Khamaria School Balaghat : की मैडम पर छात्रों की बड़ी शिकायत, कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग

बालाघाट जिले के लालबर्रा क्षेत्र स्थित खमरिया स्कूल की मैडम पर कक्षा 12वीं के छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मैडम जी मनमर्जी करती हैं, पढ़ाई पर ध्यान नहीं देतीं और छात्रों को अपमानित करती हैं। नाराज छात्र कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और लिखित शिकायत सौंपी। उन्होंने मांग की कि मैडम पर कार्रवाई हो, ताकि पढ़ाई का माहौल सुधरे और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का अधिकार मिल सके।

Khamaria School Balaghat : की मैडम पर छात्रों की बड़ी शिकायत, कलेक्टर से की कार्रवाई की मांग

बालाघाट जिले के लालबर्रा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खमरिया के कक्षा 12वीं के विद्यार्थी इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह यह है कि उन्होंने एक हैरान कर देने वाला कदम उठाया। छात्रों का कहना है कि उनकी कक्षा में पढ़ाने वाली एक मैडम का व्यवहार उनके लिए बेहद कठिन हो गया था। बच्चों का आरोप है कि मैडम जी उनके साथ मनमर्जी का व्यवहार करती हैं। कभी पढ़ाई के समय अचानक से कक्षा छोड़ देती हैं, तो कभी घंटों तक इधर-उधर घूमती रहती हैं।

विद्यार्थियों के अनुसार कई बार जब वे छोटी-सी गलती कर बैठते हैं, तो मैडम जी उन्हें इतना डांटती हैं कि बच्चे मानसिक दबाव में आ जाते हैं। छात्रों ने आरोप लगाया है कि मैडम जी मज़ाक-मजाक में या गुस्से में किसी गलती पर विद्यार्थियों की नाक तक बोर्ड पर रगड़वा देती हैं। 12वीं कक्षा के ये विद्यार्थी कहते हैं कि पढ़ाई से ज्यादा वे अब डर में जीने लगे थे। यही कारण रहा कि उन्होंने आपस में बैठकर तय किया कि मामला अब जिले के कलेक्टर साहब तक ले जाया जाए। बच्चों का साफ कहना है कि वे पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन जो हालात हैं, उनमें यह संभव नहीं है। यह शिकायत बालाघाट जिले में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गई है।

 

कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचे खमरिया विद्यालय के छात्र

जब परेशानियां हद से गुजर गईं तो शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खमरिया के कक्षा 12वीं के कुछ विद्यार्थी सीधे बालाघाट कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। वहां उन्होंने अपनी पूरी समस्या विस्तार से बताई। उन्होंने साफ कहा कि वे मैडम जी के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं क्योंकि उनके व्यवहार से शिक्षा का वातावरण बिगड़ रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें बार-बार अपमानित किया जाता है और मारपीट जैसी स्थिति भी बनती है।

कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर विद्यार्थियों ने एक लिखित आवेदन भी दिया और मांग की कि मामले की जांच की जाए। उनका कहना था कि पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय अब उनका मन स्कूल जाने से भी कतराने लगा है। बच्चों का कहना है कि किसी शिक्षक से उन्हें पढ़ाई में मार्गदर्शन चाहिए लेकिन जब वह शिक्षक ही विद्यार्थियों को तनाव में डाल दे, तो पढ़ाई का वातावरण बर्बाद हो जाता है।

विद्यार्थियों ने यह भी कहा कि उन्हें डर है कि अगर वे आवाज़ नहीं उठाते तो भविष्य में हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते थे। यही कारण रहा कि उन्होंने साहस करके कलेक्टर तक अपनी बात पहुँचाई। यह घटना अब पूरे खमरिया क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुकी है और लोग शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों के आचरण पर सवाल उठा रहे हैं।

 

शिक्षक पर गंभीर आरोप और बच्चों का दुख

खमरिया स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्रों ने जिस अंदाज में अपनी टीचर पर आरोप लगाए हैं, उससे साफ झलकता है कि बच्चों की सहनशक्ति जवाब दे चुकी थी। उनका कहना है कि शिक्षक बनकर किसी पर अत्याचार करना या उसे अपमानित करना सही नहीं है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए बताया कि मैडम जी स्कूल के समय का सही उपयोग नहीं करतीं। वे कभी घंटों बातों में लगी रहती हैं, तो कभी बिना वजह कक्षा से बाहर चली जाती हैं। जब भी बच्चे सवाल पूछते हैं, उन्हें डांटकर चुप करा दिया जाता है।

