राजस्थान की राजधानी जयपुर में बुधवार सुबह का समय उस वक्त खौफनाक बन गया जब सड़क पर दौड़ रही एक रोडवेज बस में अचानक धुआं निकलने लगा और कुछ ही पलों में आग की लपटों ने पूरे बस को अपनी चपेट में ले लिया। यह हादसा शहर के व्यस्त मार्ग पर हुआ, जहां रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। बताया जा रहा है कि इस बस में लगभग 30 यात्री सवार थे। जैसे ही यात्रियों ने धुआं उठते देखा, वैसे ही बस में घबराहट का माहौल बन गया। किसी ने खिड़की खोलकर बाहर छलांग लगाई तो कोई दरवाजे से तेजी से बाहर निकलने की कोशिश करता दिखा। अफरा-तफरी के बीच कई लोग मामूली रूप से घायल भी हुए, लेकिन बड़ी राहत की बात यह रही कि किसी की जान नहीं गई।
आग लगते ही सड़क पर रुकते वाहनों की लंबी कतार लग गई। लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। चंद मिनटों बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि अगर यात्री फुर्ती नहीं दिखाते तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर बचाई जान
जिस वक्त आग लगी, बस शहर से बाहरी इलाके की ओर जा रही थी और उसमें बैठे ज्यादातर यात्री कामकाज या पढ़ाई के सिलसिले में सफर कर रहे थे। अचानक धुआं निकलते देख कई लोग डर के मारे चिल्लाने लगे। बस चालक ने भी गाड़ी रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग पीछे के हिस्से तक फैल चुकी थी। बस का दरवाजा जाम हो गया और यात्री खिड़कियों से बाहर निकलने लगे। कुछ लोगों ने आपस में मिलकर एक-दूसरे को धक्का देकर बाहर निकाला। कई यात्रियों को हाथ-पैर में चोटें आईं, लेकिन उन्होंने किसी तरह खुद को बचा लिया।
कुछ यात्रियों ने अपने मोबाइल फोन से वीडियो भी बनाया, जिसमें साफ दिखा कि कैसे लोग खिड़कियों से कूदकर भाग रहे थे। ये दृश्य किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रहे थे। मौके पर खड़े राहगीरों ने भी यात्रियों की मदद की और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। हालांकि, बस में रखा सामान जलकर राख हो गया। यात्रियों ने बताया कि उनकी किताबें, बैग और जरूरी कागजात बस के साथ ही जल गए, लेकिन वे खुद जिंदा बचने पर भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
दमकल कर्मियों की फुर्ती से टला बड़ा हादसा
सूचना मिलते ही जयपुर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। दमकल कर्मियों ने आग को फैलने से रोका और आसपास खड़े अन्य वाहनों को सुरक्षित स्थान पर हटाया। बताया जा रहा है कि अगर कुछ देर और मदद नहीं मिलती तो आग आसपास खड़े वाहनों तक फैल सकती थी, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था। फायर ब्रिगेड अधिकारियों का कहना है कि बस में शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी है। हालांकि, इसकी पूरी जांच अभी जारी है।
इस घटना के बाद जयपुर रोडवेज प्रबंधन ने भी बयान जारी कर कहा है कि वे इस पूरे मामले की जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि बस में किस कारण से आग लगी। साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा और आगे से बसों की नियमित जांच की जाएगी। हादसे की खबर जैसे ही फैली, शहर के अलग-अलग हिस्सों से लोग घटनास्थल पर पहुंचने लगे और वहां भीड़ जमा हो गई।
बचाव के बाद यात्रियों ने सुनाई अपनी आपबीती
हादसे के बाद सुरक्षित निकले यात्रियों ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो हर कोई सन्न रह गया। एक कॉलेज छात्र ने बताया कि वह सीट पर बैठा था जब अचानक पीछे से धुआं उठता देखा। पहले तो उसे लगा कि बस के बाहर से धुआं आ रहा है, लेकिन कुछ ही सेकंड में उसने महसूस किया कि धुआं अंदर ही फैल रहा है। उसने तुरंत खिड़की खोली और बाहर छलांग लगा दी। इसी तरह एक महिला यात्री ने कहा कि उसने अपने बच्चे को पहले बाहर धकेला और फिर खुद बाहर कूदी। इस दौरान उसके हाथ में चोट भी आई लेकिन वह किसी तरह अपने बच्चे की जान बचाने में कामयाब रही।
कई यात्रियों ने यह भी शिकायत की कि बस का दरवाजा फंस गया था और अगर खिड़कियां नहीं होतीं तो शायद सभी की जान खतरे में पड़ सकती थी। यह बयान सुनकर यह सवाल उठता है कि आखिर क्यों रोडवेज बसों की नियमित जांच और मेंटेनेंस सही तरीके से नहीं हो पाता। अगर समय रहते वाहन की खामियों को ठीक किया जाता तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता था।
सरकारी लापरवाही और सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों रोडवेज बसों की तकनीकी जांच गंभीरता से नहीं की जाती। हर साल राजस्थान में दर्जनों रोडवेज बसें आग पकड़ने, ब्रेक फेल होने या अन्य तकनीकी खराबी के कारण हादसों का शिकार होती हैं। यात्रियों का कहना है कि वे मजबूरी में इन बसों से सफर करते हैं क्योंकि ये सस्ती होती हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हर बार खतरे में पड़ जाती है। सरकार भले ही बड़ी-बड़ी योजनाओं की बात करे, लेकिन जब तक बसों की हालत सुधारी नहीं जाएगी तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी।
जयपुर का यह हादसा सौभाग्य से बिना किसी जनहानि के खत्म हुआ, लेकिन इससे सबक लेने की जरूरत है। रोडवेज प्रबंधन को तुरंत अपनी व्यवस्था सुधारनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर बस की तकनीकी जांच समय पर हो। साथ ही, यात्रियों की सुरक्षा के लिए नए सुरक्षा मानक भी लागू करने होंगे। यह हादसा भले ही टल गया हो, लेकिन इसने हर किसी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगली बार कौन सी बस ऐसी समस्या का शिकार हो सकती है।