फिल्मों की दुनिया लोगों के सपनों से भरी रहती है, लेकिन यहां अपनी पहचान बनाना बहुत आसान नहीं होता। इनाम उल हक ने भी अपने करियर के शुरुआती दिनों में कई मुश्किलें देखीं। उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर से निकलकर मुंबई तक का सफर इनके लिए आसान नहीं था। बचपन से ही इनाम को रंगमंच से प्यार था, और यही वजह थी कि वक्त के साथ वे थिएटर में गहराई से जुड़ते चले गए।
पहली पहचान फिल्मिस्तान में
इनाम उल हक ने अपनी पहली बड़ी पहचान फिल्म 'फिल्मिस्तान' से बनाई। इस फिल्म में उन्होंने पाकिस्तानी किरदार का रोल निभाया था, जिसे देखकर लोग भ्रम में पड़ गए थे कि वे खुद पाकिस्तानी हैं। यह फिल्म दर्शकों और क्रिटिक्स दोनों को खूब पसंद आई। इसी के साथ उनका नाम भी इंडस्ट्री में तेजी से उभरने लगा था।
जॉली एलएलबी 2 में इकबाल कादरी के रोल ने चमकाई किस्मत
2017 में रिलीज हुई जॉली एलएलबी 2 ने इनाम उल हक के करियर की दिशा ही बदल दी। फिल्म में उनका किरदार इकबाल कादरी काफी चर्चित रहा, जिसने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। इस किरदार में इतनी सच्चाई और मासूमियत दिखाई कि आज भी लोग उन्हें इकबाल कादरी के नाम से पहचानते हैं। इकबाल कादरी का रोल निभाने के बाद इनाम को कई ऑफर मिलने लगे, पर उन्होंने बिना क्वालिटी के कोई फिल्म साइन नहीं की।
क्यों लोग उन्हें समझ बैठते थे पाकिस्तानी?
फिल्मिस्तान और जॉली एलएलबी 2 जैसी फिल्मों में पाकिस्तानी चरित्र निभाने के बाद बहुत से लोग इनाम उल हक को सच में पाकिस्तान का समझने लगे। कई बार ऐसे मौके आए जब लोगों ने उन्हें पाकिस्तान का वीजा लेने की सलाह तक दे डाली। असल में यह उनकी एक्टिंग का कमाल था, जिसमें वे अपने किरदार में ऐसे घुलमिल जाते हैं कि असली पहचाना मुश्किल हो जाता है।
इनाम उल हक को टाइपकास्ट कर दिया गया
इंडस्ट्री में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कोई कलाकार किसी रोल में हिट हो जाए तो उसे वहीं टाइपकास्ट कर दिया जाता है। इनाम उल हक के साथ भी यही हुआ। उन्हें लगातार ऐसे किरदारों के ऑफर मिलने लगे, जिनमें पाकिस्तानी किरदार या गंभीर भूमिका होती थी। वे खुद कहते हैं कि उनके पास कई फिल्में ऐसी आईं, जिन्हें उन्होंने सिर्फ इसीलिए ठुकरा दिया क्योंकि वे एक ही तरह के रोल नहीं करना चाहते थे।
एक्टर की सोच: अच्छा काम, नहीं तो रिजेक्शन
इनाम उल हक का मानना है कि एक अभिनेता को कभी भी क्वांटिटी नहीं, क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए। वे कहते हैं कि "मुझे पैसा या शोहरत ऐसी फिल्मों से मंजूर नहीं, जिसमें कुछ नया या दमदार न हो।" इसी सोच के कारण उन्होंने कई बड़े फिल्मों के ऑफर भी ठुकरा दिए। इनाम खुद मानते हैं कि एक बार टाइपकास्ट हो जाने के बाद नया करना और भी मुश्किल हो जाता है।
आम दर्शकों के दिलों में जगह बना चुके हैं इनाम उल हक
इनाम उल हक आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से पहले थिएटर, फिर सिनेमा की दुनिया में खुद को साबित किया। फिल्मिस्तान में पाकिस्तानी किरदार से लेकर जॉली एलएलबी 2 के इकबाल कादरी तक, इनाम ने हर बार दर्शकों का दिल जीत लिया है।
फिल्मों के डायलॉग और सूझ-बूझ, क्या कहते हैं इनाम उल हक?
इनाम का कहना है कि एक्टर को डायलॉग के साथ-साथ किरदार की गहराई समझना बहुत जरूरी है। फिल्म जॉली एलएलबी 2 के शूटिंग के दौरान उन्होंने अपने किरदार को कई बार जिया, अपनी भाषा और लहजे को बार-बार बदला। यही सूझ-बूझ उनके हर किरदार को खास बना देती है।
अभी आगे क्या प्लान कर रहे हैं इनाम उल हक?
इनाम उल हक लगातार चुनिंदा और दमदार स्क्रिप्ट पर काम कर रहे हैं। वे कभी भी जल्दीबाजी में कोई प्रोजेक्ट साइन नहीं करते। उनका कहना है कि वे ऐसे रोल करना चाहते हैं, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दें और कुछ नया दिखाएं। फिलहाल, वे कुछ वेब सीरीज और बायोपिक पर काम कर रहे हैं, जिसमें उनका रोल फिर से चर्चा में आ सकता है।
मेहनत और सच्चाई ही बनाते हैं बड़ा कलाकार
इनाम उल हक की कहानी यह साबित करती है कि सच्ची लगन और ईमानदारी से किया गया काम रंग जरूर लाता है। अगर कोई एक ही तरह की फिल्में करके जिंदगी बिता देगा तो शायद पहचान जल्द ही खो जाएगी। लेकिन जो हर बार खुद को चुनौती देते रहते हैं, वही लोग आगे बढ़ते हैं। जॉली एलएलबी 2 का 'इकबाल कादरी' इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिसे इनाम उल हक ने अपनी असली मेहनत से हिंदी सिनेमा में अमर बना दिया है।