आईसीएआई जम्मू-कश्मीर में बनाएगा उत्कृष्टता केंद्र, पहलगाम से दिया एकजुटता और आशा का संदेश
भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) ने जम्मू-कश्मीर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। 15 अगस्त को पहलगाम में आयोजित तीन दिवसीय परिषद बैठक के दौरान आईसीएआई अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने इस घोषणा की।
यह बैठक कई मायनों में खास रही क्योंकि यह अप्रैल 2025 में हुए उस आतंकी हमले के बाद यहाँ आयोजित पहला बड़ा राष्ट्रीय आयोजन था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी।
घाटी को संदेश – "हम आपके साथ हैं"
आईसीएआई अध्यक्ष ने कहा कि पहलगाम में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाना सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि घाटी के लोगों के लिए एक मजबूत संदेश है – आशा, एकता और सामान्य जीवन की वापसी का। उन्होंने तिरंगा फहराते हुए कहा,
“यहाँ हमारी उपस्थिति प्रतीकात्मक नहीं है। यह इस बात का प्रमाण है कि हम घाटी की शांति, स्थिरता और साझा समृद्धि के लिए मिलकर काम करेंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि परिषद बैठक पहले मई में होनी थी, लेकिन आतंकी घटना के कारण इसे टालना पड़ा। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के आश्वासन के बाद ही इसे पुनः आयोजित किया गया।
पर्यटन और विश्वास बहाली की ओर कदम
चरणजोत सिंह नंदा ने कहा कि वह इस बात से उत्साहित हैं कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला घाटी में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिषद बैठक का मकसद सिर्फ प्रशासनिक कार्य नहीं था, बल्कि घाटी में विश्वास और साहस का संचार करना भी था।
आईसीएआई की प्रतिबद्धता
संस्थान ने वादा किया कि वह न केवल लेखांकन और आर्थिक सुधारों में योगदान देगा, बल्कि घाटी की सामाजिक और आर्थिक मजबूती के लिए भी काम करेगा। आईसीएआई के उपाध्यक्ष प्रसन्न कुमार डी ने कहा,
“दुखद घटना के बाद यहाँ वरिष्ठ नेतृत्व के साथ आने वाला हमारा संगठन पहला है। यह घाटी और हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमारी गहरी एकजुटता का प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का आभार
12 अगस्त को आईसीएआई परिषद के सदस्यों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने पहलगाम को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए चुने जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा,
“आपकी उपस्थिति विश्वास और समर्थन का शक्तिशाली संदेश देती है। यह बताती है कि आने वाले दिन बेहतर होंगे।”