सुबह उठते ही एक अजीब सी बेचैनी थी शायद मैच का असर था India A जब नॉकआउट खेलती है न दिल अपनी ही चाल चलने लगता है Bangladesh A सामने हो तो और भी वो टीम चुपचाप मैच पलट देती है कई बार देखा है ऐसा
हबीबुर रहमान का टिकना थोड़ा परेशान कर रहा था
हबीबुर क्रीज़ पर आया और बस चिपक गया एकदम शांत जैसे उसे जल्दी ही कुछ नहीं उसका खेल देख कर वो पुराना घरेलू मैच याद आ गया एक लड़का ऐसे ही सेट हुआ था धीरे धीरे और फिर पूरा मैच अपनी जेब में रख लिया था आज का सीन भी वैसा ही लग रहा थाIndia A कोशिश कर रही थी लेंथ सही डालो गैप बंद करो पर हबीबुर का अंदाज़ अलग ही था हल्के से सिंगल फिर खाली जगह दिखी तो चौका जैसे वो सब पढ़ चुका हो
गेंदबाज़ी ठीक थी पर थोड़ी असमान भी
कुछ ओवर अच्छे लगे गेंद एक ही दिशा में फिर अचानक एक ओवर में सब ढीला यही सेमी फ़ाइनल का प्रेशर है छोटी सी गलती भी भारी बैठ जाती है एक ओवर में दो डॉट फिर एक छोटी गेंद और गेंद बाउंड्री पर बस वहीं पलड़ा थोड़ा हिलाफील्डिंग में भी वही तेज चमक नहीं थी एक हल्की फिसलन एक गलत थ्रो ऐसी बातें मैच की लय तोड़ देती हैं देख कर अजीब सा लगा
एक छोटी याद जो अचानक लौट आई
एक बार लोकल ग्राउंड में U19 मैच देख रहा था एक खिलाड़ी इतना शांत खेल रहा था कि लगता था हवा में लाइनें खींच रहा है वो 40 से 70 ऐसे गया जैसे टहलते हुए आज हबीबुर को देखते समय वही एहसास वापस आ गया कुछ खिलाड़ी आवाज़ नहीं करते बस मैच अपने हिसाब से मोड़ देते हैं
अब असली बात India A की बल्लेबाज़ी की होगी
India A की बैटिंग गहरी है नाम भी बड़े पर नॉकआउट में नाम नहीं पहली दस गेंदें बोलती हैं अगर टॉप ऑर्डर टिक गया तो आधा काम हो गया पर अगर जल्दी विकेट हिले तो परेशानी साफ दिखने लगती है Bangladesh A वैसे ही मौके पर कूद पड़ती है
मैच अभी पूरी तरह टाइट है
स्कोर धीरे बढ़ रहा था भीड़ सांस रोक कर बैठी थी कभी इंडिया का मोमेंट कभी बांग्लादेश का ये टूर्नामेंट ऐसे ही चलता है सीधा साधा नहीं हमेशा टेढ़ाहबीबुर पचास के पास India A उसे रोकने की कोशिश में और पूरा मैच इस एक पल पर टिका हुआ कौन पलटेगा कौन टिकेगा बस दिल यही पूछता रहाहै।


