हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव शुक्रवार को अचानक कुरुक्षेत्र स्थित एलएनजेपी सिविल अस्पताल पहुंचीं। उनके अचानक निरीक्षण से अस्पताल प्रशासन और स्टाफ में हलचल मच गई। मंत्री सीधा अंदर पहुंचीं और वहां मौजूद मरीजों से बातचीत की। उन्होंने इलाज, दवाई, सफाई और अन्य सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया।
महिला शौचालय का दरवाजा तोड़वाया
निरीक्षण के दौरान जब मंत्री महिला टॉयलेट देखने पहुंचीं तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। सुरक्षा कर्मचारियों की मदद से कमांडो को बुलाया गया और दरवाजा तोड़ा गया। अंदर का नजारा देखकर वह भड़क गईं। बदबू और गंदगी ने उन्हें नाराज कर दिया। तुरंत पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बुलाकर जवाब-तलब किया गया। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं होगी।
मरीजों से सीधी बात
मंत्री आरती राव ने वार्डों में भर्ती मरीजों से भी बातचीत की। मरीजों से उन्होंने पूछा कि उन्हें इलाज के लिए क्या दिक्कत आती है, दवाई समय पर मिलती हैं या नहीं और डॉक्टर समय पर देखते हैं या नहीं। कुछ मरीजों ने हिचकिचाते हुए अपनी समस्याएं भी बताईं। इस पर मंत्री ने वहीं खड़े अधिकारियों को तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए।
अस्पताल परिसर में मलबा और अव्यवस्था
निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि अस्पताल में निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन जगह-जगह मलबा पड़ा हुआ है। मरीज और उनके परिजन असुविधा में रहते हैं। मंत्री ने यह सवाल उठाया कि आखिर मरीजों और महिलाओं को इस तरह की स्थिति में क्यों रखा जा रहा है जब अस्पताल का जिम्मा साफ-सफाई और बेहतर सुविधा देने का है।
डॉक्टरों के रवैये पर सवाल
छापामार निरीक्षण में यह भी सामने आया कि कई डॉक्टर मरीजों को बिना इलाज किए ही बाहर रेफर कर देते हैं। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे मामले दोहराए गए तो सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि बिना वजह मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजना बंद किया जाए।
डिलीवरी और ऑपरेशन की रिपोर्ट
मंत्री राव ने महिलाओं के गायनी वार्ड का भी निरीक्षण किया। उन्होंने एक महीने की रिपोर्ट मंगाई। रिपोर्ट देखकर उन्होंने जानकारी दी कि पिछले एक महीने में 26 सामान्य डिलीवरी हुई हैं और 5 से 10 ऑपरेशन भी हो चुके हैं। इस पर उन्होंने गायनी विभाग के काम की समीक्षा की और कहा कि सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाए ताकि मरीजों को इधर-उधर भटकना न पड़े।
स्टाफ को साफ निर्देश
निरीक्षण पूरा करने के बाद मंत्री ने अस्पताल प्रबंधन और पीडब्ल्यूडी अफसरों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल इलाज का स्थान है, यहां मरीज को राहत मिलनी चाहिए, परेशानी नहीं। गंदगी, मलबा या लापरवाही मिले तो अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारना सरकार की प्राथमिकता है और इसमें किसी तरह की ढिलाई नहीं चलेगी।
लोकमान्य अस्पताल पर लोगों की उम्मीदें
कुरुक्षेत्र सहित आसपास के कई गांवों के लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं। हर दिन हजारों मरीज यहां पहुंचते हैं। ज्यादातर लोग अपनी बुनियादी परेशानियों का इलाज यहीं करवाते हैं। ऐसे में जब वे गंदगी और लापरवाही देखते हैं तो सरकार की छवि पर असर पड़ता है। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने यह भी माना कि मरीजों को सुविधाएं समय पर मिलें, यह उनकी पहली जिम्मेदारी है।
अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी
निरीक्षण के दौरान मंत्री का गुस्सा कई बार सामने आया। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि अगर अस्पतालों में अव्यवस्था पाई गई तो पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग दोनों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्होंने व्यवस्थाओं की साप्ताहिक रिपोर्ट लेने का भी आदेश दिया।
मरीज़ों को सुविधाएं दिलाने का आश्वासन
निरीक्षण के अंत में मंत्री ने कहा कि सभी मरीजों को पूरी सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने डॉक्टरों को चेतावनी भी दी कि मरीजों के प्रति उनका व्यवहार मर्यादित और जिम्मेदार होना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार चाहती है कि आम लोग सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करें और इलाज में कोई बाधा न आए।
लोगों की प्रतिक्रिया
मंत्री के इस अचानक निरीक्षण की चर्चा पूरे शहर में रही। मरीजों के परिजन भी कह रहे थे कि अगर मंत्री स्तर पर अफसरों को फटकार लगेगी तो शायद व्यवस्था बदले। कई महिलाएं इस बात से खुश थीं कि महिला शौचालय पर भी ध्यान दिया गया। वहीं कुछ मरीजों ने कहा कि वे चाहते हैं कि यह निरीक्षण सिर्फ एक दिन का दिखावा न हो बल्कि इन बदलावों का असर लंबे समय तक नजर आए।
निरीक्षण की कार्रवाई का असर
मंत्री के दौरे के बाद अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई है। अधिकारी व्यवस्था सुधारने में जुट गए हैं। डॉक्टरों का रवैया भी तुरंत बदलते हुए दिखा। अब मरीजों को उम्मीद है कि आगे उन्हें बेहतर इलाज, साफ-सफाई और समय पर दवाइयां मिलेंगी।