दिल्ली के प्रसिद्ध लाल किला परिसर से चोरी हुए करीब एक करोड़ रुपए मूल्य के कलश की बरामदगी ने पूरे मामले में एक बड़ी सफलता दिलाई है। यह चोरी उस समय हुई थी जब लाल किला के सामने चल रहे जैन समाज के धार्मिक आयोजन में कीमती सोने-हीरों से जड़ा कलश चोरी कर लिया गया था। इस चोरी ने न केवल धार्मिक समुदाय को बल्कि पूरे देश को हैरान और चिंतित कर दिया था। घटना के बाद पुलिस ने गहन जांच कर आरोपी की पहचान की और उसे उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से गिरफ्तार किया। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपी के कब्जे से कलश को भी बरामद कर लिया है, जिससे यह मामला अब न्यायालय तक पहुंचने की दिशा में है।
इस मामले को पूरी तरह से खोलने के लिए पुलिस अभी भी बाकी आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है और उन्होंने जांच तेज कर दी है ताकि बाकी दो चोरी हुए कलश भी बरामद किए जा सकें। यह चोरी न केवल आर्थिक रूप से बड़ा था बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व था, क्योंकि कलश जैन समाज के धार्मिक अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चोरी का तरीका और आरोपी की पकड़ में पुलिस को हुई मदद
सीसीटीवी फुटेज ने इस मामले को सुलझाने में पुलिस की मदद की। फुटेज में एक व्यक्ति धोती में छुपकर पूजा स्थल तक पहुँचा और उसने बड़ी सावधानी से कलश को अपने झोले में डालकर वहां से फरार हो गया। इस चोर ने जैन समाज के धार्मिक वेश-भूषा का नकल करते हुए धोती और चुन्नी पहन रखी थी, जिससे आयोजकों को उस पर कोई शक नहीं हुआ। आरोपी ने बड़ी योजना और धैर्य से यह चोरी की वारदात अंजाम दी। पुलिस ने इस फुटेज की जांच कर आरोपी की पहचान की, जो उत्तर प्रदेश के हापुड़ का रहने वाला था। आरोपी भूषण वर्मा के खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को मामले के बाकी पहलुओं को समझने में मदद मिली। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि चोरी सिर्फ एक कलश की नहीं बल्कि तीन कलशों की है, जिनमें से एक पुलिस बरामद कर चुकी है और बाकी की तलाश जारी है।
कलश का धार्मिक और आर्थिक महत्व
चोरी हुए कलश का धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है। यह कलश जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रमों में इस्तेमाल होता था और लगभग 760 ग्राम सोने का था। इसमें करीब 150 ग्राम कीमती रत्न जैसे हीरा, पन्ना, और माणिक्य जड़े हुए थे। इस कलश की कीमत एक करोड़ रुपए के करीब है, जो इसे केवल एक आभूषण नहीं बल्कि एक बहुत मूल्यवान धार्मिक वस्तु बनाता है। जैन समाज के सदस्य बताते हैं कि यह कलश रोजाना पूजा के लिए जरूर लगाया जाता था और आयोजन की गरिमा में इसका बड़ा स्थान था। जब यह चोरी हुआ तो धर्मसंस्कृति और भावनात्मक रूप से भी समाज को बड़ा झटका लगा था। इसीलिए इसकी बरामदगी से समुदाय में भारी राहत आई है।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई के लिए तैयारियां
पुलिस ने इस चोरी के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच टीम गठित की थी। उस टीम ने सीसीटीवी फुटेज, संदिग्धों की पहचान और सूचना के आधार पर हापुड़ में छापेमारी की और आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ जारी है और बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए रेड जारी है। इसके अलावा, पुलिस कई और जगहों पर छापेमारी कर रही है ताकि बाकी चोरी हुए कलश और किसी अन्य संदिग्ध वस्तु की बरामदगी हो सके। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह चोरी किसी बड़ी गिरोह की साजिश थी। जल्द ही बाकी आरोपियों की भी गिरफ्तारी संभव है।
धार्मिक आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
लाल किला परिसर से चोरी की यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। 15 अगस्त पार्क में जैन समाज का धार्मिक अनुष्ठान चल रहा था और इतने बड़े सुरक्षा इंतजामों के बावजूद यह चोरी संभव हो सकी। पुलिस ने बताया कि मृत सुरक्षा के बावजूद आरोपी ने बड़ी चालाकी से वारदात को अंजाम दिया। सीसीटीवी फुटेज से भी पता चलता है कि दोषी व्यक्ति पूजा स्थल के अंदर तक सादगी से घुसा और उसने वारदात की। इस मामले के बाद सुरक्षा एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने किले और इसके आसपास सुरक्षा के कड़े उपाय करने की बात कही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। धार्मिक आयोजनों के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा की भी मांग उठी है।
आरोपी की गिरफ्तार से मिली राहत और आगे की उम्मीदें
आरोपी भूषण वर्मा की गिरफ्तारी ने पुलिस और जनता दोनों को राहत दी है। अब तक की जांच में यह पता चला है कि वारदात को बड़ी योजना के तहत अंजाम दिया गया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर घटना के अन्य पहलुओं का पता लगा रही है। दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सक्रिय कार्रवाई कर रही है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, उम्मीद है कि बाकी कलश भी बरामद हो जाएंगे और इस चोरी के पीछे की पूरी साजिश सामने आ पाएगी। यह मामला दिखाता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की सुरक्षा क्यों जरूरी है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि ऐसे कीमती वस्तुओं की सुरक्षा के लिए ठोस और कुशल कदम उठाए जाएं।