Vijays Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए

Vijays Karur Rally Stampedeकरूर में विजय की रैली में भगदड़ से 39 लोगों की मौत, बाल-बाल बचे पीड़ितों ने सुनाई अपनी दर्दनाक आपबीती; सुरक्षा व्यवस्थाओं और भीड़ नियंत्रण की कमी सामने आई।

Vijays Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए

तमिलनाडु के करूर में रविवार को हुई अभिनेता विजय की रैली बड़े हादसे में बदल गई। भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ में 39 लोगों की जान चली गई, जिसमें कई महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। रैली में जितनी भीड़ की तैयारी थी, उससे कई गुना ज्यादा लोग उमड़ आए। इस वजह से मौके पर अफरातफरी मच गई और राहत व बचाव में भारी दिक्कतें आने लगीं। पुलिस और आयोजनकर्ताओं की सारी कोशिशें नाकाफी साबित हुईं। हादसे के बाद अस्पतालों में अफरा-तफरी का माहौल रहा।

यह हादसा सभी के लिए गहरा सदमा बन गया है। एक पल के लिए शुरू हुई भगदड़ ने कई परिवारों को हमेशा के लिए दुख दे दिया। इस भयानक घटना ने फिर दिखाया कि बड़े आयोजन में सुरक्षा और भीड़ पर नियंत्रण कितना जरूरी है।

Vijays Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए
फाइल फोटो : करूर विजय की रैली में भगदड़

 

रैली के चश्मदीदों ने सुनाई डरावनी दास्तां, लोगों की मदद के लिए कोई आगे नहीं बढ़ा

रैली में शरीक हुए लोग विजय को लाइव देखने के लिए पहुंचे थे। परिवारों के साथ कई छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी आए। प्रत्यक्षदर्शी नंदा कुमार ने बताया कि भीड़ इतनी थी कि सांस लेने की जगह भी मुश्किल हो गई थी। मदद की पुकारें हर तरफ से उठ रही थीं, पर शोरगुल में आवाज गुम हो गई।

सुरिया नाम की महिला का कहना है कि भगदड़ शुरू होते ही कोई सुरक्षित जगह नहीं मिली। एंबुलेंस भी फंसी रह गई और घायलों तक समय पर इलाज नहीं पहुंच सका। 

नमक्कल की पी. शिवशंकरी का कहना है कि उन्होंने अपनी दोस्त को लोगों के बीच गिरते हुए देखा और खुद भी किसी तरह बाहर निकलीं।

एक पिता अपनी बच्ची को विजय की एक झलक दिखाने लाए थे। लेकिन भगदड़ में बेटी बेहोश हो गई और जब तक वह संभली, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस हादसे ने सभी के दिलों में गहरा डर और दर्द भर दिया है।

Vijays Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए
फाइल फोटो : करूर विजय की रैली

 

कैसे और कहां हुई यह घटना रैली में क्यों उड़ी सुरक्षा की धज्जियां

हादसा करूर-इरोड राजमार्ग के वेलुसामीपुरम के पास हुआ। विजय की यह राजनीतिक रैली 'वेलिचम वेलीयेरु' नाम से थी। आयोजन के लिए प्रशासन ने लगभग 30,000 लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन वहां करीब 60,000 लोग पहुंच गए। यह संख्या अनुमानित से कहीं अधिक थी।

लोग आस-पास के जिलों से ट्रैक्टर, बस, रिक्शा और पैदल चलकर रैली में आए थे। हादसा तब हुआ जब विजय मंच पर भाषण देने पहुंचे और लोग बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे। पार्टीवालों ने मंच से चेतावनी दी, लोगों को संभालने के लिए पानी की बोतलें भीड़ में फेंकी गईं, लेकिन भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही थी। सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन को भी हालात संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

Vijays Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए
फाइल फोटो : विजय की रैली में भगदड़

 

नेता, प्रशासन और विजय की प्रतिक्रिया हर तरफ पसरा शोक और गुस्सा

हादसे के बाद विजय ने सोशल मीडिया पर अपना दुख जाहिर किया। उन्होंने लिखा कि यह घटना उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है और मृतकों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी मामले का संज्ञान लिया और घायलों को 1 लाख रुपये तथा मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की।

तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नयनार नागेंद्रन समेत अन्य नेताओं ने मौके पर राहत कार्य तेज करने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। सभी नेताओं ने प्रशासन से पूरी जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की अपील की।

Vijays Karur Rally Stampede: विजय की रैली में मची भगदड़ में 17 महिलाओं और 9 बच्चों समेत 39 की मौत, आखिर कैसे हुआ ये भयानक हादसा? जानिए
फाइल फोटो : करूर भगदड़

 

विशेषज्ञों ने बताया भीड़ की अनुमान से दोगुनी उपस्थिति और बदइंतजामी बनी हादसे की वजह

घटना के कारणों पर नजर डालें तो साफ है कि भीड़ नियंत्रण में चूक और सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी ने बड़ा हादसा पैदा किया। जितनी भीड़ की तैयारी थी, उससे कहीं अधिक लोग पहुंचे। पर्याप्त पानी, प्राथमिक चिकित्सा, बाहर निकलने की व्यवस्था और पुलिस फोर्स भी कम पड़ी।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक आयोजन हो या धार्मिक, इतनी बड़ी भीड़ हर हाल में नियंत्रित व्यवस्था और सख्त निगरानी मांगती है। करूर की घटना ने यह साबित कर दिया है कि सतर्कता जरा भी कम पड़े, तो हालात हाथ से निकल सकते हैं।

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फाइल फोटो : हादसे के बाद रोते-बिलखते परिजन

जनता और समाज को मिला सबक बड़े आयोजनों में सुरक्षा ही सबसे जरूरी

करूर की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने सभी को यह संदेश दिया कि सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा व भीड़ प्रबंधन प्राथमिकता होनी चाहिए। एक छोटी सी लापरवाही भी जिंदगियां छीन सकती है। खासकर जब किसी चर्चित चेहरा या नेता का कार्यक्रम हो तो भीड़ का प्रबंधन और तैयारी दोगुनी जिम्मेदारी मांगती है।

अब तमिलनाडु ही नहीं, पूरे देश में बड़े आयोजनों के लिए प्रशासनिक सतर्कता, सुरक्षा और लोगों को समय-समय पर दिशा-निर्देश देना बेहद जरूरी है। पीड़ित परिवारों के साथ-साथ समाज के हर व्यक्ति के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि सावधानी और मानव जीवन की कीमत हमेशा सबसे ऊपर रखनी चाहिए।

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