यही perception Hyundai को तोड़ना है।
मेरा मानना है, G90 एक symbol है – Hyundai अब global luxury के खेल में उतर चुकी है। पर क्या ये BMW 7 Series या Audi A8 को हिला पाएगी? शायद नहीं। पर अगर किसी दिन आपने दिल्ली की सड़क पर एक Hyundai G90 देख ली, तो यकीन मानिए – Hyundai अब वही नहीं रही जो कभी थी।
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