Karwa Chauth 2025: 9 या 10 अक्टूबर कब है सही तारीख? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और खास व्यंजन

करवा चौथ 2025 को लेकर इस साल लोगों में कन्फ्यूजन है क्योंकि चतुर्थी तिथि दो दिन तक रहेगी। पंचांग के अनुसार यह व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदयातिथि नियम के अनुसार सूर्योदय के समय जो तिथि विद्यमान होती है, वही मान्य होती है। इसलिए करवाचौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा।

Karwa Chauth 2025: 9 या 10 अक्टूबर कब है सही तारीख? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और खास व्यंजन

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    सुहागिन महिलाओं के लिए साल का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार करवा चौथ 2025 को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कई लोग इसे 9 अक्टूबर को मना रहे हैं तो कुछ 10 अक्टूबर को। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल करवा चौथ का पावन पर्व 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाए जाने वाले इस व्रत में पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना की जाती है।

     

    तारीख को लेकर क्यों है कन्फ्यूजन

    इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन तक रहने के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति बनी है। हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के नियम के अनुसार जब कोई तिथि सूर्योदय के समय विद्यमान होती है, तभी उस दिन व्रत किया जाता है। 10 अक्टूबर को सूर्योदय के समय चतुर्थी तिथि मौजूद रहेगी इसलिए करवा चौथ का व्रत इसी दिन रखा जाएगा।

     

    शुभ मुहूर्त और पूजा का समय

    धार्मिक ग्रंथों के अनुसार करवा चौथ की पूजा शाम के समय की जाती है। इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 57 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनेंगी और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करेंगी। व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह 6 बजकर 19 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक निर्जला उपवास रखेंगी।

     

    चंद्रोदय का समय और व्रत खोलने की विधि

    करवा चौथ के दिन चांद का दिखना बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि चांद देखने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत तोड़ती हैं। इस साल चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 13 मिनट है। हालांकि अलग अलग शहरों में यह समय थोड़ा अलग हो सकता है। महिलाएं छलनी से चांद देखकर अपने पति का चेहरा देखेंगी और फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का समापन करेंगी।

     

    सरगी में शामिल किए जाने वाले पारंपरिक व्यंजन

    करवा चौथ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले खाई जाने वाली सरगी का विशेष महत्व है। पारंपरिक रूप से सास अपनी बहू के लिए प्रेम और आशीर्वाद के रूप में सरगी तैयार करती है। सरगी में फेनी या सेवैयों की खीर शामिल की जाती है जो कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होती है और पूरे दिन एनर्जी देती है। इसके साथ ही बादाम, काजू, किशमिश और पिस्ता जैसे ड्राई फ्रूट्स शामिल किए जाते हैं जो शरीर को मजबूती देते हैं।

    सरगी में ताजे फल जैसे सेब, केला, संतरा और अनार भी रखे जाते हैं। ये फल विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। नारियल पानी और दूध को भी सरगी में शामिल किया जाता है जो शरीर को हाइड्रेट रखता है। मीठी मठरी और पराठा भी सरगी का अहम हिस्सा होते हैं।

     

    करवा चौथ के दिन बनाए जाने वाले विशेष व्यंजन

    करवा चौथ के दिन व्रत तोड़ने के बाद परिवार के साथ मिलकर खाना खाने की परंपरा है। इस दिन घरों में कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। करवा चौथ के व्यंजन में कढ़ी चावल का विशेष स्थान है। बेसन की पकौड़ी वाली कढ़ी के साथ बासमती चावल इस दिन जरूर बनाया जाता है।

    पंजाबी घरों में दाल मखनी बनाई जाती है जो काली उड़द दाल और राजमा से तैयार होती है। इसे घी और मक्खन के साथ धीमी आंच पर लंबे समय तक पकाया जाता है। कढ़ाई पनीर भी इस दिन का लोकप्रिय व्यंजन है जिसे शिमला मिर्च और प्याज के साथ मसालेदार ग्रेवी में बनाया जाता है।

     

    मिठाइयों का महत्व और आसान रेसिपी

    करवा चौथ जैसे पवित्र अवसर पर मिठाई का होना अत्यंत आवश्यक है। केसरी खीर इस दिन की खास मिठाई है जिसे बासमती चावल, दूध और केसर से बनाया जाता है। गुड़ के गुलगुले भी पारंपरिक मिठाई है जो आटे और गुड़ से तैयार होती है।

    दही वड़ा भी इस दिन का पसंदीदा व्यंजन है। उड़द दाल के वड़े को दही में डालकर चाट मसाला और मीठी चटनी के साथ परोसा जाता है। वेजिटेबल बिरयानी भी इस दिन बनाई जाती है जिसमें बासमती चावल के साथ मिक्स वेजिटेबल्स और खुशबूदार मसाले डाले जाते हैं।

     

    व्रत के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

    करवा चौथ का व्रत निर्जला होता है यानी इसमें पानी भी नहीं पिया जाता। इसलिए सरगी में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए जो शरीर को लंबे समय तक एनर्जी दें। ज्यादा नमकीन या तीखी चीजों से बचना चाहिए क्योंकि इससे प्यास लग सकती है।

    व्रत के दिन आराम करना चाहिए और ज्यादा शारीरिक मेहनत से बचना चाहिए। शाम के समय तैयार होकर करवा चौथ की पूजा में पूरे मन से भाग लेना चाहिए। चांद दिखने का इंतजार करते समय धैर्य रखना जरूरी है।

    करवा चौथ का त्योहार सिर्फ एक व्रत नहीं बल्कि पति पत्नी के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह दिन दोनों के लिए खुशी और उत्सव का होता है। सही तारीख, समय और परंपराओं का पालन करके इस पावन पर्व को मनाना चाहिए।

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