ITR फाइलिंग 2025 इन 8 गलतियों से बचें, वरना आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 नजदीक है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि आयकर विभाग ने धारा 143(2) के तहत लगभग 1.65 लाख आईटीआर मामलों को जांच के लिए चुना है, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा है।
इसका मतलब यह है कि रिटर्न भर देने के बाद भी प्रक्रिया खत्म नहीं होती, बल्कि अगर इसमें कोई गलती मिलती है तो आपको इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है। इसलिए आईटीआर भरते समय इन बड़ी गलतियों से बचना बेहद जरूरी है।
आईटीआर फाइलिंग में होने वाली आम गलतियाँ
1 टीडीएस और आय में अंतर
अगर फॉर्म 26AS या AIS (Annual Information Statement) में दर्ज टीडीएस आपके रिटर्न में दर्ज आय से मेल नहीं खाता है, तो आपका रिटर्न जांच के लिए चुन लिया जाएगा। यह सबसे आम गलती है जो वेतनभोगी कर्मचारियों और फ्रीलांसरों के साथ होती है।
2 झूठे या बढ़ा-चढ़ाकर किए गए टैक्स कटौती दावे
यदि आपने धारा 80सी, 80डी या एचआरए छूट के तहत बिना सबूत के गलत या बढ़ा-चढ़ाकर दावे किए हैं, तो इनकम टैक्स विभाग जुर्माना लगा सकता है। आय छिपाने पर 50% और फर्जी दस्तावेज देने पर 200% तक का पेनल्टी लग सकती है।
3 अघोषित बड़े वित्तीय लेनदेन
अगर आपने बड़ी नकद जमा राशि, भारी क्रेडिट कार्ड भुगतान या 1 लाख रुपये से अधिक का इक्विटी निवेश जैसी जानकारी अपने आईटीआर में नहीं दी है, तो विभाग इसे संदिग्ध मानकर जांच कर सकता है।
4 सभी आय स्रोतों का उल्लेख न करना
बैंक ब्याज, किराया, पूंजीगत लाभ, क्रिप्टो मुनाफा या विदेशी निवेश जैसी आय छुपाना खतरनाक हो सकता है। यहां तक कि टैक्स-फ्री आय का भी उल्लेख करना जरूरी है।
5 अचानक आय में गिरावट
पिछले साल की तुलना में आय में अचानक गिरावट आती है तो विभाग स्पष्टीकरण मांग सकता है। ऐसे में नौकरी छूटने का पत्र या नई सैलरी स्लिप जैसे सबूत पेश करना जरूरी होगा।
6 नौकरी बदलने पर विवरण छुपाना
अगर आपने एक ही साल में नौकरी बदली और दोनों नियोक्ताओं की इनकम का सही विवरण फॉर्म 16 में नहीं जोड़ा, तो आपकी आय कम दिखाई दे सकती है। इससे विसंगति पैदा होगी और नोटिस आने की संभावना बढ़ जाएगी।
7 गलत आईटीआर फॉर्म भरना
आईटीआर फाइलिंग के लिए सही फॉर्म चुनना बेहद जरूरी है। अगर आपने गलत फॉर्म में विवरण भरा तो आय अधूरी रिपोर्ट होगी और नोटिस आ सकता है।
8 फर्जी प्रविष्टियाँ या छुपे खाते
अगर आपने जाली लेन-देन दिखाया, नकली खाते छुपाए या रिकॉर्ड में हेरफेर किया, तो धारा 271एएडी के तहत भारी पेनल्टी लग सकती है। विभाग जांच के दौरान इन्हें आसानी से पकड़ सकता है।
अगर इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिले तो क्या करें?
नोटिस की जांच करें – देखें कि नोटिस आपके नाम पर है और उसमें Document Identification Number (DIN) मौजूद है।
कारण समझें – नोटिस किस धारा में आया है, जैसे धारा 139(9) दोषपूर्ण रिटर्न के लिए और धारा 143(2) विस्तृत जांच के लिए।
दस्तावेज तैयार रखें – अपनी आय, निवेश और कटौतियों से जुड़े सभी कागजात संभालकर रखें।
पेशेवर सलाह लें – अगर विसंगति है, तो किसी टैक्स विशेषज्ञ की मदद लें।
समय पर जवाब दें – हर नोटिस की समय सीमा होती है, तय समय पर जवाब न देने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।