Kotma station : पर मालगाड़ी पटरी से उतरी दो डिब्बे पलटे,लोगों में मचा हड़कंप

अनूपपुर जिले के कोतमा स्टेशन पर देर रात बड़ा रेल हादसा हो गया। मालगाड़ी के डिब्बे अचानक पटरी से उतरकर पलट गए, जिससे लोगों में दहशत और अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद रेल यातायात बाधित हुआ और कई गाड़ियां घंटों लेट हो गईं। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि आवाज इतनी तेज थी कि लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए। सौभाग्य से किसी यात्री की जान नहीं गई लेकिन हादसे ने बड़ा खतरा दिखा दिया।

Kotma station : पर मालगाड़ी पटरी से उतरी दो डिब्बे पलटे,लोगों में मचा हड़कंप

MP News: मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में कोतमा स्टेशन के पास शनिवार देर रात एक बड़ा रेल हादसा हो गया। यहां एक मालगाड़ी के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिनमें से दो पूरी तरह पलट गए। हादसे के बाद अचानक इलाके में अफरा-तफरी मच गई और रेलवे अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन लंबे समय तक रेल यातायात बाधित रहा।

 

कैसे हुआ हादसा

स्थानीय सूत्रों के अनुसार हादसा देर रात करीब 1 बजे हुआ। मालगाड़ी कोतमा स्टेशन की तरफ बढ़ रही थी तभी अचानक गाड़ी के पिछले हिस्से के डिब्बे पटरी से उतर गए। तेज धमाके की आवाज सुनते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। दो डिब्बे पूरी तरह पलटकर ट्रैक से अलग हो गए। इस दौरान लोहे का मलबा चारों तरफ फैल गया, जिससे ट्रैक जाम हो गया और गुज़र रही ट्रेनों की आवाजाही को रोकना पड़ा।

 

रेलवे अधिकारियों की कार्रवाई

हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गई। सबसे पहले आसपास का इलाका खाली कराया गया और फिर पटरी पर पड़े डिब्बों को हटाने की तैयारी शुरू की गई। राहत और मरम्मत का काम पूरी रात चला। रेलवे क्रेन और मजदूरों की मदद से धीरे-धीरे पलटे हुए डिब्बों को सीधा किया गया। सुबह तक ट्रैक को खाली कराने में टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी।

 

लोगों में मचा हड़कंप

हादसे की आवाज इतनी तेज थी कि कोतमा स्टेशन और आसपास के गांवों तक हलचल मच गई। जैसे ही खबर फैली, बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। अंधेरे में डिब्बों के पलटने और पटरी टूटने से लगे मलबे को देखकर लोग डर गए। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि अगर यह हादसा यात्री गाड़ी के साथ होता तो बड़ा खतरा हो सकता था।

 

रेल यातायात पर असर

हादसे की वजह से रात भर कई ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ा। कुछ गाड़ियों को दूसरे मार्ग पर भेजा गया ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो। हालांकि, सुबह तक दर्जनों यात्री फंसे रहे और उन्हें स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा। रेलवे ने यात्रियों को सूचना देने के लिए अनाउंसमेंट की व्यवस्था की, लेकिन गाड़ियों के लेट होने से परेशानी बनी रही।

 

गनीमत रही कि जानहानि नहीं हुई

इस रेल हादसे में सबसे बड़ी राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। मालगाड़ी में कोयला और लोहे का सामान लदा हुआ था, जिसकी वजह से डिब्बों का संतुलन बिगड़ा और पटरी से उतरने की आशंका जताई जा रही है। रेलवे ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।

 

स्थानीय लोगों के बयान

घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि हादसा अचानक हुआ और आवाज सुनते ही लोग घबराकर भागे। कुछ लोगों ने बताया कि आवाज इतनी भयानक थी कि ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो। कई ग्रामीणों ने अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें और वीडियो भी बनाए, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए।

 

जांच की जाएगी

आरपीएफ और रेलवे अधिकारियों ने मौके का जायजा लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। तकनीकी टीम का मानना है कि पटरी में तकनीकी खराबी या डिब्बों के ओवरलोड होने से हादसा हुआ हो सकता है। फिलहाल, रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारण सामने आएगा। रेलवे ने भविष्य में इस तरह की घटना को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का आश्वासन दिया है।

 

यात्रियों ने जताई नाराजगी

पटरी हादसे की वजह से रुकी हुई ट्रेनों में बैठे यात्रियों ने रेलवे की व्यवस्था पर सवाल उठाए। यात्रियों का कहना था कि उन्हें समय पर सही जानकारी नहीं दी गई जिसकी वजह से काफी परेशानी हुई। कई यात्रियों ने स्टेशन पर भूखे-प्यासे रात गुजारी। हालांकि रेलवे अधिकारियों ने दावा किया कि प्रभावित यात्रियों को पानी और खाने की व्यवस्था की गई।

 

कितना बड़ा था हादसा

रेल हादसे में करीब छह डिब्बों के पटरी से उतरने की जानकारी सामने आई है, जबकि दो पूरी तरह पलट गए। डिब्बों में भरा सामान बिखर गया और करीब पांच सौ मीटर तक ट्रैक प्रभावित हुआ। इस वजह से रेलवे को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। मरम्मत कार्य पूरा होने तक कई ट्रेनें अपने गंतव्य तक लेट से पहुंचीं।

 

रेल हादसे ने उठाए सवाल

बार-बार हो रहे रेल हादसों ने फिर से सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक तरफ रेलवे यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिलाता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रैक की समय-समय पर जांच और मालगाड़ियों में लोडिंग नियमों का पालन बेहद जरूरी है।