Kartik Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का दिन हर साल अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया हर धार्मिक कार्य अक्षय फल देता है। खासकर जिन लोगों पर शनि साढ़ेसाती, शनि ढैय्या या राहु-केतु दोष का प्रभाव हो, उनके लिए यह दिन बेहद विशेष होता है। इस दिन जल, दान, स्नान और दीपदान से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ग्रहों के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं।
शिव आराधना से मिलती है मुक्ति ग्रहदोषों से
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की आराधना से शनि दोष और राहु केतु दोष दोनों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करने की परंपरा है। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सफलता के द्वार खुलते हैं। इस समय अगर आप शनि दोष निवारण अपनाना चाहते हैं, तो शिव आराधना सबसे श्रेष्ठ मानी गई है।

छाया दान और दीपदान से प्रसन्न होंगे शनि देव
कार्तिक पूर्णिमा पर छाया दान करने की परंपरा बहुत पुरानी है। इस दिन सरसों के तेल से भरा पात्र लेकर शनि मंदिर में अर्पित करें। इससे शनि साढ़ेसाती के उपाय का प्रभाव मिलता है और ग्रहों का अशुभ असर कम होता है। शाम को नदी, तालाब या मंदिर परिसर में दीपदान करने से न केवल राहु-केतु दोष शांत होता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी आती है। इसे कार्तिक पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के उपाय के रूप में भी जाना जाता है।

हनुमान उपासना से घटता है शनि का प्रकोप
कार्तिक पूर्णिमा की रात हनुमान चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, हनुमान जी की भक्ति से शनि ढैय्या के उपाय का प्रभाव बढ़ता है। शनि देव स्वयं हनुमान जी के भक्त हैं, इसलिए उनकी उपासना से शनि के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। जो लोग राहु केतु दशा या राहु केतु उपाय अपना रहे हैं, उनके लिए भी यह दिन शुभ होता है। हनुमान जी की पूजा से मनोबल बढ़ता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

राहु-केतु और शनि दोष से राहत के सरल उपाय
यदि आप Rahu Ketu Dasha remedies या Shani dosh ke upay की तलाश में हैं, तो इस दिन के छोटे-छोटे कर्म आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं। किसी बिल्ली को दूध या रोटी खिलाना राहु दोष कम करता है, जबकि कौए को रोटी देना शनि और राहु दोनों के लिए शुभ होता है।

इसके साथ ही, जरूरतमंदों को कपड़े या भोजन का दान करना भी शुभ माना गया है। यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि “देने” की भावना का प्रतीक है, जो जीवन में संतुलन और सकारात्मकता लाता है।
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कार्तिक पूर्णिमा 2025 न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्रह शांति और कर्म सुधार का भी श्रेष्ठ अवसर है। जो लोग नियमित रूप से ये उपाय करते हैं, उनके जीवन में स्थिरता, सफलता और सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन का हर शुभ कार्य अक्षय फल देता है. इसलिए श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करें और अपने जीवन को नई दिशा दें।


