कुछ कारें ऐसी होती हैं जो हर शहर की सड़क पर दिखती हैं, पर हर बार देखने पर नई लगती हैं। **Hyundai Venue** वैसी ही गाड़ी है। पहली बार जब 2019 में आई थी, तो लोगों ने कहा – “बस एक और कॉम्पैक्ट SUV।” पर पांच साल बाद भी ये कार वैसी ही गर्म चर्चा में है।
डिज़ाइन में स्टाइल और थोडा सा दिखावा
Venue को देखो तो साफ समझ आता है कि Hyundai ने इसे सिर्फ practical नहीं रखा, थोडा show-off factor भी जोड़ा है। वो चमकदार grille, chrome की झिलमिल और sharp LED DRLs – सब मिलकर एक bold चेहरा बनाते हैं। पर सच बताऊं, facelift के बाद इसका front थोड़ा ज़्यादा busy लगने लगा है। पुराने model की सादगी कहीं ज़्यादा classy थी।
एक बार मैं जयपुर के traffic में Venue चला रहा था। सामने एक Nexon थी, और पीछे Brezza। Venue के cabin में AC और sound system इतना शांत और बढ़िया था कि बाकी कारें literally faded लग रही थीं। तब एहसास हुआ कि Hyundai छोटी चीज़ों में detailing पर कितना ध्यान देती है।

इंजन और रियल ड्राइविंग अनुभव
कागज़ पर तो सब बढ़िया है – 1.2 पेट्रोल, 1.0 टर्बो और 1.5 डीज़ल। लेकिन असली मज़ा टर्बो में है। वो हल्का सा lag और फिर जो झटका देता है, वो addictive है। हालांकि, अगर आप traffic में रोज़ चलाते हैं तो DCT गियरबॉक्स कभी-कभी थोड़ा confused लगता है।
मुझे याद है, एक बार नोएडा की जाम भरी सड़कों पर Venue टर्बो लेकर निकला था। हर 50 मीटर पर clutch और brake का खेल। पर DCT ने surprisingly smooth काम किया। वहीं, hill climb पर थोड़ी झिझक जरूर दिखी, जैसे सोच रही हो – “जाूं या ना जाऊं।”
इंटीरियर और फीचर्स – Hyundai की असली ताकत
Hyundai Venue के अंदर वो feel आता है जो Maruti या Tata अब तक नहीं दे पाए हैं। Soft touch materials नहीं हैं, पर finish साफ-सुथरी है। सीटें comfortable हैं और ventilated होने का फायदा गर्मियों में बड़ा है।

Infotainment system तो Hyundai की पहचान बन चुका है – smooth, intuitive और कभी-कभी तो ज़रूरत से ज़्यादा animated। BlueLink connected tech काम का है, पर कई बार lag भी करता है। मुझे एक बार remote start करने पर car ने 30 सेकंड बाद response दिया, और तब तक मैं नीचे पार्किंग में पहुंच चुका था।
सेफ्टी और बिल्ड क्वालिटी
अब बात जिस पर Hyundai को थोड़ा और मेहनत करनी चाहिए – build quality। Venue की body हल्की है, और high-speed पर थोड़ी हवा महसूस होती है। Global NCAP ने पहले भी इसपर mixed rating दी थी। Airbags और ADAS features के बावजूद वो “solid feel” अभी भी missing है।
एक दोस्त की Venue को पिछले महीने एक दोपहिया ने पीछे से हल्का टक्कर मारी। Scratches तो लगे ही, साथ में bumper clip भी निकल गया। वो जो solid thunk आवाज़ होती है न, वो Venue में कभी नहीं मिलती।
माइलेज और वैल्यू फॉर मनी
Venue हमेशा value product रही है। बेस वेरिएंट थोड़ा basic जरूर है, पर mid और SX trims perfect balance देते हैं। टर्बो वर्जन में 18 kmpl तक का mileage claim किया गया है, लेकिन real world में 14-15 ही मिलता है। फिर भी, शहर में इसकी agility और compact size इसे रोज़मर्रा के लिए बेहतरीन बनाते हैं।
मेरी राय – Venue अभी भी दिल के करीब क्यों है
Hyundai Venue में कोई एक चीज़ नहीं जो wow factor लाए, पर इसका पूरा पैकेज balanced है। चलाने में आसान, दिखने में modern और रख-रखाव में सस्ता। पर हां, अब market में competition बहुत बढ़ गया है – Nexon facelift, Sonet और Brezza सब Venue के पीछे पड़े हैं।
फिर भी, अगर आप ऐसी कार चाहते हैं जो हर दिन को थोड़ा आसान बनाए और weekend पर भी classy लगे, तो Venue अब भी एक समझदारी भरा चुनाव है। यह वो SUV है जो practical भी है और personality भी रखती है। और यही Hyundai Venue की असली ताकत है।


