भारत रक्षा तकनीक के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। DRDO और भारतीय नौसेना इस साल एक नई उपलब्धि दर्ज करने जा रहे हैं। खबर है कि भारत बहुत जल्द ITCM क्रूज मिसाइल का टेस्ट करेगा जो पहली बार किसी जहाज से लॉन्च की जाएगी। यह टेस्ट इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह उसी श्रेणी की मिसाइल है जिसकी शुरुआत कभी निर्भय मिसाइल से हुई थी, और अब इसका यह विकसित रूप कहीं ज्यादा सक्षम और ताकतवर हो चुका है।
भारतीय नौसेना के लिए यह मिसाइल भविष्य में गेमचेंजर साबित होगी। इसका रेंज लगभग 1000 किलोमीटर है और यह जमीन और समुद्र दोनों लक्ष्यों पर सटीक हमला करने में सक्षम होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ब्रह्मोस मिसाइल का किफायती विकल्प बन सकती है।
निर्भय से ITCM तक का सफर जिसने भारत को दी नई तकनीकी ताकत
भारत ने लगभग एक दशक पहले अपनी निर्भय मिसाइल परियोजना शुरू की थी। तब उद्देश्य यह था कि हमारे पास ऐसी स्वदेशी सबसोनिक क्रूज मिसाइल हो जो लंबी दूरी तक सटीक वार कर सके। निर्भय ने कई परीक्षणों के बाद अपनी क्षमता साबित की और अब उसी अनुभव के आधार पर ITCM यानी Indigenous Technology Cruise Missile को विकसित किया गया है।
ITCM का डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि यह अलग-अलग प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सके। पहले इसे जमीनी लॉन्चर से टेस्ट किया गया, फिर SLCM (Submarine Launched Cruise Missile) और LRLACM (Long Range Land Attack Cruise Missile) के तौर पर इसे ट्रायल किया गया। दोनों ही परीक्षण सफल रहे और अब पूरा फोकस शिप आधारित लॉन्च पर है।
यही चीज भारत को और मजबूत बना रही है क्योंकि अब हमारी नौसेना के पास ऐसे हथियार होंगे जिन्हें जहाज से हजारों किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन के सैनिक या ठिकाने पर चलाया जा सकेगा।
भारतीय नौसेना के लिए क्यों जरूरी है यह ITCM टेस्ट और इसमें कौन सी क्षमताएं हैं खास
नौसेना को हमेशा ऐसी मिसाइल की जरूरत रही है जो दूर समुद्र में तैनात रहते हुए दुश्मन के किसी ठिकाने को खतरे में डाल सके। ब्रह्मोस मिसाइल भले ही अपनी तेज रफ्तार और बेहतरीन क्षमता के लिए जानी जाती है लेकिन उसकी कीमत काफी अधिक है। ऐसे में ITCM मिसाइल भारतीय नौसेना को एक सस्ता लेकिन उतना ही प्रभावी विकल्प देने वाली है।
इस मिसाइल की सबसे खास बात इसकी लंबी रेंज है। करीब 1000 किलोमीटर तक यह मिसाइल उड़ान भर सकती है। इतना ही नहीं, यह कम ऊंचाई पर उड़ते हुए रडार को चकमा देती है जिससे दुश्मन के लिए इसे पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। तकनीकी तौर पर यह मिसाइल इंजनों और गाइडेंस सिस्टम में और भी ज्यादा उन्नत कर दी गई है जिससे इसकी सटीकता पहले से बेहतर हो गई है।
अगर इसे शिप वेरिएंट में सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया जाता है तो आने वाले दिनों में भारतीय नौसेना के लगभग हर बड़े युद्धपोत में इस मिसाइल को तैनात किया जा सकेगा।
ब्रह्मोस और ITCM मिसाइल में क्या बड़ा अंतर है और इसे सस्ता विकल्प क्यों माना जा रहा है
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेजी से मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिनी जाती है। इसकी गति और क्षमता शानदार है लेकिन इसका एक बड़ा पहलू है लागत। यही वजह है कि हर प्लेटफॉर्म पर ब्रह्मोस को लगाना संभव नहीं होता।
वहीं ITCM मिसाइल भले ही सबसोनिक यानी धीमी गति की हो, लेकिन इसके किलोमीटर में फैलने वाले रेंज और सस्ते खर्चे के कारण यह व्यापक स्तर पर इस्तेमाल की जा सकेगी। यह दुश्मन के बुनियादी ढांचे, बंदरगाह, हवाई अड्डों और कमांड सेंटरों को नुकसान पहुंचाने में बेहद कारगर मानी जा रही है। रक्षा जगत के जानकार इसे ब्रह्मोस का पूरक कह रहे हैं।
आने वाले समय में ITCM से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक ताकत और ज्यादा बढ़ जाएगी
भारत के लिए हिंद महासागर क्षेत्र हमेशा से अहम रहा है। अमेरिका, चीन और अन्य देशों की गतिविधियों के बीच भारत को अपनी नौसैनिक ताकत को लगातार आगे बढ़ाना पड़ा है। ऐसे समय में यदि ITCM मिसाइल नौसेना के जहाजों पर तैनात हो जाती है तो भारत की न केवल सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि उसकी समुद्री सीमाओं पर भी पकड़ और ज्यादा प्रभावशाली हो जाएगी।
इस मिसाइल की मदद से नौसेना को इस क्षेत्र में "लंबी दूरी की आंख और हाथ" मिल जाएंगे। यानी कोई भी देश जो भारतीय जलक्षेत्र के करीब अशांत गतिविधियां करेगा उसे सोचना पड़ेगा कि भारत के पास दूर से हमला करने की भी क्षमता है। यही वजह है कि ITCM का शिप वेरिएंट बेहद अहम माना जा रहा है।
निर्भय का विकसित रूप ITCM होगा नौसेना की ढाल और तलवार
अगर अगला टेस्ट सफल हो जाता है तो यह कहना गलत नहीं होगा कि ITCM मिसाइल भारत की नौसेना के लिए ढाल और तलवार दोनों साबित होने वाली है। निर्भय से शुरू हुआ यह सफर अब समुद्र तक आ चुका है और भारत एक बार फिर दुनिया को यह दिखा देगा कि वह रक्षा तकनीक में किसी से पीछे नहीं है।
जैसा कि विशेषज्ञ कहते हैं, मिसाइल युद्ध केवल हथियार नहीं बल्कि संदेश भी होते हैं। ITCM का आने वाला परीक्षण इसी बात का सबूत होगा कि भारत न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि सुरक्षा के मामले में और ज्यादा मजबूत बन रहा है।