सबसे गंभीर आरोप यह लगाए गए कि छोटी-सी गलती पर भी विद्यार्थियों की नाक बोर्ड पर रगड़वाई जाती है, जिससे उनका आत्मसम्मान आहत होता है। विद्यार्थियों ने कहा कि शिक्षा का मकसद बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना होता है, लेकिन यहां स्थिति उलटी है। यहां तो विद्यार्थी कक्षा में आने से खुद डरने लगे हैं। उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है और मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है।

बच्चों ने बताया कि उन्होंने पहले तो सोचा कि यह सब सहन कर लेंगे, लेकिन जब स्थिति असहनीय हो गई तो उन्हें आवाज़ उठानी पड़ी। बच्चों का कहना था कि वे चाहते हैं कि उन्हें पढ़ाई के लिए शांत और सहयोगी माहौल मिले, न कि ऐसा माहौल जहाँ शिक्षक जल्लाद की तरह पेश आए। यह आरोप बेहद गंभीर हैं और अब प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई करे।

 

कलेक्टर बोले, मामले की होगी जांच

जब बच्चों ने यह शिकायत कलेक्टर साहब तक पहुँचाई तो प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। कलेक्टर ने छात्रों को सुरक्षा और भरोसा दिलाया कि उनके साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी। कलेक्टर ने इस दौरान बच्चों से यह भी अपील की कि वे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित रखें और किसी तरह से हिम्मत न हारें।

प्रशासन का कहना है कि शिक्षा एक गंभीर विषय है और इसमें किसी तरह का खिलवाड़ मंजूर नहीं किया जा सकता। यदि किसी शिक्षक का आचरण बच्चों पर नकारात्मक असर डाल रहा है, तो उस पर कार्रवाई करनी ही होगी। अधिकारियों ने बच्चों के आवेदन को दर्ज कर जांच अधिकारियों को सौंप दिया। अब आगे क्या होगा, यह जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। लेकिन इतना जरूर है कि विद्यार्थियों ने अपनी बात खुलकर रखकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर लिया है।

यह घटना न केवल बालाघाट बल्कि पूरे मप्र की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक आईना है। इससे साफ है कि बच्चे अब चुप रहने वाले नहीं हैं, और अगर उनके अधिकारों का हनन होगा तो वे आवाज़ जरूर उठाएंगे। कलेक्टर की ओर से की गई गंभीरता इस मामले पर आगे की कार्रवाई की उम्मीद जगाती है।

 

मामले से शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

यह घटना अब केवल खमरिया विद्यालय तक सीमित नहीं रही है। इसने पूरे क्षेत्र और जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर बहस छेड़ दी है। लोगों का कहना है कि यदि विद्यार्थी शिक्षकों से डरने लगेंगे तो शिक्षा की गुणवत्ता कैसे सुधरेगी? हर कोई मानता है कि शिक्षक समाज में सबसे बड़ा मार्गदर्शक होता है, लेकिन अगर वही शिक्षक बच्चों पर अत्याचार करने लगे तो यह स्थिति बेहद खतरनाक है।

लोगों ने सवाल उठाए कि क्या सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं? क्या वहां शिक्षा का स्तर बेहतर हो रहा है या केवल खानापूर्ति हो रही है? कलेक्टर तक शिकायत पहुंचना छात्रों का साहस तो दर्शाता है, लेकिन यह भी दिखाता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक नजरें शिक्षा संस्थानों से हट गई थीं।

अब उम्मीद यही की जा रही है कि खमरिया के इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार और प्रशासन दोनों शिक्षा व्यवस्था पर नजर मजबूत करेंगे। विद्यार्थियों की शिकायतें अनसुनी नहीं की जानी चाहिए और बच्चों को पढ़ाई का हक दिया जाना चाहिए। आने वाले समय में यह मामला कई उदाहरण पेश कर सकता है कि विद्यार्थी भी अब अपनी आवाज दबाकर बैठने वाले नहीं हैं।

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Gaurav Jha

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