नई दिल्ली, 3 नवंबर 2025 (सोमवार): तमिलनाडु के करूर जिले में हुए दर्दनाक भगदड़ मामले में अब जांच की बागडोर सीबीआई ने संभाल ली है। सोमवार को एजेंसी की एक टीम ने अभिनेता-राजनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्त्री कझगम (TVK) के कार्यालय का दौरा किया और वहां से भगदड़ से संबंधित CCTV फुटेज और अन्य दस्तावेजों की मांग की। यह वही घटना है जिसमें 27 सितंबर को विजय की रैली के दौरान अफरातफरी मचने से 41 लोगों की मौत हुई थी और 60 से अधिक घायल हुए थे।
सीबीआई ने TVK दफ्तर से मांगे सबूत, जांच में जुटी एजेंसी
सीबीआई अधिकारियों ने करूर के पनैयूर स्थित TVK मुख्यालय पहुंचकर पार्टी के पदाधिकारियों से बातचीत की। संयुक्त महासचिव सीटीआर निर्मल कुमार ने बताया कि “अधिकारी किसी पूछताछ के लिए नहीं, बल्कि सामान्य जानकारी जुटाने पहुंचे थे।” उन्होंने कहा कि पार्टी जांच में पूरा सहयोग करेगी और सभी मांगी गई जानकारी नियत समय में उपलब्ध कराएगी।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने पार्टी से तीन से चार दिनों के भीतर सभी CCTV रिकॉर्डिंग, भीड़ प्रबंधन से जुड़े दस्तावेज, और आयोजन से संबंधित कागजात सौंपने के निर्देश दिए हैं। वहीं, TVK का कहना है कि वह पहले ही SIT को सभी आवश्यक जानकारियां दे चुकी है।
TVK ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी थी स्वतंत्र जांच, अब CBI ने संभाली कमान
शुरुआत में इस मामले की जांच SIT कर रही थी, लेकिन TVK ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्वतंत्र जांच की मांग की थी। पार्टी का तर्क था कि भगदड़ की जांच किसी पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए क्योंकि राज्य पुलिस से जनता का भरोसा कमजोर है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका स्वीकार करते हुए CBI जांच के आदेश दिए थे। यह फैसला तमिलनाडु की राजनीति में बड़ी हलचल लेकर आया, क्योंकि विजय की पार्टी हाल ही में उभरती हुई राजनीतिक ताकत के रूप में देखी जा रही है सीबीआई अब आयोजन की अनुमति, सुरक्षा व्यवस्था, और संभावित प्रशासनिक लापरवाही के पहलुओं की भी जांच कर रही है।
रैली में 25 हजार की भीड़, पुलिस ने TVK पर लगाई लापरवाही के आरोप
घटना के दिन यानी 27 सितंबर को विजय की रैली में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ी थी। TVK ने प्रशासन से 10,000 लोगों की अनुमति मांगी थी, लेकिन मौके पर करीब 25,000 लोग पहुंच गए। पुलिस का कहना है कि पार्टी ने सुरक्षा और पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी।
पुलिस के अनुसार, विजय की रैली बस को निर्धारित स्थान से कुछ दूरी पर रोकने की सलाह दी गई थी, लेकिन आयोजकों ने उसे मंच के पास ही रोक दिया। इसके बाद जब विजय करीब 10 मिनट तक बस से बाहर नहीं आए, तो भीड़ बेकाबू हो गई। यह भगदड़ का कारण बनी। इस घटना के बाद पुलिस ने TVK के कई पदाधिकारियों जिला सचिव माधियाझगन, जनरल सेक्रेटरी बसी आनंद, और सीटीआर निर्मल कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
CBI जांच से TVK को राहत या नई मुश्किलें?
India News रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि सीबीआई की जांच किस दिशा में जाती है। TVK ने कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करेगी, लेकिन पार्टी यह भी मानती है कि घटना में कुछ राजनीतिक साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह जांच न केवल भगदड़ के असली कारणों को उजागर करेगी, बल्कि आने वाले चुनावों में TVK की छवि पर भी बड़ा असर डाल सकती है। वहीं, केंद्रीय एजेंसी का ध्यान अब भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा चूक और प्रशासनिक तैयारी जैसे पहलुओं पर केंद्रित है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और देशभर में बहस
इस घटना पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई विपक्षी दलों ने इस हादसे को “प्रशासनिक विफलता” बताया है। वहीं, विजय के समर्थकों ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना” बताया है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे आयोजनों में भीड़ प्रबंधन को लेकर सख्त नियम क्यों नहीं हैं।
National India News in Hindi के मुताबिक, राज्य सरकार ने पहले ही जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नई गाइडलाइन जारी करने की बात कही है ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।


