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Kantara Film : के पंजुर्ली और गुलेगा देवताओं की असली कहानी और उनके इतिहास का सच

Mansi Arya

कंतारा फिल्म ने भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ा है। इस फिल्म में दिखाए गए पंजुर्ली और गुलेगा देवता वास्तव में दक्षिण भारत की प्राचीन तुलु संस्कृति के अभिन्न हिस्से हैं। ये देवता सदियों से कर्नाटक के तटीय इलाकों में पूजे जाते रहे हैं। फिल्म ने इन देवताओं की कहानी को बेहद प्रामाणिक तरीके से पेश किया है। यही कारण है कि यह फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई और लोगों ने इसे सराहा।

कंतारा के देवता: कर्नाटक की जीवंत लोक आस्था

खबर का सार AI ने दिया · News Team ने रिव्यु किया

  • कंतारा फिल्म में दिखाए गए पंजुर्ली और गुलेगा जैसे देवता काल्पनिक नहीं हैं।
  • ये देवता कर्नाटक के जंगलों और गांवों में आज भी लोगों की गहरी आस्था का हिस्सा हैं।
  • पंजुर्ली को जंगली भालू के रूप में पूजा जाता है, जो गांवों और फसलों की रक्षा करता है।