भारत बना ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का सहारा: मोदी-स्टार्मर की ट्रेड डील और निवेश

मोदी और ब्रिटेन के पीएम किएर स्टार्मर की मुलाकात ने भारत-ब्रिटेन व्यापार संबंधों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 11,877 करोड़ रुपये के निवेश से ब्रिटेन में करीब 7,000 नई नौकरियां बनेंगी। इसके अलावा ब्रिटेन की 14 यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस खोलने की योजना बना रही हैं। यह भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का असर है जो ब्रिटेन को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद कर रहा है।

भारत बना ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का सहारा: मोदी-स्टार्मर की ट्रेड डील और निवेश

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    एक जमाना था जब ब्रिटेन भारत को खुद के लिए ‘मजबूर’ समझता था, आज वही ब्रिटेन भारत से लेकर खुश है, करोड़ों का निवेश और हजारों नौकरियां साथ लाया है।

    यार, सोचो ये बात: कभी ब्रिटेन हमें अपना गुलाम समझता था, हमारा संसाधन लूटकर अपने बड़े जहाजों से ले जाता था। मज़दूर बनाकर अपने कारखानों में काम कराता था। लेकिन अब क्या? अब वही ब्रिटेन भारत से करीब 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश लेकर आए है और अपने देश में सात हज़ार तक नई नौकरियों के बारे में गर्व से बता रहा है। ऐसे बदलाव देखकर आप खुद को गर्व से भरना बंद नहीं कर पाएंगे।

    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर इस साल भारत आए हैं, और उन्होंने खुद इसे सबसे बड़ा ट्रेड मिशन बताया। मोदी और स्टार्मर के बीच जबरदस्त दोस्ती की तस्वीर बनी जब ये दोनों एक ही कार में मुंबई की गलियों से गुज़रे। कहो तो नई शुरुआत ही है ये।

     

    भारत की ग्रोथ की कहानी: पश्चिम की डेड इकोनॉमी पर बड़ा तमाचा

    समझो ये एकदम सस्पेंस फुल ड्रामा है। अमेरिका का राष्ट्रपति ट्रंप कहता था कि भारत डेड इकोनॉमी है, लेकिन हकीकत ये कि भारत ने सितंबर 2022 में ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया और आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। GDP ग्रोथ रेट 7.8% के साथ वो पश्चिमी देशों को पीछे छोड़ रहा है, जबकि ब्रिटेन सिर्फ 0.3% पर मंदा पड़ा है।

    ब्रिटेन में 2014 से अब तक छ: प्रधानमंत्री बदले, लेकिन भारत में मोदी ने बागडोर पकड़ी और देश को मजबूत किया। ये तो मानो मैच की जीत हो जहां बल्लेबाज लगातार छक्के लगाता रहे।

     

    न्यू ट्रेन में ब्रिटेन: भारत के साथ फ्री ट्रेड, नए निवेश और मिसाइल डील

    नहीं जानो तो अब जान लो, ब्रिटेन ने भारत के साथ फ्री ट्रेड डील पर काम तेज कर दिया है। 64 भारतीय कंपनियों ने वहां एक बिलियन पाउंड यानी लगभग 11,877 करोड़ रुपये निवेश का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, ब्रिटेन भारत को 4,128 करोड़ रुपये की मल्टीरोल हल्की मिसाइलें भी देगा।

    यार, इस डील में मज़ा ये भी है कि ब्रिटेन की नौ बड़ी यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोलने वाली हैं। 2035 तक भारत में करीब 7 करोड़ बच्चे यूनिवर्सिटी में पढ़ेंगे! ब्रिटेन का कहना है कि इंडिया अभी टैलेंट का खजाना है और ये शुरुआत है बड़ी दोस्ती की।

     

    क्या ये भारत-पश्चिम के रिश्तों का नया सूरज है?

    देखो, अब तो बात साफ है। भारत ने ब्रिटेन के साथ न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक स्थिरता भी दिखा दी है। ऐसा लगता है जैसे भारत अपनी सवारी पर बैठा है और पश्चिम धीरे-धीरे पीछे रह गया है। इस साल मोदी-स्टार्मर की ये दोस्ती दोनों देशों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है।

    तो अगली बार जब कोई कहे भारत डेड इकोनॉमी है, बस इस बात को मिस करें नहीं और जोर से बोलें, “भाई यही है नया भारत, जो दुनिया को चौंकाने वाला है!”

    भारत-ब्रिटेन संबंध में शक्ति संतुलन बदला है?

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