कुछ कारें सिर्फ ट्रांसपोर्ट का जरिया नहीं होतीं, वो एक lifestyle statement बन जाती हैं। **Kia Carnival** उन्हीं में से है। ये SUV नहीं, MPV है – पर इसका ठाठ SUV से कम नहीं। भारत में जब पहली बार Carnival आई थी, तो कई लोगों ने कहा, “इतनी बड़ी कार कौन खरीदेगा?” और अब देखिए, जो एक बार बैठा, वो किसी दूसरी गाड़ी में comfortably नहीं बैठ पाता।
डिजाइन – एलिगेंस और एटीट्यूड का मिक्स
पहली नज़र में Kia Carnival royal लगती है। चौड़ी ग्रिल, sleek LED हेडलाइट्स, और लंबा, फैला हुआ बॉडी प्रोफाइल। साइड से देखो तो लगता है जैसे किसी luxury van को SUV का दिल दे दिया गया हो। मैंने पहली बार इसे दिल्ली एयरपोर्ट के VIP पार्किंग में देखा था – किसी बिजनेसमैन की फैमिली उतर रही थी, और honestly, बाकी SUVs उसके सामने जैसे आम लग रही थीं। Carnival की presence ही अलग है।
Rear profile simple लेकिन classy है। Sliding doors का convenience पहली बार में थोड़ा अलग लगता है, लेकिन जब traffic या पार्किंग टाइट हो, तब समझ आता है कि ये design कितना practical है।
इंटीरियर – सच में ‘Carnival’ जैसा Experience
इसका cabin अंदर से किसी lounge जैसा लगता है। Leather seats, rear recliner chairs, और second row में footrest – भाई, ये सब features तो ₹50 लाख वाली SUVs में भी नहीं मिलते। Rear entertainment screen और dual sunroof तो icing on the cake हैं।
एक बार मैं और मेरा एक दोस्त पुणे से गोवा drive पर निकले थे। उसने बीच रास्ते मुझसे कहा – “भाई, driver तो तू बन जा, मैं पीछे बैठकर film देख लूंगा।” और वो सच में 5 घंटे तक पीछे बैठा रहा, Netflix पर series चल रही थी, AC वेंट सामने, और leg space इतना कि पैर फैलाकर सो सकता था। Carnival में पीछे बैठना सच में treat है।
इंजन और ड्राइव – smooth, पर थोड़ी heavy feel
Carnival का 2.2-लीटर डीज़ल इंजन इतना refined है कि आप भूल जाते हैं कि ये diesel है। Power linear है, gearbox smooth, और highway पर ये literally glide करती है। हां, city traffic में इसका साइज थोड़ा परेशान करता है। U-turn लेना या पार्किंग में घुसाना थोड़ा patience मांगता है। लेकिन जो steering feedback है, वो confidence देता है।

मैंने इसे एक बार मुंबई के Western Express पर तेज़ चलाई थी। 120 km/h पर भी cabin में pin-drop silence था। Suspension tuned है comfort के लिए – potholes निगल लेती है बिना आवाज़ किए। लेकिन sharp turns पर body roll थोड़ा महसूस होता है, जो इसके size के हिसाब से normal है।
Features और Tech – Kia का favourite playground
Ventilated seats, tri-zone climate control, wireless charging, connected car tech – Kia ने feature list में कोई कसर नहीं छोड़ी। Touchscreen infotainment crisp है और Bose audio system असली luxury vibe देता है। Safety के मामले में भी Carnival solid है – six airbags, ABS, ESC, hill assist, और 360-degree camera तक दिया गया है।
बस एक चीज़ – infotainment system कभी-कभी lag करता है, खासकर जब multiple apps खुले हों। ये problem मैंने Seltos में भी देखी थी। छोटा glitch है, लेकिन annoying।
Mileage और Practicality – बड़ा दिल, बड़ा खर्च
अब बात खर्च की करें तो Carnival से economy expect करना बेवकूफी है। 10-12 kmpl का mileage real-world में मिलता है। लेकिन honestly, जो लोग Carnival लेते हैं, वो mileage देखने नहीं जाते। ये car उन लोगों के लिए है जो comfort को priority मानते हैं।
Boot space तो गज़ब है – सभी सीटें upright हों तब भी दो बड़े suitcase आराम से समा जाते हैं। और अगर third row fold करें, तो literal moving room बन जाता है।
मेरी राय – एक बार Carnival चला ली, तो बाकी cars boring लगेंगी
Seedhi baat, Kia Carnival एक “experience” है, सिर्फ कार नहीं। ये उन लोगों के लिए है जो हर सफर में luxury ढूंढते हैं। हां, थोड़ा bulky है, थोड़ा expensive भी, पर इसकी comfort और features justify करते हैं हर पैसा।
मैंने अब तक जितनी भी long drives की हैं, Carnival जैसी ride किसी में नहीं मिली। ये car highway पर चलती नहीं, तैरती है। और शायद यही वजह है कि Kia ने इसे Carnival नाम दिया – क्योंकि इसके हर सफर में celebration का एहसास रहता है।


