ITR-U क्या है? अपडेटेड आयकर रिटर्न भरने के नियम और शर्तें

"ITR-U यानी अपडेटेड आयकर रिटर्न करदाताओं को यह सुविधा देता है कि वे अपने पुराने रिटर्न में हुई गलतियों को सुधार सकें, छूटी हुई आय जोड़ सकें और अनुपालन सुनिश्चित कर सकें।"

ITR-U क्या है? अपडेटेड आयकर रिटर्न भरने के नियम और शर्तें

आयकर रिटर्न ITR-U क्या है? प्रक्रिया,पात्रता और जुर्माना–पूरी जानकारी

आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय अक्सर करदाता गलतियाँ कर बैठते हैं या कुछ आय की जानकारी छूट जाती है। ऐसे मामलों में, अब करदाता के पास एक और विकल्प है – ITR-U (अपडेटेड रिटर्न)। यह प्रावधान सरकार ने स्वैच्छिक अनुपालन (Voluntary Compliance) को बढ़ावा देने के लिए पेश किया है।

ITR-U क्या है?

ITR-U एक अपडेटेड आयकर रिटर्न है जिसे आयकर अधिनियम की धारा 139(8A) के तहत पेश किया गया है। इसके माध्यम से करदाता –अपनी पुरानी गलती सुधार सकते हैं,छूटी हुई आय जोड़ सकते हैं,गलत रिपोर्टिंग को ठीक कर सकते हैं।सरकार ने इसे वित्त अधिनियम 2022 में पेश किया और वित्त अधिनियम 2025 में इसके दिशा-निर्देशों में संशोधन किया।

ITR-U कौन दाखिल कर सकता है?

कोई भी व्यक्ति जिसने मूल रिटर्न (Original Return),संशोधित रिटर्न (Revised Return),विलंबित रिटर्न (Belated Return)में गलती की है, वह ITR-U दाखिल कर सकता है।

ITR-U कौन दाखिल नहीं कर सकता?

कुछ स्थितियों में ITR-U दाखिल नहीं किया जा सकता, जैसे पहले ही ITR-U दाखिल कर चुके हों,शून्य आय (Zero Return) या हानि (Loss) दिखाना चाहते हों टैक्स रिफंड का दावा करना या बढ़ाना चाहते हों यदि ITR-U दाखिल करने से टैक्स देनदारी कम हो रही हो यदि आपके खिलाफ आयकर विभाग ने धारा 132 के तहत तलाशी (Search) शुरू की हो यदि आपके दस्तावेज़ या संपत्ति जब्त कर ली गई हो यदि मूल्यांकन/पुनर्मूल्यांकन/संशोधन/पुनर्गणना लंबित हो या पूरी हो चुकी हो।

ITR-U दाखिल करने की समय सीमा

ITR-U दाखिल करने की समय सीमा है – निर्धारण वर्ष (Assessment Year) की समाप्ति से 48 महीने तक।उदाहरण के लिए:निर्धारण वर्ष 2024-25 → ITR-U की आखिरी तारीख 31 मार्च 2029 होगी।निर्धारण वर्ष 2025-26 → ITR-U की आखिरी तारीख 31 मार्च 2030 होगी।

ITR-U पर अतिरिक्त कर (Additional Tax)

ITR-U दाखिल करते समय करदाता को अतिरिक्त कर (Additional Tax) भी देना होता है।12 महीने के भीतर दाखिल करने पर → 25% अतिरिक्त कर 24 महीने के भीतर दाखिल करने पर → 50% अतिरिक्त कर 36 से 48 महीने के भीतर दाखिल करने पर → 70% अतिरिक्त करइसका उद्देश्य यह है कि करदाता वह टैक्स जमा करें जो उन्होंने पहले समय पर नहीं चुकाया था।ध्यान रखें, ITR-U के जरिए आप टैक्स रिफंड का दावा नहीं कर सकते।

ITR-U क्या है?
ITR-U एक अपडेटेड आयकर रिटर्न है जिसे आयकर अधिनियम की धारा 139(8A) के तहत पेश किया गया है। इसके जरिए करदाता पुराने रिटर्न की गलतियों को सुधार सकते हैं।
ITR-U कौन दाखिल कर सकता है?
कोई भी करदाता जिसने मूल रिटर्न, संशोधित रिटर्न या विलंबित रिटर्न में गलती की है या आय की जानकारी छूट गई है, वह ITR-U दाखिल कर सकता है।
ITR-U कौन दाखिल नहीं कर सकता?
ITR-U उन लोगों के लिए मान्य नहीं है जो – पहले ही ITR-U दाखिल कर चुके हों शून्य आय या हानि दिखाना चाहते हों टैक्स रिफंड का दावा करना चाहते हों जिनकी टैक्स देनदारी ITR-U दाखिल करने से कम हो रही हो जिन पर धारा 132 के तहत तलाशी/जांच चल रही हो
ITR-U दाखिल करने की आखिरी तारीख क्या है?
ITR-U दाखिल करने की समय सीमा निर्धारण वर्ष की समाप्ति से 48 महीने है। उदाहरण: निर्धारण वर्ष 2024-25 → आखिरी तारीख 31 मार्च 2029 निर्धारण वर्ष 2025-26 → आखिरी तारीख 31 मार्च 2030
ITR-U दाखिल करने पर क्या अतिरिक्त कर देना होगा?
हां, ITR-U फाइल करते समय अतिरिक्त कर देना अनिवार्य है: 12 महीने के भीतर → 25% 24 महीने के भीतर → 50% 36-48 महीने के भीतर → 70%
क्या ITR-U से टैक्स रिफंड मिल सकता है?
नहीं, ITR-U का उद्देश्य केवल टैक्स की बकाया राशि जमा करना है। इसके जरिए टैक्स रिफंड का दावा नहीं किया जा सकता।
ITR-U दाखिल करने का मुख्य लाभ क्या है?
इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि करदाता को पुराने रिटर्न की गलतियाँ सुधारने और छूटी हुई आय को घोषित करने का मौका मिलता है, जिससे पेनल्टी और कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है।