Ladakh : में छात्रों का बड़ा प्रदर्शन लेह पुलिस से झड़प और सीआरपीएफ गाड़ी में आगजनी

लद्दाख में छात्रों ने पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह की सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प हुई, जिसमें माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। गुस्साए छात्रों ने सीआरपीएफ की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शन को सोनम वांगचुक का समर्थन मिला है, जिसके कारण आंदोलन को और ताकत मिली। प्रशासन फिलहाल हालात को काबू में लाने की कोशिश कर रहा है।

Ladakh : में छात्रों का बड़ा प्रदर्शन लेह पुलिस से झड़प और सीआरपीएफ गाड़ी में आगजनी

लेह की शांत वादियों में अचानक गरमा-गर्मी देखने को मिली जब हजारों छात्र अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर आए। लेह और लद्दाख के छात्रों का गुस्सा इस बार सीधा सरकार की नीतियों के खिलाफ था। वे कई दिनों से लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। छात्रों के आंदोलन को मशहूर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक का भी समर्थन मिल रहा है, जिसने पूरे इलाके को नई ऊर्जा दे दी।

 

सोनम वांगचुक का नाम क्यों जुड़ा है इस आंदोलन से

सोनम वांगचुक लद्दाख के युवाओं के बीच काफी सम्मानित नाम हैं। उन्होंने बार-बार लद्दाख के लिए विशेष दर्जे की मांग की है। उनके नेतृत्व में छात्र सड़कों पर उतर आए। वांगचुक का कहना है कि लद्दाख की संस्कृति, पर्यावरण और जीवनशैली को सुरक्षित रखना जरूरी है। वे छात्रों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील करते रहे हैं लेकिन हालात अचानक बिगड़ गए।

 

कैसे हुआ बवाल: कहां से शुरू हुआ छात्रों और पुलिस का टकराव

बीते मंगलवार को लेह बाजार में बड़ी संख्या में छात्र जुटे। सभी के हाथों में बैनर और पोस्टर थे— “लद्दाख को हक दो” और “सोनम वांगचुक जिंदाबाद” जैसे नारे लग रहे थे। शुरूआत में माहौल शांत था, लेकिन धीरे-धीरे गुस्से ने उग्र रूप लिया। पुलिस द्वारा रोकने की कोशिश के बाद टकराव शुरू हो गया। दोनों तरफ से धक्का-मुक्की और पत्थरबाजी हुई, जिसकी वजह से पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

 

आगजनी: सीआरपीएफ की गाड़ी जलने से क्यों बढ़ा तनाव

इस झड़प के दौरान छात्रों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने सीआरपीएफ की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। सीआरपीएफ की गाड़ी धू-धू कर जल उठी, जिससे पूरी लेह में अफरा-तफरी मच गई। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ा। इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल फैल गया और प्रशासन ने कई रास्तों पर सुरक्षा बढ़ा दी।

 

छात्रों की मांग क्या है: किस उद्देश्य के लिए हुआ प्रदर्शन

छात्रों का मुख्य कहना है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। साथ ही, यहां के लोगों को विशेष अधिकार देने की मांग की जा रही है, ताकि उनकी जमीन, पर्यावरण और संस्कृति सुरक्षित रह सके। उनका आरोप है कि अगर ये मांगें पूरी नहीं होतीं, तो आने वाले समय में लद्दाख के स्थानीय लोग अपने ही क्षेत्र में अल्पसंख्यक हो सकते हैं।

 

प्रशासन का क्या जवाब: क्या बोले अधिकारी और पुलिस

मामला बिगड़ता देख पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हंगामा करने वाले छात्रों की पहचान की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने का प्रयास जारी है ताकि हल शांतिपूर्ण तरीके से निकले।

 

लद्दाख की राजनीति में क्या बदल सकता है यह आंदोलन

यह आंदोलन न केवल लेह बल्कि पूरे लद्दाख के भविष्य को प्रभावित कर सकता है। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग राजनीति में बड़ा मुदृा बनता जा रहा है। अगर आंदोलन और तेज होता है तो सरकार को भी कोई बड़ा कदम उठाना पड़ सकता है। फिलहाल, हालात को काबू में रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

 

आम लोगों की सोच: लेह में डर, लेकिन साथ भी

इस घटना के बाद लेह के आम लोगों के दिल में डर घर कर गया है, लेकिन वे छात्रों की मांग को जायज मानते हैं। कई स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर लद्दाख के अधिकार सुरक्षित नहीं हुए तो यहां की संस्कृति और पहचान खो जाएगी। माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, वहीं युवा साथियों के समर्थन में डटे हुए हैं।

 

मौजूदा स्थिति और आगे की राह

फिलहाल लेह और आसपास के इलाकों में तनाव बना हुआ है। प्रशासन प्रदर्शनकारियों से संवाद की कोशिश कर रहा है, सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त की गई है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी बात सुने और लद्दाख को उसका हक देने पर विचार करे। सोनम वांगचुक लगातार शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील कर रहे हैं, ताकि हिंसा रुक सके और कोई बड़ी अनहोनी न हो।

 

लेह में प्रदर्शन क्यों है आने वाले दिनों का बड़ा सवाल

लेह में छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प ने लद्दाख में सरकार और जनता के बीच तनाव दिखा दिया है। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा की मांग अब केवल स्थानीय स्तर की नहीं रही, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच संवाद ही अब हल का रास्ता लग रहा है। क्षेत्र के युवाओं में जोश है, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बातचीत से समाधान निकाले और लेह की फिजा को एक बार फिर शांत करे।

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