Karwa Chauth fast and periods : क्या रखना चाहिए व्रत और क्या है सच्चाई
Karwa Chauth fast and periods पर सही जानकारी। मासिक धर्म में व्रत रखना या नहीं, जानिए स्वस्थ और धार्मिक नजरिए से सही तरीका।
करवा चौथ और पीरियड्स: क्या है सच?
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- करवा चौथ पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाने वाला निर्जला व्रत है।
- मासिक धर्म में व्रत रखने को लेकर समाज में भ्रम है, पर धर्मशास्त्र में कोई स्पष्ट मनाही नहीं।
- यह धारणा सामाजिक परंपराओं से उपजी है, जबकि आधुनिक सोच महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है।
करवा चौथ व्रत और पीरियड्स: जानिए कब रखना ठीक है और क्या है सच
करवा चौथ व्रत की खासियत और उसकी अहमियत क्या होती है
करवा चौथ का नाम सुनते ही दिमाग में एक खास दिन आ जाता है। हर साल महिलाओं के लिए यह दिन क्या लेकर आता है, यह जानना भी ज़रूरी है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए सूरज उदय होते ही उपवास रख लेती हैं। पूरा दिन बिना पानी या भोजन के बिताना होता है। मन में बस एक ही कामना होती है कि उनका पति सुरक्षित और खुशहाल रहे। इस साल भी 10 अक्टूबर 2025 को इस व्रत का विधिवत पालन किया जाएगा।
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पीरियड्स में करवा चौथ का व्रत रखना पाप होना इस बात का चलन क्यों
यह सवाल बहुतों के मन में रहता है। क्या मासिक धर्म में व्रत रखना सही है या इसे पाप माना जाता है? सुनने में आता है कि मासिक धर्म के दौरान पूजा-पाठ या व्रत नहीं करना चाहिए। ये बात कई घरों में सच लगती है, लेकिन असलियत में कहीं ऐसा धर्मशास्त्र में स्पष्ट निर्देश नहीं है। कई जगहों पर यह समाज की धारणाओं और परंपराओं की वजह से बन गया। लेकिन आज की सोच यह है कि सबसे जरूरी महिलाओं का स्वास्थ्य और संतुलन है।
कैसे करें मासिक धर्म के वक्त करवा चौथ का व्रत सही तरीके से
अगर आप मासिक धर्म में व्रत रखना चाहती हैं, तो समझदारी से काम लेना सबसे ज़रूरी है। शरीर की क्षमता को समझें। कभी-कभी निर्जला व्रत करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में थोड़ा पानी पी लेना या हल्का भोजन कर लेना ठीक रहता है। किसी भी तरह की परेशानी महसूस हो तो तुरंत रोक दें। अपने परिवार से और खासकर बुजुर्गों से सलाह जरूर लें। इस व्रत की असली भावना को समझना ज़रूरी है, नहीं तो सिर्फ दिखावा बन जाएगा।
धार्मिक दृष्टिकोण से मासिक धर्म और करवा चौथ व्रत का साथ
ऐसा माना जाता है कि मासिक धर्म प्रकृति का एक हिस्सा है, इसे पवित्र या अशुद्ध मानना सही नहीं। धार्मिक ग्रंथों में कहीं स्पष्ट नहीं लिखा कि मासिक धर्म में व्रत करना मना है। ये वो बातें हैं जो समय और समाज की सोच बदलने से बनी। अब लोग समझने लगे हैं कि महिला स्वाभाविक रूप में पवित्र है चाहे वह किसी भी अवस्था में हो। इसलिए, अगर मन हो तो व्रत रखें, पर जब जरूरत महसूस हो तो आराम भी करें।
परिवार और समाज का दबाव—मासिक धर्म में व्रत को लेकर असली दिक्कत
हमारे समाज में अब भी कुछ जगहों पर परिवार और समाज के ऐसे दबाव होते हैं जो महिलाओं को अपनी इच्छा के खिलाफ चलते हैं। चाहते हुए भी महिलाएं दबाव में आकर बिना समझे व्रत रख लेती हैं या पूरी श्रद्धा से व्रत से दूर रहती हैं। इससे उनके मन में उलझन होती है। इसलिए जरूरी है कि परिवार वाले समझदारी दिखाएं, महिला की seहत को प्राथमिकता दें, तभी सही मार्गदर्शन होगा।
अगर मासिक धर्म में व्रत नहीं रखा तो क्या पूजा अधूरी हो जाती है?
यह डर बहुत सी महिलाओं में होता है कि अगर व्रत नहीं रखा तो पूजा-कर्म अधूरा रह जाएगा। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। व्रत और पूजा का मतलब है मन से भक्ति और श्रद्धा। भले ही व्रत ना रखा जाए, लेकिन मन से की गयी प्रार्थना भी उतनी ही पवित्र होती है। इसलिए यदि आप किसी कारणवश व्रत नहीं रख पा रही हैं तो यह सोचकर घबराना नहीं चाहिए।
करवा चौथ के दिन खास ध्यान देने वाली बातें
इस व्रत को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए कुछ आसान बातों का ध्यान रखना चाहिए। सुबह हल्का भोजन करना अच्छा रहता है। पूरे दिन स्ट्रेस से दूर रहें। खासकर अगर व्रत पीरियड्स के दौरान हो तो ज्यादा मेहनत न करें। व्रत खोलते समय चंद्रमा को ध्यान से देखें। मन शांत और भावुक रहें। व्रत को सिर्फ नियम बनाने के बजाय, इसे एक भावना के तौर पर अपनाएं।
समय के साथ बदलती सोच और समाज में जागरूकता
आज के दौर में महिलाएं अपनी सेहत और धर्म दोनों को स्मार्टली संभाल रही हैं। वे जानती हैं कि व्रत क्यों रखना है, कब शरीर की जरूरत ज्यादा है। बड़े शहरों में यह सोचना और भी आसान हुआ है जहां स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है। धीरे-धीरे पुराने मिथक टूट रहे हैं और नयी पीढ़ी समझदारी से निर्णय ले रही है। ये बदलाव शुभ संकेत हैं।
निष्कर्ष: करवा चौथ व्रत रखना या न रखना—सबसे जरूरी है आपकी भक्ति और स्वास्थ्य
करवा चौथ का व्रत भक्तिपूर्ण और श्रद्धा से भरा दिन होता है। पीरियड्स में इसका पालन करना या न करना पाप नहीं, बल्कि स्थिति और स्वास्थ्य के हिसाब से होना चाहिए। व्रत की असली ताकत, दिल से की गई प्रार्थना में है। इसलिए जब भी इस दिन उपवास करें, ध्यान रखें कि आपका शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहें। तभी यह व्रत सफल होगा और सच्ची खुशहाली लाएगा।
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पीरियड्स में करवा चौथ व्रत रखना चाहिए?
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