London and Brussels Airports : पर साइबर अटैक से फ्लाइट्स में देरी यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह
लंदन और ब्रसेल्स समेत यूरोप के कई बड़े एयरपोर्ट्स साइबर अटैक की चपेट में आए हैं। इसके चलते यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई फ्लाइट्स देर से चल रही हैं, जबकि कुछ को रद्द करना पड़ा है। हीथ्रो एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा है कि समस्या पर काम चल रहा है और जल्द हालात संभाले जाएंगे। यात्रियों को यात्रा से पहले फ्लाइट की स्थिति जांचने और समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचने की सलाह दी गई है।
यूरोप के कई बड़े एयरपोर्ट्स पर अचानक आई तकनीकी समस्या ने हजारों यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। लंदन, ब्रसेल्स और अन्य देशों के प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ान संचालन साइबर अटैक की वजह से प्रभावित हुए हैं। कई घंटों तक चली इस तकनीकी रुकावट के चलते दर्जनों फ्लाइट्स या तो देरी से रवाना हुईं या रद्द करनी पड़ीं। इस वजह से यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
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लंदन हीथ्रो एयरपोर्ट ने दी आधिकारिक जानकारी और यात्रियों से की अपील
लंदन का हीथ्रो एयरपोर्ट यूरोप का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। यहां से हर दिन हजारों फ्लाइट्स का संचालन होता है। अचानक हुए इस साइबर अटैक के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन ने एक बयान जारी करके कहा है कि समस्या पर तेजी से काम चल रहा है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति ऑनलाइन अवश्य जांच लें और समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचे।
ब्रसेल्स एयरपोर्ट पर भी कई घंटे तक रही उड़ानों में देरी और यात्रियों को हुई दिक्कत
ब्रसेल्स एयरपोर्ट भी इस हमले से प्रभावित हुआ है। यहां सुबह से ही कई उड़ानों में देरी की खबर है। कई यात्री जिनकी यात्राएं कनेक्टिंग फ्लाइट्स से जुड़ी थीं, उन्हें सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि साइबर अटैक ने सिस्टम की सामान्य गति धीमी कर दी है, जिस वजह से यात्रियों की चेकिंग में देरी हुई और बोर्डिंग में अड़चनें आईं।
साइबर अटैक से क्यों प्रभावित होती हैं फ्लाइट सेवाएं और यात्रियों की सुरक्षा पर क्या असर
आज के समय में फ्लाइट संचालन पूरी तरह से तकनीक पर निर्भर है। टिकट बुकिंग, बैगेज हैंडलिंग से लेकर एयर ट्रैफिक कंट्रोल तक हर प्रक्रिया में कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में जब साइबर अटैक होता है तो डेटा का प्रवाह प्रभावित होता है और सिस्टम की सामान्य गति ठहर जाती है। इससे न केवल फ्लाइट शेड्यूल बाधित होता है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठते हैं। हालांकि इस बार अभी तक किसी संवेदनशील डेटा लीक की पुष्टि नहीं हुई है।
यात्रियों की परेशानी बढ़ी, इंतजार के बीच अनिश्चितता का दौर
कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति साझा की है जिनमें वे हवाई अड्डों पर लंबी कतारों और बार-बार बदलते फ्लाइट समय का जिक्र कर रहे हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों के लिए यह इंतजार और भी मुश्किल साबित हुआ। कई लोग जो बिजनेस मीटिंग या जरूरी काम के सिलसिले में यात्रा कर रहे थे, उनकी योजनाएं बिगड़ गई हैं।
हीथ्रो एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी – समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचे और अपडेट देखते रहें
हीथ्रो एयरपोर्ट प्रशासन ने कहा है कि यात्रियों को धैर्य रखना चाहिए और एयरपोर्ट स्टाफ से सहयोग करना चाहिए। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे उड़ान भरने से पहले आधिकारिक वेबसाइट या एयरलाइन से संपर्क करके फ्लाइट का समय और गेट की जानकारी की पुष्टि करें। प्रशासन का कहना है कि आईटी विशेषज्ञ लगातार सिस्टम को दुरुस्त करने में लगे हैं और जल्द ही समस्या पर काबू पा लिया जाएगा।
Collins Aerospace, which provides check-in and boarding systems for several airlines across multiple airports globally, is experiencing a technical issue that may cause delays for departing passengers.
— Heathrow Airport (@HeathrowAirport) September 20, 2025
While the provider works to resolve the problem quickly, we advise… pic.twitter.com/f68e9CbIlu
यूरोप के अन्य देशों तक फैला असर, एयरलाइन कंपनियों की भी चुनौतियां बढ़ीं
लंदन और ब्रसेल्स तक सीमित न रहते हुए इस साइबर अटैक का असर यूरोप के अन्य बड़े एयरपोर्ट्स पर भी देखा जा रहा है। फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड्स के कई यात्री हवाई अड्डों पर भी उड़ान संचालन में देरी की खबरें हैं। एयरलाइन कंपनियों के लिए यह परिस्थिति दोहरी चुनौती लेकर आई है। एक ओर उन्हें यात्रियों को संभालना है तो दूसरी ओर अपने आईटी ढांचे को सुरक्षित करना है।
सरकारी एजेंसियां और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अलर्ट मोड में
घटना के बाद कई देशों की सरकारी एजेंसियों ने तेजी से जांच शुरू कर दी है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हमलों के पीछे संगठित साइबर क्रिमिनल्स का हाथ हो सकता है जो हवाई अड्डों और एयरलाइन्स जैसी अहम सेवाओं को निशाना बनाते हैं। इन हमलों का मकसद जरूरी सेवाओं को बाधित करना और वित्तीय नुकसान पहुंचाना होता है।
क्या यात्रियों की निजी जानकारी सुरक्षित है या खतरे में
यात्रियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि उनकी निजी जानकारी जैसे पासपोर्ट नंबर, भुगतान से जुड़ा डाटा और पहचान पत्र विवरण कितना सुरक्षित है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने इस पर कहा है कि प्रारंभिक जांच में ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि यात्रियों का डेटा हैक हुआ हो। हालांकि साइबर सुरक्षा की टीम इसे प्राथमिकता के तौर पर जांच रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अटैक से निपटने की बढ़ी जरूरत
यह घटना एक बार फिर ध्यान दिलाती है कि साइबर अटैक केवल निजी कंपनियों या बैंकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ढांचे को भी लक्ष्य बनाते हैं। हवाई अड्डे किसी भी देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का अहम हिस्सा होते हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तकनीकी मजबूती बेहद आवश्यक हो जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग की रणनीतियां बनानी होंगी।
फिलहाल स्थिति संभल रही है लेकिन जरूरी है सावधानी और सतर्कता
हीथ्रो और ब्रसेल्स एयरपोर्ट दोनों ने यात्रियों को भरोसा दिलाया है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी। आईटी विशेषज्ञ लगातार नेटवर्क और डेटा सर्वर को जांच रहे हैं। फिलहाल सीमित स्तर पर ही सही, पर उड़ानों का संचालन फिर से शुरू हुआ है। हालांकि यात्रियों से अपील की गई है कि वे किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहें और आधिकारिक स्रोतों से अपडेट लेते रहें।
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