जैसलमेर से जोधपुर जा रही बस में लगी भीषण आग से 20 से अधिक लोगों की मौत, अफ़रा-तफ़री मच गई
यह सुबह की कहानी नहीं, बल्कि दोपहर करीब 3:30 बजे की वो दर्दनाक घटना है, जिसे सुनकर दिल कांप जाता है। जैसलमेर के थईयात गांव के पास एक प्राइवेट बस में अचानक आग लग गई और तबाही मच गई। जैसलमेर से जोधपुर जा रही इस बस में करीब 57 यात्री थे। आग इतनी तेज़ थी कि 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।
बस धुआं छोड़ती शुरू हुई, और फिर देखते ही देखते लपटों ने उसे अपना शिकार बना लिया। जो लोग खुद को बचाकर बाहर निकले, उनके लिए यह एक ज़िंदगी भर का डर रहा। गांव के लोग और राहगीर आग बुझाने में लगे, पर घटनास्थल पर अफ़रा-तफ़री का मंजर था।
आग कैसे लगी, ये सवाल सबके जहन में है
बस तो नई थी, कंपनी से बस पांच दिन पहले ही ली गई थी। अचानक धुआं निकलना और फिर आग लग जाना हादसे की पहली वजह बन गया। शॉर्ट सर्किट या इंजन गर्म होना माना जा रहा है, लेकिन ये सच सामने आने में वक्त लगेगा। ड्राइवर ने बस को रोक तो दिया, पर तब तक आग फैल चुकी थी।
यात्रियों की चीखें, धुएं का गुबार, और बस की जलती हुई लपटें कुछ ऐसा मंजर था जिसे कोई भूल नहीं सकता।
स्थानीय लोग और राहगीर बने हिम्मत के आगेशन
गांव वाले, राहगीर सबने तुरंत मदद के लिए हाथ बढ़ाया। पानी लेकर, रेत लेकर आग बुझाने की कोशिश की गई। पुलिस और दमकल की टीम भी जल्दी पहुंच गई, मगर भीषण आग ने सब कुछ निगल लिया। बस जल कर राख हो गई।
ये कड़ी मेहनत थी, जो कुछ लोगों की जान बचा सकी।
घायलों के लिए अस्पतालों में हड़कंप
जैसलमेर के स्थानीय अस्पतालों में तुरंत एडवांस व्यवस्था की गई। गंभीर घायलों को जोधपुर के बड़े अस्पताल रेफर किया गया। झुलसे घायल दर्द से कराह रहे हैं। कई का इलाज अभी भी जारी है।
घायल परिवारों में गम और चिंता की लहर है।
सरकार और प्रशासन की फटाफट प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा घटना स्थल पर पहुँचे, हालात का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने भी दुःख जताया। मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद का ऐलान हुआ और घायलों के लिए चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई गई।
यह संकट है, जिसे मिलकर संभालना होगा।
हादसे ने फिर से किया याद दिलाया सुरक्षा के महत्व को
यह हादसा इस बात का सबूत है कि सुरक्षा के नियमों की कितनी अहमियत होती है। बस की नियमित जांच, अग्नि सुरक्षा उपकरण और सुरक्षित ड्राइविंग का ध्यान क्यों जरूरी है।
यात्री जब यात्रा करते हैं, तो उन्हें भरोसा होता है कि उनकी जान संरक्षित है। पर ये घटना सोचने पर मजबूर करती है।
यात्रियों की जुबानी: खौफनाक पल जो भूला नहीं जा सकते
"धुआं निकला और बस में आग लग गई," यात्री बताते हैं कि कुछ पल में बस लपटों में घिर गई। कई ने खिड़कियों से छलांग लगाई, अपनी जान बचाई। उनके लिए वो पल जीवन का सबसे बुरा सपना था।
जो बच गए, वो इस दर्दनाक घटना को कभी नहीं भूलेंगे।
शोक की लहर, और परिवारों के लिए हर संभव मदद की अपील
परिवार तोड़े इस हादसे ने पूरे इलाके को शोक के सन्नाटे में डूबा दिया है। प्रशासन ने मदद के लिए अपील की है। लोग भी आगे आ रहे हैं, भागीदारी कर रहे हैं।
संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ, लेकिन लोगों के हौसले बुलंद हैं।
सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी कदम अब और तेज़ उठाएं जाएं
यह दुखद दुर्घटना एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को कहा जाता है कम नहीं आंकना चाहिए। बसों की समय-समय पर जांच, चालक की ट्रेनिंग और सुरक्षा उपकरणों का होना जरूरी है।
सुरक्षित यात्रा का हक हर यात्री का होता है। इसे पूरा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।