इस साल करवा चौथ का पर्व 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह शुक्रवार का दिन होगा और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। चांद देखने का समय शाम 7 बजकर 42 मिनट पर होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 57 मिनट से रात 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
पीरियड्स में करवा चौथ व्रत रखने की धार्मिक मान्यताएं
धर्म शास्त्रों में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं व्रत नहीं रख सकतीं। कई धर्मगुरुओं का मानना है कि यदि महिला की इच्छा हो तो वह पीरियड्स के दौरान भी करवा चौथ का व्रत रख सकती है। यह बात सच है कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इससे व्रत का पुण्य कम नहीं होता। हां, पूजा पाठ की कुछ पारंपरिक मर्यादाएं जरूर हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए।
पूजा पाठ में क्या करें और क्या ना करें
अगर आप पीरियड्स में हैं तो करवा चौथ की पूजा में सीधे तौर पर भाग नहीं ले सकतीं। पूजा की सामग्री को छूने से बचना चाहिए और मंदिर या पूजा स्थल में नहीं जाना चाहिए। लेकिन आप दूर से बैठकर कथा सुन सकती हैं और मन में मंत्र जाप कर सकती हैं। घर के अन्य सदस्य जैसे सास या देवरानी पूजा कर सकती हैं। शाम को चांद देखने के लिए छलनी का इस्तेमाल कर सकती हैं और व्रत खोल सकती हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से पीरियड्स में व्रत रखना कैसा
डॉक्टरों के अनुसार मासिक धर्म के दौरान महिलाओं का एनर्जी लेवल पहले से ही कम होता है। इस समय निर्जला व्रत रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। शरीर में पानी की कमी हो सकती है और कमजोरी महसूस हो सकती है। खून की कमी के कारण चक्कर भी आ सकते हैं। इसलिए यदि आप पीरियड्स में व्रत रख रही हैं तो अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत व्रत खोल दें।
पीरियड्स में व्रत रखने के लिए विशेष सावधानियां और टिप्स
यदि आप मासिक धर्म के दौरान करवा चौथ का व्रत रखने का फैसला कर रही हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले सरगी में ज्यादा पानी पिएं और ऐसा खाना खाएं जिससे एनर्जी बनी रहे। दिन भर आराम करें और ज्यादा काम न करें। योग या हल्की एक्सरसाइज कर सकती हैं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सुबह नारियल पानी पी सकती हैं। अगर बहुत कमजोरी लगे तो फलों का रस भी ले सकती हैं।
आधुनिक समय में बदलते नजरिए
आजकल युवा पीढ़ी का मानना है कि पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है और इसमें शर्म या झिझक की कोई बात नहीं है। कई महिलाएं अब मासिक धर्म के दौरान भी सभी धार्मिक कार्यों में भाग लेती हैं। वे मानती हैं कि भगवान के सामने सभी बराबर हैं और पीरियड्स के कारण कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। यह सोच धीरे धीरे समाज में फैल रही है और पुरानी परंपराओं में बदलाव आ रहा है।
परिवार और समाज का सपोर्ट
करवा चौथ जैसे त्योहारों में परिवार का साथ बहुत जरूरी होता है। यदि आप पीरियड्स में हैं तो घर के बुजुर्गों से बात करके उनकी सलाह लें। कई बार सास और ननद आपकी पूजा कर सकती हैं। आपको केवल व्रत रखना है और श्रद्धा रखनी है। परिवार के सदस्य आपको समझाएं कि पीरियड्स में व्रत रखना कोई गलत बात नहीं है। मन में सच्ची भक्ति हो तो भगवान जरूर सुनते हैं।
व्रत खोलने का सही तरीका
जब शाम को चांद दिखाई दे तो छलनी से चांद देखकर व्रत खोलें। पहले पानी पिएं फिर कुछ मीठा खाएं। पीरियड्स के दौरान अचानक से ज्यादा खाना खाने से पेट में परेशानी हो सकती है। इसलिए पहले हल्का खाना लें फिर धीरे धीरे नॉर्मल खाना शुरू करें। गुड और चना खाना अच्छा होता है क्योंकि इससे खून की कमी पूरी होती है। दूध और फल भी ले सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह कब लें
यदि आपको पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है या फिर बहुत कमजोरी महसूस हो रही है तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। कुछ महिलाओं को हार्मोनल प्रॉब्लम होती है जिसमें व्रत रखना खतरनाक हो सकता है। अगर आप किसी बीमारी की दवा ले रही हैं तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर की इजाजत जरूर लें। प्रेग्नेंसी में भी व्रत रखने से पहले डॉक्टर से पूछना चाहिए।
करवा चौथ का व्रत एक सुंदर परंपरा है जो पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाती है। पीरियड्स के दौरान व्रत रखना या न रखना आपकी व्यक्तिगत पसंद है। धर्म में कहीं भी इसे गलत नहीं कहा गया है। लेकिन सबसे पहले अपनी सेहत का ख्याल रखें। अगर शरीर साथ दे रहा है तो व्रत रख सकती हैं वरना भगवान को मन से याद करना भी बहुत बड़ी पूजा है। आखिर में यही कहूंगा कि त्योहार खुशी मनाने के लिए होते हैं तनाव लेने के लिए नहीं।