किश्तवाड़ हादसा कुदरत के कहर पर PM मोदी का बड़ा बयान

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटना: मचैल माता यात्रा के दौरान तबाही, राहत-बचाव अभियान जारी, प्रधानमंत्री मोदी का हरसंभव मदद का आश्वासन

किश्तवाड़ हादसा कुदरत के कहर पर PM मोदी का बड़ा बयान

जम्मू-कश्मीर में भीषण बादल फटा किश्तवाड़ में तबाही, प्रधानमंत्री ने दिलाया हरसंभव मदद का भरोसा

किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर) — जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिसोती गाँव में गुरुवार दोपहर बादल फटने की विनाशकारी घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। यह हादसा दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच हुआ, जब वार्षिक मचैल माता यात्रा का आधार शिविर हज़ारों श्रद्धालुओं से भरा हुआ था।

भूस्खलन, कीचड़ और तेज़ पानी के साथ आई बाढ़ ने गाँव, घरों, दुकानों और वाहनों को चंद पलों में तहस-नहस कर दिया। कई लोग लापता हो गए और अब तक 45 से ज़्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी का आश्वासन

घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फ़ोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार बचाव और राहत कार्य में पूरा सहयोग देगी।

पूर्व मुख्यमंत्री का दावा – "500 से ज़्यादा लोग मलबे में दबे हो सकते हैं"

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्हें आशंका है कि किश्तवाड़ में 500 से अधिक लोग अब भी मलबे में दबे हो सकते हैं।

मचैल माता यात्रा पर बड़ा असर

यह हादसा मचैल माता मंदिर की पैदल यात्रा के शुरुआती बिंदु पर हुआ।

बस स्टैंड पर खड़े कई वाहन बह गए

भक्तों के लिए लगाया गया लंगर पूरी तरह तबाह हो गया

दुकानों और सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं
चमत्कारिक रूप से, बाढ़ के बीच में स्थित एक मंदिर सुरक्षित बच गया।

बचाव कार्य और अब तक का अपडेट

अब तक 160+ लोगों को सुरक्षित निकाला गया है

38 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है

21 शवों की पहचान हो चुकी है, बाकी की पहचान जारी है

प्रशासन ने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मृतकों की तस्वीरें परिजनों से साझा कर पहचान की प्रक्रिया तेज़ की है

मचैल और हमोरी गाँव में सैकड़ों लोग अब भी फंसे हुए हैं

बिजली ठप होने से संपर्क मुश्किल हो गया है

नदी में दिखे शव

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने चिनाब नदी में 10 शव तैरते हुए देखे हैं। इन्हें निकालने के प्रयास भी जारी हैं।

प्रशासन की अपील

अधिकारियों ने कहा है कि खराब मौसम और पहाड़ी इलाकों की स्थिति को देखते हुए तीर्थयात्री मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें और जोखिम भरे मार्गों से बचें।

यह हादसा कब और कहाँ हुआ?
यह घटना गुरुवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिसोती गाँव में हुई।
बादल फटने से कितना नुकसान हुआ है?
बाढ़ और मलबे ने गाँव, घरों, दुकानों, वाहनों और लंगर को पूरी तरह तबाह कर दिया। कई लोग लापता हैं और अब तक 45 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
क्या मचैल माता यात्रा पर असर पड़ा है?
हाँ, हादसा यात्रा के शुरुआती बिंदु पर हुआ, जिससे यात्रा प्रभावित हुई है। कई यात्री फँस गए हैं और लंगर व दुकानें बह गई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल से बात करके हरसंभव मदद का भरोसा दिया है और कहा कि केंद्र सरकार बचाव व राहत कार्य में पूरी मदद करेगी।
क्या और लोग मलबे में दबे हो सकते हैं?
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आशंका जताई है कि 500 से अधिक लोग अब भी मलबे में दबे हो सकते हैं।
कितने लोगों को बचाया गया है?
अब तक 160+ लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। 38 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और 21 शवों की पहचान हो चुकी है।
प्रशासन ने लोगों से क्या अपील की है?
अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि मौसम की ताज़ा जानकारी लेकर ही यात्रा शुरू करें और खतरनाक मार्गों से बचें।
क्या बिजली और संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है?
हाँ, बिजली गुल होने से कई क्षेत्रों में संपर्क टूट गया है, जिससे राहत कार्य में दिक्कत आ रही है।