Kiwi ने लॉन्च किया Interest-Back EMI on UPI: अब बड़े खर्चों पर मिलेगा ब्याज का कैशबैक

फिनटेक स्टार्टअप Kiwi ने EMI on UPI का नया फीचर पेश किया है, जिसमें ग्राहक बड़े खर्चों को आसान ईएमआई में बांट सकते हैं और ब्याज का हिस्सा कैशबैक के रूप में वापस पा सकते हैं।

Kiwi ने लॉन्च किया Interest-Back EMI on UPI: अब बड़े खर्चों पर मिलेगा ब्याज का कैशबैक

Kiwi ने लॉन्च किया नया फीचर: Interest-Back EMI on UPI से बड़े खर्च अब होंगे आसान और सस्ते

 

फिनटेक स्टार्टअप Kiwi ने एक नया और इनोवेटिव फीचर पेश किया है — Interest-Back EMIs on UPI। इस फीचर के ज़रिए ग्राहक अब अपने बड़े खर्चों को आसान ईएमआई (EMI) में बांट सकते हैं और साथ ही EMI पर दिए गए ब्याज का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा कैशबैक (cashback) के रूप में वापस पा सकते हैं।

 

नया फीचर कैसे काम करता है

Kiwi के मुताबिक, ग्राहक किसी भी UPI मर्चेंट पर भुगतान करते समय QR कोड स्कैन करके या ऑनलाइन पेमेंट करते हुए “Pay with EMI” विकल्प चुन सकते हैं। इसके बाद वे EMI चार्जेज़ पहले से देख सकते हैं, UPI पिन डालकर ट्रांजेक्शन पूरा कर सकते हैं और EMI के ब्याज हिस्से पर तुरंत कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया मोबाइल पर होती है, जिसमें किसी फिजिकल कार्ड की ज़रूरत नहीं पड़ती और हर कदम पर पूरी पारदर्शिता बनी रहती है।

 

ग्राहकों के लिए बड़ा फायदा

इस फीचर के तहत, यदि ग्राहक 3 महीने की EMI चुनते हैं तो उन्हें ब्याज पर 100% कैशबैक मिलता है, यानी EMI पूरी तरह ब्याज-मुक्त (interest-free) हो जाती है। वहीं, 6 या 9 महीने की EMI लेने पर ब्याज राशि का 50% कैशबैक वापस किया जाता है।

Kiwi के को-फाउंडर और चीफ बिजनेस ऑफिसर मोहित बेदी ने बताया कि, “EMI on UPI के साथ हमने लोगों के लिए क्रेडिट को और आसान और किफायती बनाया है। अब ग्राहक त्योहारों या बड़े खर्चों के दौरान बिना आर्थिक दबाव के शॉपिंग कर सकते हैं।”

 

UPI के लिए नया अध्याय

अब तक UPI का इस्तेमाल ज्यादातर छोटे लेन-देन जैसे चाय, टैक्सी या रोज़मर्रा की खरीदारी तक सीमित था। लेकिन Kiwi के इस कदम के बाद अब UPI बड़े और महंगे लेन-देन में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह फीचर NPCI (National Payments Corporation of India) के फ्रेमवर्क के तहत तैयार किया गया है और डिजिटल क्रेडिट की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Kiwi का कहना है कि, “UPI अब 4 करोड़ से अधिक मर्चेंट्स तक पहुंच चुका है, लेकिन अभी तक यह मुख्य रूप से छोटे भुगतानों के लिए जाना जाता था। EMI on UPI से अब करोड़ों भारतीयों को वह सुविधा मिलेगी, जो पहले सिर्फ क्रेडिट कार्ड धारकों तक सीमित थी।”

 

त्योहारी सीजन में बढ़ेगी खरीदारी और किफायत

त्योहारों के समय भारत में सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स, ट्रैवल और घर की सजावट जैसे सेक्टरों में भारी खर्च देखा जाता है। Kiwi के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत में कुल त्योहारी खर्च लगभग ₹3.5 लाख करोड़ तक पहुंचा था, जिसमें से सिर्फ ई-कॉमर्स बिक्री ही करीब ₹90,000 करोड़ की रही थी।

इस दौरान स्मार्टफोन, ज्वेलरी, होम अप्लायंसेज और ट्रैवल जैसी कैटेगरीज़ में सामान्य महीनों की तुलना में 2 से 3 गुना तक अधिक बिक्री हुई थी। इनमें से आधे से अधिक बड़े लेन-देन EMI या Pay Later विकल्पों के जरिए किए गए थे।

Kiwi का यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत में डिजिटल पेमेंट, क्रेडिट एक्सेस और फाइनेंशियल इन्क्लूज़न तेजी से बढ़ रहे हैं। अब UPI के जरिए EMI का विकल्प मिलना लाखों नए उपभोक्ताओं को संगठित क्रेडिट सिस्टम से जोड़ने का अवसर देगा और देश के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को और मजबूत बनाएगा।