Maharashtra-Chhattisgarh : सीमा पर अबुझमाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों की मुठभेड़, दो नक्सली ढेर और हथियार बरामद

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर अबुझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को ढेर कर दिया और घटनास्थल से हथियार भी बरामद किए। जवानों की इस कार्रवाई से इलाके में नक्सली गतिविधियों को बड़ा झटका माना जा रहा है। ऑपरेशन अभी भी जारी है और सुरक्षाबल स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों की कार्रवाई पर राहत की सांस ली।

Maharashtra-Chhattisgarh : सीमा पर अबुझमाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों की मुठभेड़, दो नक्सली ढेर और हथियार बरामद

महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित अबुझमाड़ का इलाका एक बार फिर से गोलीबारी की आवाज़ों से गूंज उठा। रविवार देर रात सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भयानक मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया। घटना में मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। मुठभेड़ अभी भी कई इलाकों में जारी होने की खबर है। यह इलाका लंबे समय से नक्सली प्रभाव में रहा है और आए दिन यहां पर सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भिड़ंत होती रहती है।

 

अबुझमाड़ जंगल में जवानों को कैसे मिली सफलता

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, जवानों को खुफिया जानकारी मिली थी कि महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा से लगे घने अबुझमाड़ जंगल में नक्सली संगठन की एक बड़ी बैठक चल रही है। जानकारी के आधार पर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही जवान उस इलाके की ओर बढ़े, नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भी गोलियां चलाईं। इस कार्रवाई में दो कुख्यात माओवादी मारे गए और बाकी जंगल की ओर भाग निकले।

 

मारे गए नक्सलियों की पहचान और बरामद हथियार

घटनास्थल से दो शव बरामद किए गए हैं। इनमें से एक की पहचान स्थानीय नक्सली दस्ता प्रमुख के रूप में की जा रही है। घटनास्थल से पुलिस ने कई हथियार और नक्सली साहित्य भी जब्त किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये नक्सली उन क्षेत्रों की योजना बना रहे थे जहां आने वाले दिनों में वे सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का इरादा रखते थे।

 

इलाके में लगातार क्यों होती रहती हैं ऐसी मुठभेड़

अबुझमाड़ और इसके आसपास का इलाका वर्षों से नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता रहा है। यहां के घने जंगल और पहाड़ी रास्ते नक्सलियों को छिपने और मूवमेंट करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि सुरक्षाबलों को हर अभियान में कड़ा चैलेंज झेलना पड़ता है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस का मानना है कि जब तक इस इलाके में नक्सलियों की गतिविधियां कम नहीं होंगी तब तक ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे।

 

स्थानीय लोगों पर किस तरह का असर पड़ता है

नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच लगातार संघर्ष का सीधा असर आसपास के गांवों पर पड़ता है। गांववालों में हमेशा दहशत का माहौल बना रहता है। कई बार नक्सली गांवों से सामान छीन लेते हैं और लोगों को अपने हक में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इस बार हुई नक्सली मुठभेड़ के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है कि सुरक्षाबल लगातार उनके सुरक्षा कवच बने हुए हैं। लोग उम्मीद जता रहे हैं कि भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाई से गांवों का माहौल सुरक्षित रहेगा।

 

सुरक्षाबलों के हौसले बुलंद और आगे की रणनीति

मुठभेड़ के बाद अधिकारीयों ने साफ कहा है कि ऐसे अभियान लगातार चलते रहेंगे ताकि इस इलाके को नक्सली प्रभाव से मुक्त किया जा सके। जवानों का कहना है कि नक्सलियों को अब किसी भी हालत में छूट नहीं दी जाएगी। हर खुफिया जानकारी पर तुरंत कार्रवाई होगी और जनता को डर के साये से बाहर लाने की कोशिश सफल की जाएगी। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

 

भविष्य में नक्सली समस्या के समाधान की दिशा

विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सैन्य कार्रवाई से नक्सली समस्या का समाधान नहीं होगा। इलाके में विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। अगर ऐसे कदम उठाए जाते हैं तो धीरे-धीरे नक्सलियों का असर कम होगा और लोग सामान्य जीवन जी पाएंगे। सरकार और सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयास से ही इस संघर्ष को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

 

बड़ी सफलता लेकिन चुनौती अभी बाकी

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई इस बड़ी नक्सली मुठभेड़ में दो नक्सलियों का खात्मा होना सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता है। लेकिन सच यह है कि जंग खत्म नहीं हुई है। अबुझमाड़ जैसे कठिन इलाकों में अभियान चलाना हमेशा चुनौती भरा रहेगा। फिर भी, जवानों की बहादुरी और स्थानीय जनता का सहयोग इस जंग को आसान बना सकता है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र को नक्सलियों के चंगुल से पूरी तरह मुक्त कराया जा सकेगा।