करवा चौथ एक ऐसा दिन है, जब सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं। सुबह से पेट में अजीब सी हलचल रहती है। हर किसी की नजरें शाम तक आसमान में टिकी रहती हैं। चांद कब दिखेगा, यह सवाल हर दिमाग में घूमता रहता। बच्चे भी पूछते हैं – मां, चांद कब आएगा? और मां बोलती है – बस बेटा, थोड़ा और इंतजार।
हर शहर में अलग अलग समय दिखेगा करवा चौथ 2025 का चांद
भारत बड़ा देश है। यहां मौसम भी अलग–अलग शहर में अलग रहता। करवा चौथ 2025 में भी चांद सभी जगह एक समय नहीं दिखेगा। किसी शहर में जल्दी, किसी में देर। बस यही सोचकर महिलाएं जल्दी से बर्तन तैयार करती हैं, पूजा की थाली सजाती हैं और बार-बार छत तक भाग कर देखती हैं – आया क्या चांद?
दिल्ली से मुंबई – चांद किस शहर में कब दिखेगा
सबसे बड़ी बात, दिल्ली में चांद जैसी उम्मीद होती है, ठीक वैसी ही मुंबई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, पटना, भोपाल, इंदौर, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है। दिल्ली में रात करीब 8:13 पर, मुंबई में करीब 8:55 पर, कोलकाता में 7:42 बजे, चेन्नई शाम 8:38 पर, भोपाल में 8:26 बजे, इंदौर में 8:33 बजे, अहमदाबाद में 8:47 बजे, पटना में 7:48 बजे, जयपुर में 8:23 बजे, लखनऊ में 8:02, शिमला 8:06, और चंडीगढ़ में 8:09 बजे चांद दिखाई देगा।
इंतजार की घड़ी – कहां पर चांद सबसे ज्यादा देर से देखने मिलेगा
कुछ जगहों पर तो चांद पलक झपकते ही दिख जाता है। लेकिन, कुछ शहर ऐसे भी हैं – वहां महिलाओं को लंबा इंतजार करना पड़ता। मुंबई में लगभग साढ़े आठ बजते तक आसमान निहारते रह जाते हैं। अहमदाबाद, बेंगलुरु, गांधीनगर में भी आठ बजकर पैंतालीस, अड़तालीस या फिर पैंतालीस मिनट तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। कभी-कभी मन में झुंझलाहट भी आती है। मौसम खराब हुआ, तो ओर भी मुश्किल। पर प्यार में सब मंजूर है।
सबसे जल्दी और सबसे देर से दिखने वाला चांद – एक नजर
वैसे, सबसे जल्दी कोलकाता की ओर नजर डालें, तो 7:42 बजे ही चांद निकल आएगा। पटना में भी 7:48 पर चांद की झलक मिलेगी। वहीं, मुंबई, बेंगलुरु और अहमदाबाद में चांद देर से दिखाई देगा। झुंझलाहट होती है, लेकिन व्रत खुलने की खुशी और खुशी के आंसू सब थकान मिटा देते हैं। हर किसी का बस एक ही सवाल, कब आएगा चांद?
पूजा की तैयारी और चंद्रमा का इंतजार
दोपहर होते–होते महिलाएं कपड़े निकालती हैं, साज-सिंगार करती हैं। घर में पूजा के लिए करवा, चालनी, मिठाई, फल, और भगवान के चित्र सजा दिए जाते हैं। रेडियो, टीवी, फोन पर अपडेट लेते रहते हैं – चांद दिखा या नहीं? कई बार एक छत से, दूसरी छत तक दौड़ लगती है। हांफते–हांफते महिलाएं पूछती – हुआ क्या? औरतें खुद मजाक भी बना लेती हैं – “लगता है चांद भी किसी को तंग करने पर तुला है!”
पड़ोसियों और परिवार की वो नोंक झोंक
शाम की हवा में हल्का ठंडा एहसास। पड़ोस की बुआ छत से आवाज देती हैं – बहू, वहां चांद दिख गया क्या? बच्चे जोर से बोलते हैं – मम्मी, उधर देखो! हां, ऐसे छोटे-छोटे मोमेंट ही तो याद रह जाते हैं। हर कोई अपनी नजर आसमान पर लगाए बैठा है, कभी इधर-जाकर, कभी उधर। घरवालों से कहते हैं – देखो कोई जल्दी चांद देख ले, फोटो भेज देना। सबको जल्दी है, सबको इंतजार है।
करवा चौथ की कहानी के साथ चलती जाती है रात
इतना लंबा दिन। भूख लगती है। गला सूखता है। तब भी मन में एक अलग उत्साह रहता है। जब चांद आता है तो सब इकट्ठा हो जाते हैं। मां, सास, बहनें, सभी छत पर होते हैं। पहली झलक मिलते ही शोर मच जाता है। कोई पूजा की थाली लाता है, कोई छलनी। सभी एक-दूसरे को मुबारकबाद देते हैं और बस, चांद देखकर व्रत खोल लेते हैं। पूरा दिन जैसे इंतजार में ही बीत जाता है।
इस दिन क्या करें अगर चांद न दिखे – पुरानी दादी की सीख
अगर कहीं बादल आ जाएं, चांद न दिखे तो परेशान मत होना। घर की बुजुर्ग दादी कहती हैं, “बेटा, मन की शक्ति से भी पूजा पूरी हो जाती है।” कई घरों में अंत में तारे देखकर या टीवी के समय पर ही व्रत खोल दिया जाता है। चलिए, यह सब कहानी का हिस्सा है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा – सच में अनुभव सिखाता है।
सुहाग का त्योहार, परिवार का साथ
करवा चौथ सिर्फ उपवास का नाम नहीं। यह त्योहार है अपने प्यार, अपने रिश्तों को मजबूत करने का। पति–पत्नी के बीच समझ, सम्मान और साथ का अहसास दिलाता है करवा चौथ। हम सब यही चाहते हैं न, कि मोहब्बत ऐसे ही बनी रहे और हर साल चांद की कहानी सुनते रहें।
2025 के करवा चौथ का नजारा – हर शहर में एक सा इंतजार
इस बार 10 अक्टूबर, शुक्रवार को करवा चौथ है। भारत के अलग–अलग कोनों में, हर छत पर, हर परिवार में एक ही कहानी दोहराई जाएगी। पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र की दुआ मांगेंगी, बच्चे चांद की घंटों बाट जोहेंगे और परिवार में ढेर सारी बातें और खुशियां होंगी। कहीं जल्दी, कहीं देर से – लेकिन चांद सबकी मुस्कान लेकर ही आएगा।
प्यार, इन्तजार और एक खूबसूरत चांद
करवा चौथ का व्रत सिर्फ कर्म-कांड नहीं, ये प्रेम और इन्तजार का त्योहार है। साल में एक बार आता है, लेकिन अपने साथ हजारों यादें छोड़ जाता है। 2025 में भी हर शहर, हर मोहल्ले में ऐसे ही इंतजार और प्रेम की बातें होंगी। बस, आसमान की ओर नजर टिकाए, सब यही कहेंगे – कब आएगा चांद?
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चांद न दिखने पर करवा चौथ कैसे पूरा करें?