इनकम टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ी: नई तारीख मिस करने पर आपको क्या जुर्माना भुगतना पड़ सकता है?
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि अब 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले यह तारीख 30 सितंबर 2025 निर्धारित थी। यह नई घोषणा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा की गई है और इसके पीछे कारण था कि CBDT (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़) को विभिन्न पेशेवर संगठनों, विशेष रूप से चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के अनुरोध प्राप्त हुए थे। इन संगठनों ने बताया कि देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फाइलिंग प्रक्रिया प्रभावित हुई।
नई डेडलाइन मिस करने पर क्या होगा?
यदि कोई टैक्सपेयर्स जो कि इनकम टैक्स ऑडिट कराने के लिए बाध्य हैं, 31 अक्टूबर 2025 तक रिपोर्ट जमा नहीं करते हैं, तो सेक्शन 271B के अनुसार पेनल्टी लग सकती है।
यदि टैक्स ऑडिट जमा नहीं होती है, तो पेनल्टी इस प्रकार हो सकती है:
कुल बिक्री, टर्नओवर, या ग्रॉस रसीद का 0.5%, या
₹1,50,000, जो भी कम हो।
किन मामलों में पेनल्टी नहीं लगेगी?
यदि किसी भी करदाता के पास उचित कारण हो कि उन्होंने टैक्स ऑडिट समय पर नहीं जमा की, तो सेक्शन 271B के अंतर्गत पेनल्टी से छूट मिल सकती है।
कौन-कौन से दस्तावेज ऑडिट किए जाते हैं?
इनकम टैक्स ऑडिट में चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा निम्नलिखित दस्तावेजों का निरीक्षण किया जाता है:
कैश बुक और लेजर
जर्नल
बैंक स्टेटमेंट
स्टॉक रिकॉर्ड
सेल्स और परचेज़ इनवॉइस
ये दस्तावेज व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की पुष्टि करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी लेन-देन सही हैं।
क्या सैलरीभोगी व्यक्तियों को टैक्स ऑडिट की आवश्यकता है?
सामान्यत: सैलरीभोगी व्यक्तियों के लिए टैक्स ऑडिट जरूरी नहीं है।
हालांकि, यदि किसी सैलरीभोगी के पास अन्य स्रोत से आय है, जैसे:
पेशेवर फीस ₹50 लाख से अधिक, या
व्यवसायिक आय ₹1 करोड़ से अधिक
तो ऐसे मामलों में टैक्स ऑडिट लागू हो सकता है।