Ladki Bahin Yojana: अब e-KYC अनिवार्य, 2 महीने में पूरी करें प्रक्रिया

मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना की लाभार्थी महिलाओं को अब हर साल e-KYC अनिवार्य करना होगा, वरना योजना की राशि उनके खाते में नहीं आएगी।

Ladki Bahin Yojana: अब e-KYC अनिवार्य, 2 महीने में पूरी करें प्रक्रिया

Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने किया e-KYC अनिवार्य, 2 महीने में पूरी करनी होगी प्रक्रिया

 

महाराष्ट्र सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी पात्र महिलाओं को e-KYC कराना अनिवार्य होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और केवल सही लाभार्थियों तक वित्तीय सहायता पहुँचाने के लिए उठाया गया है।

 

लाडकी बहिन योजना क्या है?

इस योजना की शुरुआत महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनके सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को हर महीने ₹1,500 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है। यह योजना जुलाई 2024 से लागू है और फिलहाल लगभग 2.25 करोड़ महिलाएं इसका लाभ उठा रही हैं।

 

क्यों जरूरी हुआ e-KYC?

हाल ही में सरकार ने यह खुलासा किया था कि करीब 26.34 लाख अपात्र लाभार्थी, जिनमें पुरुष भी शामिल थे, योजना में पंजीकृत हो गए और भत्ता प्राप्त कर रहे थे। इस गड़बड़ी को रोकने और वास्तविक पात्र महिलाओं तक ही लाभ पहुंचाने के लिए e-KYC को अनिवार्य किया गया है।

 

e-KYC कैसे करें?

  1. आधिकारिक वेबसाइट ladakibahin.maharashtra.gov.in पर जाएं।

  2. होमपेज पर दिए गए e-KYC विकल्प पर क्लिक करें।

  3. आवश्यक दस्तावेज़ जैसे नाम, पता, राशन कार्ड नंबर, आय का प्रमाण और आधार कार्ड विवरण अपलोड करें।

  4. सबमिट बटन पर क्लिक करके प्रक्रिया पूरी करें।

सरकार ने साफ किया है कि e-KYC हर साल कराना अनिवार्य होगा। अगर आधार प्रमाणीकरण या e-KYC पूरा नहीं किया जाता है, तो मासिक भत्ता रोक दिया जाएगा।

 

लाभार्थियों के लिए संदेश

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा है कि e-KYC प्रक्रिया बेहद सरल है और सभी लाभार्थियों को इसे अगले दो महीनों के भीतर पूरा करना होगा। इससे न केवल योजना में पारदर्शिता आएगी बल्कि सही लाभार्थियों को नियमित रूप से लाभ मिलना भी सुनिश्चित होगा।

इस कदम से यह उम्मीद की जा रही है कि अपात्र व्यक्तियों को योजना से बाहर किया जाएगा और वास्तविक ज़रूरतमंद महिलाओं को ही आर्थिक सहायता का लाभ मिलेगा।