देश की सुरक्षा और ताकत को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने गुरुवार को एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। भारतीय वायुसेना के लिए 97 तेजस Mk1A फाइटर जेट खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62,370 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया है। रक्षा मंत्रालय (MoD) के इस फैसले से न केवल वायुसेना की क्षमता मजबूत होगी बल्कि मेक इन इंडिया पहल को भी नया बल मिलेगा।
तेजस Mk1A जेट कब तक मिलेंगे और क्यों हैं ये खास
तेजस Mk1A फाइटर जेट पूरी तरह भारत में डिजाइन और विकसित किया गया हल्का लड़ाकू विमान है। एक्सपर्ट्स की मानें तो डील के तहत HAL आने वाले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से सभी 97 विमान भारतीय वायुसेना को सौंप देगा। तेजस की खासियत है इसकी हल्की बॉडी, आधुनिक एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और स्वदेशी तकनीक से बनी शक्तिशाली इंजन।
HAL और रक्षा मंत्रालय ने किया ऐतिहासिक अनुबंध पर साइन
रक्षा मंत्रालय और HAL के अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग के बाद अनुबंध पर हस्ताक्षर की औपचारिकता पूरी की गई। इस सौदे के लिए कई महीने से बातचीत चल रही थी और अब इससे जुड़ी सभी कानूनी प्रक्रियाएं भी पूरी हो गई हैं। HAL के चेयरमैन और वायुसेना प्रमुख ने इस मौके पर इसे 'ऐतिहासिक और देश के सुरक्षा के लिए निर्णायक पल' बताया।
क्या है तेजस Mk1A फाइटर जेट की ताकत
तेजस Mk1A फाइटर जेट भारत के सबसे उन्नत हल्के लड़ाकू विमानों में से एक है। इसमें स्वदेशी रडार सिस्टम, डिजिटल कॉकपिट, हवा से हवा और हवा से जमीन मिसाइलें, और स्मार्ट बम जैसे कई आधुनिक हथियार लग सकते हैं। इसकी रेंज करीब 3,000 किलोमीटर है और एक बार में दो घंटे से ज्यादा उड़ सकता है। इसकी ऊंचाई तक उड़ने, जल्दी मुड़ने और दुश्मन के रडार से बचने की क्षमता इसे खास बनाती है।
मेक इन इंडिया को मिलेगा जबरदस्त फायदा
इस डील की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे देश में बनी टेक्नोलॉजी और युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे। तेजस Mk1A के ज्यादातर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी भारतीय कंपनियों द्वारा ही बनाई जाती हैं। इससे न सिर्फ भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी, बल्कि मेक इन इंडिया मुहिम को भी मजबूत आधार मिलेगा।
देश की सुरक्षा के लिहाज से क्यों है यह डील अहम
पड़ोसी देशों से मिल रही चुनौतियों के बीच भारतीय वायुसेना को मजबूत करना बहुत जरूरी था। तेजस Mk1A की तैनाती से वायुसेना को नई ताकत मिलेगी और देश की सीमाओं पर नजर रखने की क्षमता में भी इजाफा होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले समय में तेजस की वजह से भारत की हवा में मार करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
रक्षा बजट और तेजस डील की खास बातें
भारत का रक्षा बजट लगातार बढ़ रहा है और ऐसी डील्स में घरेलू निर्माण और तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। 62,370 करोड़ की तेजस डील अब तक का सबसे बड़ा घरेलू फाइटर जेट खरीद समझौता बन गया है। इसका लाभ सिर्फ वायुसेना को नहीं बल्कि देश की हजारों इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को भी मिलेगा।
तेजस आने से नौकरी और इंडस्ट्री को भी मिलेगा फायदा
इस डील की वजह से देशभर के इंजीनियर, वैज्ञानिक और तकनीकी युवाओं के लिए नई नौकरियां और ट्रेनिंग के रास्ते खुल जाएंगे। HAL के अलावा करीब 500 छोटी-बड़ी इंडस्ट्रीज भी तेजस Mk1A प्रोजेक्ट में सीधे या परोक्ष रूप से जुड़ी हैं। इससे भारत के रक्षा क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं और बेहतर होंगी।
आगे की प्लानिंग और भविष्य के लिए तेजस Mk1A की अहमियत
भारतीय वायुसेना अब तेजस Mk1A के आने के बाद पुराने विमान जैसे मिग-21 को धीरे-धीरे रिटायर कर पाएगी। आने वाले समय में तेजस Mk2 और स्वदेशी AMCA जैसे और भी अत्याधुनिक विमान तैयार किए जा रहे हैं। इससे भारत की सुरक्षा व्यवस्था और भी मजबूत होगी।
नयी डील से देश को मिली नयी उड़ान
तेजस Mk1A फाइटर जेट के 97 नए विमान मिलने से भारतीय वायुसेना पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और आधुनिक होने जा रही है। प्रधानमंत्री, डिफेंस मिनिस्टर और वायुसेना प्रमुख ने इस पर खुशी जाहिर की है। उम्मीद यही है कि देश मे बनी इस ताकत से हमारी सीमाएं हमेशा सुरक्षित रहेंगी और देश का हर नागरिक खुद को गर्व के साथ सुरक्षित महसूस करेगा।