Kanpur news: कानपुर में अनोखी घटना गंगा में कूदी महिला मगरमच्छ देखकर पूरी रात पेड़ पर बैठी रही
पति से झगड़कर गंगा नदी में कूद गई महिला मगरमच्छ देख डर गई और पूरी रात पेड़ की डाल पर बैठी रही, सुबह ग्रामीणों ने मिलकर जान बचाई।
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। पति से झगड़े के बाद नाराज़ एक महिला गुस्से में गंगा नदी में कूद गई। लेकिन जैसे ही उसने पानी में छलांग लगाई, उसके सामने एक बड़ा मगरमच्छ आ गया। इस डर से महिला पानी से बाहर निकली और नदी किनारे बने पेड़ पर चढ़ गई। रातभर वह पेड़ की डाल पर बैठी रही। सुबह गांववालों ने जब उसे देखा तो लोगों ने उसकी जान बचाई। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई है।
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परिवारिक झगड़े के बाद गुस्से में उठाया कदम
सूत्रों के मुताबिक महिला का अपने पति से किसी निजी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। घर का माहौल काफी तनावपूर्ण था और गुस्से में आकर महिला सीधा गंगा नदी की तरफ चली गई। लोगों का कहना है कि महिला का इरादा नदी में कूदने का ही था ताकि वह खुद को नुकसान पहुंचा सके। जिस वक्त वह नदी में उतरी, पानी शांत था और पास में ही कुछ लोग स्नान कर रहे थे। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि आगे जाकर यह वाकया इतना डरावना हो जाएगा।
गंगा नदी में मगरमच्छ दिखते ही हालात बदल गए
जिस समय महिला नदी में उतरी, अचानक उसके सामने बड़ा मगरमच्छ दिखाई दिया। महिला ने जैसे ही मगरमच्छ को देखा, वह घबरा गई। पानी के बीच में खड़ा होना उसके लिए मुश्किल हो गया। मगरमच्छ धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था। जान बचाने की कोशिश में महिला तुरंत तैरते हुए किनारे आई और वहां मौजूद पेड़ पर चढ़ गई। मगरमच्छ कुछ देर उसी जगह मंडराता रहा और वहां मौजूद लोगों ने डर के कारण नदी में उतरने की हिम्मत नहीं दिखाई।
पूरी रात पेड़ पर बैठी रही महिला
रात का समय और गंगा नदी की गहराई के बीच फंसी महिला के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था। डर और मजबूरी की वजह से उसने खुद को पेड़ की डाल पर बैठाए रखा। चारों ओर अंधेरा था और पानी में हलचल भी हो रही थी। नीचे मगरमच्छ के खौफ ने उसे नीचे उतरने नहीं दिया। इस दौरान रात देर तक गांव के कई लोग किनारे पर इकट्ठे हो गए लेकिन अंधेरे और खतरे की वजह से कोई महिला की मदद करने नदी में उतरने को तैयार नहीं हुआ। महिला भी किसी तरह अपने साहस से रातभर पेड़ की डाल पकड़कर बैठी रही।
सुबह गांववालों ने मिलकर बचाई जान
जैसे ही सुबह हुई, आसपास के गांववाले इकट्ठा हुए। रोशनी में हालात साफ दिखाई देने लगे। कुछ लोगों ने डंडों और आवाज से मगरमच्छ को दूर भगाने की कोशिश की, वहीं अन्य लोगों ने रस्सी और लकड़ी की मदद से महिला तक पहुंच बनाई। आखिरकार घंटों की मशक्कत के बाद महिला को सुरक्षित नीचे उतारा गया। इस घटना को देखकर वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली। महिला की हालत खराब थी लेकिन इस बात की खुशी सभी को थी कि उसकी जान बच गई।
गांव और पुलिस में चर्चा का विषय बनी घटना
यह घटना देखते ही देखते पूरे इलाके में फैल गई। गांव और शहर के लोग इस वाकये पर चर्चा करने लगे। एक ओर जहां लोग इस हादसे से डरे हुए दिखे, वहीं कई लोग इसे भगवान की कृपा मान रहे थे कि महिला मगरमच्छ के सामने होने के बावजूद बच गई। पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई और महिला को समझाया गया कि इस तरह का कदम गलत है। फिलहाल महिला अपने परिवार के साथ घर पर सुरक्षित है लेकिन इस घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है।
गंगा में बढ़ते मगरमच्छों से लोगों में डर
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से गंगा नदी में मगरमच्छों की संख्या बढ़ रही है। अक्सर लोग मछली पकड़ने या स्नान करने आते हैं लेकिन अब डर का माहौल बन गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि जल स्तर और पर्यावरणीय बदलाव की वजह से मगरमच्छ यहां दिखाई देने लगे हैं। प्रशासन से बार-बार अपील की जा रही है कि नदी किनारे सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं ताकि इस तरह की घटनाएं न हों।
सीख और सबक: गुस्से में कदम बड़ा खतरा बन जाता है
कानपुर की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि गुस्से और भावना में बहकर लिए गए फैसले कितने खतरनाक हो सकते हैं। अगर महिला ने नदी में कूदने जैसा कदम नहीं उठाया होता तो उसकी जान पर खतरा नहीं आता। झगड़े और नाराजगी हर परिवार में होती है लेकिन उनका हल हमेशा बातचीत और धैर्य से ही निकलता है। इस घटना से यह सबक लिया जा सकता है कि किसी भी परिस्थिति में जीवन से जुड़े इतने बड़े निर्णय आवेश में आकर नहीं लेने चाहिए।
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