Jaipur : में जर्जर मकान गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत बहू घायल

जयपुर में गुरुवार सुबह सुभाष चौक इलाके में एक बड़ा हादसा हुआ, जब एक जर्जर मकान अचानक ढह गया। मलबे में दबकर 78 वर्षीय बुजुर्ग महिला धन्नी बाई की मौत हो गई, जबकि उनकी बहू सुनीता गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसे के समय घर में दो बच्चे भी मौजूद थे, जो बाहर निकल जाने से बच गए। प्रशासन और पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया

Jaipur : में जर्जर मकान गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत बहू घायल

राजस्थान की राजधानी जयपुर में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। आमेर रोड स्थित सुभाष चौक इलाके में एक पुराना और जर्जर मकान अचानक ढह गया। इस हादसे में 78 वर्षीय बुजुर्ग धन्नी बाई की मौत हो गई, जबकि उनकी बहू सुनीता गंभीर रूप से घायल हो गईं। मलबे में दबे दोनों को स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से बाहर निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे के समय घर में मौजूद दो छोटे बच्चे किसी तरह बाहर निकल आए और उनकी जान बच गई।

 

सुबह का सन्नाटा और अचानक आया हादसा

यह घटना सुबह लगभग 7 बजे की बताई जा रही है। उस समय इलाके में सामान्य दिनचर्या शुरू हो रही थी। धन्नी बाई अपनी खाट पर आराम कर रही थीं, तभी अचानक मकान की छत का बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। बहू सुनीता ने जैसे ही देखा कि छत टूट रही है, उन्होंने अपनी सास को बचाने के लिए उन पर खुद को ढक लिया। इसी कोशिश में दोनों महिलाएं भारी मलबे के नीचे दब गईं। बाहर खेल रहे सुनीता के दोनों बेटे इस हादसे में सुरक्षित बच गए, वरना हालात और भी भयावह हो सकते थे।

 

स्थानीय लोगों ने शुरू किया बचाव अभियान

हादसे की आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। पड़ोसियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मलबा हटाना शुरू किया। थोड़ी ही देर में पुलिस, सिविल डिफेंस और बचाव दल भी मौके पर पहुंच गए। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद दोनों महिलाओं को मलबे से बाहर निकाला गया। उन्हें तुरंत एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने धन्नी बाई को मृत घोषित कर दिया, जबकि सुनीता की हालत स्थिर बताई जा रही है। उनके पैर में फ्रैक्चर है और इलाज जारी है।

 

केयरटेकर के रूप में रह रहा था परिवार

पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह मकान काफी समय से जर्जर हालत में था। धन्नी बाई और उनका परिवार यहां केयरटेकर के रूप में रह रहा था। मकान का मालिक पास ही किसी दूसरे मकान में रहता है। बताया जा रहा है कि मकान की हालत इतनी खराब थी कि इसमें किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस मकान की शिकायत की थी लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

 

निगम का नोटिस और मालिक का दावा

जयपुर हेरिटेज नगर निगम की हवामहल जोन की उपायुक्त सीमा चौधरी ने बताया कि 12 अगस्त को इस मकान के मालिक को नोटिस दिया गया था। नोटिस में साफ कहा गया था कि मकान को खाली कर गिराया जाए, क्योंकि यह रहने लायक नहीं है और खतरे से भरा है। हालांकि, मकान मालिक प्रदीप शाह का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला। निगम और मालिक के दावों के बीच सच्चाई क्या है, यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा।

 

इलाके में फैली दहशत और सवाल

इस हादसे के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। पड़ोस में रहने वाले लोगों का कहना है कि इलाके में कई और पुराने मकान हैं, जो किसी भी वक्त ढह सकते हैं। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह समय रहते ऐसे मकानों को चिन्हित कर कार्रवाई करे। लोगों का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि अगर समय रहते ध्यान दिया जाता तो धन्नी बाई की जान बच सकती थी और सुनीता घायल न होतीं।

 

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

धन्नी बाई की मौत से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। बहू सुनीता अभी अस्पताल में भर्ती हैं और दोनों छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल में मौजूद हैं और उनका कहना है कि प्रशासन को इस हादसे की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बच्चों के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई जा रही है, क्योंकि परिवार आर्थिक रूप से भी कमजोर बताया जा रहा है।

 

सबक और ज़िम्मेदारी

जयपुर जैसे बड़े शहर में जर्जर मकान गिरने की यह पहली घटना नहीं है। अक्सर पुराने इलाकों में ऐसे हादसे सामने आते हैं, जहां मकान सालों से बिना मरम्मत के खड़े हैं। यह हादसा एक बार फिर प्रशासन और आम लोगों के लिए चेतावनी है कि पुराने और खतरनाक मकानों की अनदेखी करना जानलेवा साबित हो सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि नगर निगम इस मामले के बाद क्या कदम उठाता है और क्या सच में जर्जर मकानों की पहचान कर उन्हें समय रहते गिराया जाएगा।

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Gaurav Jha

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